मुख्यमंत्री ने किया 5 दिवसीय राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का शुभारंभ की के साथ देखें अन्य खबरें

Pahado Ki Goonj

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड को आयुष और वेलनेस के क्षेत्र में प्रमुख डेस्टिेनेशन बनाने के प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किये जाएं। उत्तराखण्ड को विश्व का सर्वश्रेष्ठ योग गंतव्य बनाने के लिए नई योग नीति शीघ्र लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पंचकर्मा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। राज्य में जड़ी बूटियों के उत्पादन को और बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए आयुष विभाग उद्यान और वन निगम से समन्वय कर संग्रह और विपणन की उचित व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों तक आयुष चिकित्सा की उपलब्धता पर ध्यान दिये जाने की जरूरत बताते हुये कहा कि आयुष के क्षेत्र में निजी भागीदारी के साथ गुणवत्ता युक्त आयुष चिकित्सालयों की स्थापना पर भी ध्यान दिया जाय। आयुष के क्षेत्र को बढावा देने के लिये जडी़ बूटी कृषकों के उत्पादों के विपणन के लिये उचित प्लेटफार्म की व्यवस्था बनाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये। स्कूली छात्रों को आयुष संबंधी जानकारी दिये जाने के लिये आयुर्विधा कार्यक्रमों के संचालन में तेजी लाये जाने के प्रयासों की जरूरत बताते हुये उन्होंने सभी स्कूलों में इसकी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने तथा आयुष नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में भी शीघ्रता के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने आयुष के क्षेत्र में बेहतर कार्य संचालन के लिये वेलनेस केन्द्रों की स्थापना, आयुष सेवाओं के प्रमाणीकरण तथा आयुष चिकित्सकों एवं फार्मशिस्टों को प्रसिद्ध आयुष विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा। इससे आयुष चिकित्सा को जनता से जोडने में मदद मिलेगी।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में आयुष नीति लागू की गई है। इसमें वेलनेस, स्वास्थ्य, आयुष उत्पादन, आयुष शिक्षा और शोध एवं औषधीय पादपों की खेती से संबंधित प्राविधान किये गये हैं। नीति में उच्च गुणवत्ता युक्त आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उत्पादन को प्रोत्साहन किये जाने, गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज (जीएपी) के अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन किये जाने की अनिवार्यता, ड्रोन आधारित नवीनतम तकनीक का प्रयोग, पीपीपी मोड पर कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, औषधीय पादपों के विक्रेताओं (कृषकों, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं) तथा क्रेताओं (औषध-निर्माताओं) को एक मंच पर लाए जाने हेतु ऑनलाइन प्लेटफार्म की स्थापना, औषधीय पादपों के लिए ‘एश्योर्ड बाय-बैक’ योजना, राज्य में अग्रणी निर्माताओं एवं प्रतिष्ठित विपणन एजेंसी के सहयोग से उत्तराखंड में उगाए जाने वाले प्रमुख औषधीय पादपों की ब्रांडिंग के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश शामिल किये गये हैं।

आयुष नीति में नवीनतम एमएसएमई नीति तथा मेगा औद्योगिक व निवेश नीति आयुष विनिर्माण इकाइयों पर भी लागू की गई है। सभी आयुष विनिर्माण इकाइयों के लिए 10 प्रतिशत तक अतिरिक्त पूंजीगत सहायता, आयुष उत्पादों की गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए राज्य के 2-3 महत्वपूर्ण स्थानों पर सामान्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना को प्रोत्साहन, आयुष उत्पादों हेतु आयुष प्रीमियम मार्क/आयुष स्टैंडर्ड मार्क प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है। इस नीति में आगामी 5 वर्षों में एनएबीएच से प्रत्यायन प्राप्त करने वाले प्रत्येक आयुष चिकित्सालय/आयुष हेल्थकेयर क्लिनिक को एनएबीएच से प्रत्यायन प्राप्त करने हेतु निर्धारित शुल्क की प्रतिपूर्ति, आयुष टेलीकंसल्टेशन ऐप प्रारंभ किए जाने की योजना शामिल की गई है।

आयुष के क्षेत्र में राज्य पर्यटन नीति, 2023 के माध्यम से वेलनेस रिसोर्ट, आयुर्वेद / योग/ नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 50 प्रतिशत तक की पूंजीगत सहायता तथा श्रेणी बी और श्रेणी सी क्षेत्रों में स्थापित होने वाले वेलनेस केंद्र, आयुर्वेद / योग/ नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 5 प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजीगत सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। आयुष शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आयुष कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से निर्धारित मानकों को पूर्ण करने वाले आयुष कॉलेजों को 15 लाख तक की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं आयुष विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को अंतर्रास्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के लिए बनाए गए अम्ब्रेला ब्राण्ड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के किसानों को उनके उत्पादों का अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके और उनके उत्पादों को एक अच्छी ब्राण्डिंग और बाजार मिल सके इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा लगातार प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज के लिए विश्वस्तरीय वेबसाईट तैयार की जाए, साथ ही मोबाइल ऐप भी तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों से उत्पाद खरीदने के बाद वैल्यू एडिशन के लिए पूरे प्रदेश में उत्पादन क्षेत्रों के आसपास ही प्रोसेसिंग और पैकेजिंग सेंटर तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज में उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने के बाद ही शामिल किया जाए। गुणवत्ता मानकों को पूरा करने वाले स्थानीय उत्पादों को लगातार हाउस ऑफ हिमालयाज में शामिल किया जाए।

मुख्य सचिव ने हाउस ऑफ हिमालयाज को शीघ्र शुरू किए जाने हेतु प्रत्येक स्तर के पूर्ण होने की टाईमलाईन निर्धारित करते हुए निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज को विश्वस्तरीय ब्राण्ड बनाने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा अपने अंतर्गत उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर सचिव श्रीमती राधिका झा एवं अपर सचिव श्री मनुज गोयल, श्री आनन्द स्वरूप सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं, ताकि यह केंद्र उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि देश और विदेश में भी भूस्खलन न्यूनीकरण पर कार्य कर सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश की सभी टाउनशिप की लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (LiDAR) तकनीक से मैपिंग कराई जाए। अधिक संवेदनशील शहरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले LiDAR मैपिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि कार्य बहुत अधिक है और कम समय में किया जाना है इसलिए विश्वस्तरीय संस्थानों के साथ कोलेबोरेशन करते हुए विश्वस्तरीय तकनीक का उपयोग किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यों को गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए विश्व की बेहतरीन तकनीक अपनाई जाए। इसके लिए अलग से एक सेल का गठन किया जाए जो विश्व की बेस्ट और लेटेस्ट तकनीक को तलाश लगातार करते हुए तत्काल अपनाए। उन्होंने कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में कार्य करते हुए अगले एक साल में, तीसरे साल में और 5वें साल के लिए रोडमैप तैयार किया जाए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा,  एच. सी. सेमवाल एवं उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया 5 दिवसीय राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का शुभारंभ*

*राज्य के युवाओं को रोजगार के साथ स्वरोजगा के साथ अलग-अलग दिवसों पर यूथ एज जॉब क्रिएटर्स विषय पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा युवाओं के साथ परिचर्चा की जाएगी।

खेल मंत्री ने बताया कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती पर देहरादून में राष्ट्रीय युवा दिवस का शुभारंभ मुख्यमंत्री ही करेंगे। इस दिन उनके हाथों विवेकानंद यूथ अवार्ड का भी वितरण किया जाएगा। इसके अलावा 12 से 16 जनवरी तक नासिक महाराष्ट्र में होने वाले राष्ट्रीय युवा महोत्सव में युवा महोत्सव के विजेता उत्तराखंड की ओर से प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में इस राज्य स्तरीय आयोजन में युवाओं को उचित प्लेटफार्म मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 5 से 9 जनवरी तक देहरादून के परेड मैदान में 5 दिवसीय राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में आयोजित कैरियर काउंसलिंग शैशन में प्रतिभाग कर युवाओं को सही नौकरी चयन करने में भी मदद मिलेगी। रोजगार मेले में युवाओं को योग्यता के अनुसार संबंधित क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये महिला मंगल दल एवं युवक मंगल दल भी प्रतिभाग करेंगे, जो प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति, लोकगीत, वाद्य यंत्र की प्रस्तुतियां करेंगे।

कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में युवाओं के हित में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए हम सभी प्रयास कर रहे हैं।

  1. इस अवसर पर विधायक  खजान दास, निदेशक युवा कल्याण  जितेन्द्र सोनकर सहित अन्य अधिकारी एवं युवा प्रतिभागी उपस्थित थे।

हरिद्वार में ‘पतंजलि गुरूकुलम् एवं आचार्यकुलम् शिलान्यास’ समारोह में माननीय रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह जी के साथ प्रतिभाग

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह के देवभूमि उत्तराखंड आगमन पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर स्वागत किया।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का भी देवभूमि आगमन पर स्वागत किया।

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भारत की नैतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के लिए देश में और अधिक गुरुकुल हों स्थापित।*

*गुरुकुलों से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अग्रसर होने का किया आह्वान।*

*हमारे ज्ञान का विशाल भंडार पूरी दुनिया को है समर्पित- रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह*

केंद्रीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को स्वामी दर्शनानन्द गुरूकुल महाविद्यालय, हरिद्वार में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय कानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल एवं योग गुरु स्वामी रामदेव की उपस्थित में ’पतंजलि गुरूकुलम’ एवं ’आचार्यकुलम’ का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।

रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि देश में गुरूकुलों में न केवल आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाए, बल्कि भारत की नैतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के लिए और अधिक गुरुकुल स्थापित किए जाने चाहिए। ऐसे समय में जब विदेशी संस्कृति के अनुकरण के कारण नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है, युवाओं को नैतिक मूल्यों के समावेश के साथ आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए गुरुकुलों को यह दायित्व निभाने के लिए आगे आना चाहिए।

उन्होंने गुरुकुलों से आज के निरंतर विकसित हो रहे समय के साथ तारतम्य बिठाते हुए पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम प्रौद्योगिकी जैसी उभरती और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अग्रसर होने का आह्वान किया। “ऐसी प्रौद्योगिकियां विकसित करें जो देश को इस क्षेत्र में अग्रणी बनायें। उन्होंने कहा कि गुरुकुलों को अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करना चाहिए, आने वाले समय में वे एक बार फिर देश और उसकी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करें और भारत की नई पहचान बनें। रक्षा मंत्री ने कहा कि “लगभग 1,500 वर्ष पूर्व भारत में कई बड़े विश्वविद्यालय थे, जिनमें गुरुकुल परंपरा प्रचलित थी। उसके बाद, देश ने विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा उस व्यवस्था को लगभग नष्ट होते हुए देखा। बदले में, उन्होंने एक ऐसी प्रणाली विकसित की जो हमारे युवाओं को देश की सांस्कृतिक भावना के अनुरूप शिक्षा प्रदान नहीं करती थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि उस दौरान, स्वामी दर्शनानंद जी ने इस गुरुकुल की स्थापना की, जो तत्कालीन समय से हमारी युवा पीढ़ियों को ज्ञान और संस्कृति के माध्यम से दीप्तिमान कर रहा है।”

रक्षा मंत्री ने देश में सांस्कृतिक विकास में गुरुकुलों की भूमिका को रेखांकित करते हुए सांस्कृतिक उत्थान की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकालेश्वर धाम से राम मंदिर तक बुनियादी ढांचागत विकास से पता चलता है कि सरकार हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और उसके उत्थान की दिशा में कार्यरत है। यह विचार सांस्कृतिक संरक्षण से भी आगे जाता है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां इस महान देश की संस्कृति पर गर्व कर सकें। उन्होंने कहा कि गुरुकुल इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।” राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए, रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने प्राथमिक शिक्षा से ही युवाओं के मन में नैतिक मूल्यों को विकसित करने के सरकार के संकल्प को दोहराया।

रक्षा मंत्री ने योग के महत्व का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे इसके हितकारी होने के कारण संपूर्ण विश्व ने प्राचीन भारतीय पद्धति का अनुसरण किया है। “भारत वसुधैव कुटुंबकम (विश्व एक परिवार) की अवधारणा का पालन करता है। हमारे ज्ञान का विशाल भंडार पूरी दुनिया को समर्पित है। अब 21 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि योग की इस प्रथा को, कभी केवल भारत तक ही सीमित माना जाता था, लेकिन अब इसे विश्व स्तर पर लोगों ने स्वीकार किया है, अब योग प्रणाली पूरे विश्व के लोगों के दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।” भारतीय साहित्य में संस्कृत के महत्वपूर्ण स्थान की चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री ने प्राचीन भारतीय भाषा को उसी तरह बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया जिस प्रकार से योग को लोगों के लिए सुलभ बनाया गया था।

*गुरूकुलम में छात्र शिक्षा के साथ संस्कारवान बनकर आदर्श नागरिक के रूप में समाज में देंगे अपना योगदान*

*स्वामी दर्शनानंद का प्राचीन गुरूकुल परंपरा को पुर्नजीर्वित करने में है बड़ा योगदान- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी दर्शनानंद का प्राचीन गुरूकुल परंपरा को पुर्नजीर्वित करने में बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा जिस प्रकार स्वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ के माध्यम से विश्व में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने का कार्य किया, उसी प्रकार पतंजलि गुरूकुलम भी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का द्योतक बनेगा। गुरूकुलम में बच्चों को शिक्षा के साथ ही संस्कार भी मिलेंगे, जिससे वो एक आदर्श नागरिक के रूप में समाज में अपना योगदान दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुकुल में गुरु अपने छात्रों को अपना कुलवाहक मानकर उन्हें तैयार करते हैं तथा शिक्षित कर उन्हें आदर्श मनुष्य बनाने का काम करते हैं। भविष्य में पतंजलि गुुरुकुलम् रूपी गंगोत्री से निकले छात्र भारतीय शिक्षा पद्धति की धर्म ध्वजा को चारों ओर फहराने का कार्य करेंगे। व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश में अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। भगवान राम का भव्य और दिव्य मंदिर बन रहा है। जिसके साक्षी हम सभी 22 जनवरी को बनेंगे। काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के भव्य कोरिडोर, उज्जैन में महाकाललोक कॉरिडोर, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण हमारी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने राज्य हित में ऐतिहासिक फैसले लेते हुए उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया गया है। देवभूमि में पहली बार अतिक्रमण के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए। इसके साथ ही भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा अब हम देवभूमि में समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सात प्रमुख नगरियों में से मध्य प्रदेश की अवन्तिका नगरी तथा यहां की मायापुरी प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि यह श्रीकृष्ण की धरा है। यहां आचार्य संदीपनी के आश्रम में श्रीकृष्ण ने 64 कला तथा 14 विद्याओं का अध्ययन किया था। नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुये कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना है। उन्होंने योग गुरू स्वामी रामदेव से अपेक्षा की कि इस गुरूकुलम को जल्द से जल्द तैयार करने के साथ ही ऐसा ही गुरूकुलम मध्य प्रदेश में भी स्थापित करने का प्रयास करें, जिसके लिये मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पूरा सहयोग प्रदान किया जायेगा।

कार्यक्रम में केन्द्रीय कानून मंत्री  अर्जुन राम मेघवाल, सांसद सुधांशु त्रिवेदी, भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन  एम0पी0 सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। योग गुरू स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने भारतीय संस्कृति, गुरूकुलम एवं आचार्यकुलम के इतिहास आदि की जानकारी दी।

इस अवसर पर सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री व नगर विधायक  मदन कौशिक,  प्रदीप बत्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री  यतीश्वरानन्द,  बालकनाथ महाराज, स्वामी परमानन्द,  ज्ञानदेव,  राजीव, महन्त रविन्द्रपुरी, स्वामी हरिचेतनानन्द, रूड़की विधायक पूर्व विधायक लक्सर  संजय गुप्ता, कुलाधिपति डॉ0 सत्यपाल सिंह, जिलाधिकारी  धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  प्रमेन्द्र डोभाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
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मुख्यमंत्री ने किया दो दिवसीय ‘हिमगिरी महोत्सव-2024″ का शुभारम्भ*

*देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है – मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बी.आर. अम्बेडकर स्टेडियम कौलागढ़ रोड देहरादून में ओएनजीसी एवं उत्तराखंड सरकार के सहयोग से पर्वतीय सरोकारों के लिए समर्पित” हिमगिरि सोसाइटी” द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘हिमगिरी महोत्सव-2024″ का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में डॉ॰ दिनेश कुमार असवाल, चित्रकला के क्षेत्र में प्रो. शेखर चंद्र जोशी तथा पर्यावरण के क्षेत्र में  सचिदानंद भारती को “हिमगिरि गौरव सम्मान-2024″ तथा हिमगिरि के संस्थापक सदस्य  दिनेश कुमार पांडे को तेल एवं गैस अन्वेषण के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिये लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने हिमगिरि महोत्सव सांस्कृतिक समागम के भव्य आयोजन के लिये आयोजकों के साथ हिमगिरि सम्मान और लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित विभूतियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ओएनजीसी के सेवानिवृत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पंजीकृत हिमगिरी सामाजिक संस्था अपने समर्पण और सेवाओं के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्र की समृद्धि, संस्कृति और विकास में अग्रणी भूमिका निभा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है। ऐसे आयोजन हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान कर आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने तथा सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करते हैं। इससे हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच उपलब्ध होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। संगठन चाहे वह सामाजिक, साहित्यिक हो या सांस्कृतिक उसमें बड़ी शक्ति होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हम आगे बढ़ रहे हैं। हमें भारत को पुनः विश्व गुरू के पद पर आरूढ़ करने के लिए हर परिस्थिति को पार करना है। भारत को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हर छोटी बड़ी कोशिश करनी है। श्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के ’विकल्प रहित संकल्प’ को प्राप्त करने हेतु अपने प्रयास निरंतर जारी रखने होंगे। मुख्यमंत्री ने सभी का आह्वान किया कि हमारे ये सभी प्रयास तभी सफल होंगे जब हम सब आपसी सहयोग से राज्य के विकास में अपना योगदान देंगे।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, अध्यक्ष उत्तराखण्ड श्रम संविदा बोर्ड  कैलाश पंत, सोसाइटी के अध्यक्ष  गोपाल जोशी, सचिव  आशीष चौहान,  संदीप सिंह बिष्ट,  एल मोहन लखेड़ा,  देवेन्द्र बिष्ट, श्रीमती शोभा नेगी,  विजय मधुर,  मनमोहन नेगी,  परमेश उनियाल, आर जे काव्या,  मातबर सिंह असवाल आदि उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर उन्होंने राज्य से संबंधित विभिन्न समसामयिक विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की।
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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार श्री दीपक चंद्र बड़थ्वाल के निधन पर दुःख व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

महानिदेशक सूचना  बंशीधर तिवारी ने भी वरिष्ठ पत्रकार श्री दीपक चंद्र बड़थ्वाल के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से रविवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड के युवाकलाकार लोकगायक  हरू जोशी, नीरज चुफाल के साथ कॉमेडियन  सौरभ सिंह एवं सिनेमा जगत से विट्टू मंमगांई,  अशुतोष कुमार, देवेन्द्र सिंह खोलिया तथा  गौरव राणा ने भेंट की।

मुख्यमंत्री ने युवा हुनर को आगे बढाने की प्रेरणा देते हुये कहा कि हमारे प्रदेश में कला और हुनर की भरमार है और हम कला और हुनर की कदर करते है, और हुनरमंद युवाओं को आगे बढाने में तत्पर रहते है। उन्होंने युवा कलाकार और लोकगायकों से आशा व्यक्त की कि उत्तराखण्ड के युवाकलाकार आने वाली पीढ़ी के लिये प्रेरणा का काम करेंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी सहित उत्तराखण्ड सिनेमा जगत से संबंधित लोग उपस्थित रहे।

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माननीय उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल के अनुमोदन से मोहकमपुर, देहरादून में न्यायिक अधिकारियों हेतु 32 तथा न्यायालय के कर्मचारीगण हेतु 32 आवासीय यूनिट का निर्माण प्रस्तावित है. इस परिसर में पर्यापत पार्किग क्षमता के साथ एक मल्टीपरपज हाल का निर्माण भी प्रस्तावित है। दिनांक 07.01.2024 को देहरादून के मोहकमपुर में जिला न्यायालय के न्यायाधीशगण तथा कर्मचारीगण के लिये नवीन आवासीय परिसर का शिलान्यास मा० मुख्य अतिथि, माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मा० उच्च न्यायालय उत्ताराखण्ड, नैनीताल न्यायमूर्ति  मनोज कुमार तिवारी जी द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया। इससे पूर्व जिला न्यायाधीश  प्रदीप पंत जी, जिला न्यायालय के अन्य न्यायिक अधिकारीगण तथा कार्यदायी संस्था एन० बी० सी० सी० के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक श्री योगेश शर्मा जी द्वारा भूमि पूजन किया गया।

02 शिलान्यास कार्यक्रम में कार्यदायी संस्था एन० बी० सी० सी० के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक श्री योगेश शर्मा जी ने मा० मुख्य अतिर्थि माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल न्यायमूर्ति  मनोज कुमार तिवारी जी एवं अन्य सभी अतिथिगण के स्वागत में सम्बोधन दिया ।

03 शिलान्यास कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल न्यायमूर्ति  मनोज कुमार तिवारी जी द्वारा अपने संबोधन में यह विश्वास व्यक्त किया कि यह भवन शीघ्र ही बनकर तैयार हो जायेगा तथा इसके निर्माण से जिला न्यायालय के न्यायाधीशगण एवं कर्मचारीगण का गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित होगा और उनके कार्यों को प्रभावी रूप से कार्य करने में सुविधा होगी। इससे आमजन को समयबद्ध रूप से न्याय सुनिश्चित करने तथा लोकतांत्रिक दायित्वों की पूर्ति में भी सहायता मिलेगी।

04 जिला न्यायाधीश, देहरादून  प्रदीप पंत जी द्वारा यह अवगत कराया कि आमजन की न्याय तक पहुंच अदालतों तक आसान पहुंच से भी प्रारंभ होती है, परंतु अक्सर न्यायालय परिसरों तथा आवासीय भवनों के लिए सही स्थल पर भूमि की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आती है और कई बार समय पर धन अनुदान उपलब्ध न होने के कारण भी न्याय व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। वर्तमान में देश भर में जिला न्यायपालिका में 6,021 आवासीय इकाइयों की कमी है। कई स्थानों पर नई भर्ती होने पर या स्थानांतरित होने पर, एक न्यायिक अधिकारी की पहली चिंता अक्सर रहने के लिए एक सुरक्षित और उचित आवास की तलाश होती है। जिला न्यायाधीश, देहरादून  प्रदीप पंत जी द्वारा मा० उच्च न्यायालय, उत्त्तराखण्ठ, नैनीताल, विशेषतः माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, गा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल न्यायमूर्ति  मनोज कुमार तिवारी जी, मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल के अन्य माननीय न्यायमूर्तिगण सहित वर्चुअल एवं भौतिक रूप से उपस्थित सभी गणमान्यजन को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा

05. इस शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, मा० उच्य न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल न्यायमूर्ति  मनोज कुमार तिवारी जी, मा० न्यायमूर्ति  आलोक कुमार वर्मा जी. मा० न्यायमूर्ति  राकेश थपलियाल जी, मा० न्यायमूर्ति  पंकज पुरोहित जी. भा० न्यायमूर्ति  विवेक भारती शर्मा जी, उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल के महानिबन्धक  आशीष मैयानी जी, अन्य निबन्धकगण, प्रमुख सचिव, न्याय  नितिन शर्मा जी  राज्यपाल के विधिक सलाहकार  अमित कुमार सिरोही जी, प्रधान कुटुम्ब न्यायाधीश राजीव कुमार खुल्ये जी, प्रमुख सचिव विधायी  एस० एम० डी० दानिश जी, जनपद देहरादून के न्यायिक अधिकारीगण, कार्यदायी संस्था एन० बी० सी० सी० के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक  योगेश शर्मा जी, बार ऐसोसिएशन देहरादून के सम्मानित पदाधिकारीगण एन० बी० सी० सी० के अपर महाप्रबन्धक अनुराग सिंघल, अपरमहा प्रबन्धक सौरभ त्यागी भी उपस्थित रहे। कार्यकम का संचालन न्यायिक मजिस्ट्रेट, देहरादून श्रीमती उर्वशी रावत ने किया।
केंद्रीय साध्यपाल
जिला न्यायालय जनपद
देहरादून।

*नाबालिग से दुष्कर्म व गर्भपात के मामले में महिला आयोग सख्त: अध्यक्ष ने लिया मामले में संज्ञान*

सहसपुर निवासी 15 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म व गर्भपात के मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष ने संज्ञान लिया है। जानकारी मिलने पर आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने एसपी देहात देहरादून से फोन पर वार्ता करते मामले में आरोपी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है।

मामले में जानकारी देते हुए एसपी देहात कमलेश उपाध्याय ने बताया की उक्त आरोपी पहले से नाबालिग के संपर्क में पहले से था तथा उसके साथ दुष्कर्म के बाद उसने उसे गर्भपात की दवा दी। दवा खाने के बाद 3 जनवरी को 15 वर्षीय नाबालिग बालिका की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां पहुंचने पर जांच कर डॉक्टर ने बताया की किसी युवक ने नाबालिग से दुष्कर्म किया जिससे वह गर्भवती हो गई थी तथा उसने नाबालिग को गर्भपात की दवा खिला दी। जिससे उनका गर्भपात हो गया तथा तबियत बिगड़ गयी है।

मामले में जांच व जानकारी करने पर पता चला कि युवक ने डरा धमकाकर नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म किया था।

पुलिस द्वारा पीड़िता के पिता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ पोक्सो सहित दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी देने, गर्भपात कराने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

मामले में आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने सभी तथ्यों की गहनता व गंभीरता से जाँच के लिए किया है तथा उन्होंने कहा कि पुलिस सख्ताई से ऐसे क्षेत्रों में जहां बाहर से आकर लोग रह रहे है या काम कर रहे है उनकी जांच व सत्यापन समय समय पर लगातार करते रहना चाहिए ताकि ऐसे बाहरी लोगों के द्वारा कुकृत्य ना किये जाएँ।
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केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद श्री अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर काठगोदाम एचएमटी की भूमि में दिल्ली एम्स की शाखा खोले जाने को लेकर पत्र लिखा है।  भट्ट ने कहा कि एचएमटी की भूमि पर दिल्ली एम्स की शाखा खोलने से पहाड़ी जनपदों के गरीब मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा।

केंद्रीय मंत्री  भट्ट ने मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से वार्ता करते हुए पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने बताया है कि उत्तराखण्ड के कुमाऊं रीजन में जनपद ऊधमसिंहनगर के
अन्तर्गत किच्छा में सैटेलाईट एम्स स्थापित किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, जिसका यथाशीघ्र कार्य प्रारम्भ हो जाएगा, जो कि उत्तराखण्ड राज्य के लिए हर्ष का विषय है।

पर्वतीय क्षेत्र के गंभीर रोगियों को दिल्ली या ऋषिकेश एम्स मे जाना पड़ता है। दिल्ली एवं ऋषिकेश की दूरी कुमाऊं क्षेत्र से लगभग बराबर है। दिल्ली या ऋषिकेश जाने के बाद लोगों के पास ठहरने की कोई व्यवस्था भी नहीं हो पाती है, चूंकि आर्थिक दृष्टि से लोग काफी कमजोर होने से महंगे होटलों को किराये में लेने के लिए समर्थ नहीं हैं। पर्याप्त संसाधन एव धन का अभाव होने के कारण कई मरीज दिल्ली एवं ऋषिकेश (देहरादून) जाने में ही अपना दम तोड़ देते हैं।

उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां भी अत्यधिक विषम है। बरसात में भू-स्खलन, बाढ़ आदि का खतरा एवं सर्दियों में पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात होने से काफी परेशानी होती है।

यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कुमाऊं क्षेत्र में जनपद नैनीताल के अन्तर्गत हल्द्वानी एच०एम०टी० की भूमि/भवन में दिल्ली एम्स की शाखा को स्थापित किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में उनकी एम्स के निदेशक, प्रो० (डॉ०)  श्रीनिवास जी से वार्ता हुई और उन्होंने यह आश्वासन दिया कि हल्द्वानी में एच०एम०टी० की भूमि / भवन उपलब्ध कराने पर दिल्ली एम्स की शाखा को स्थापित किया जा सकता है। इस विषय के सम्बन्ध में पूर्व में एम्स के निदेशक, प्रो० (डॉ०)  श्रीनिवास जी से भी उनके द्वारा मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी जी की वार्ता कराई गई है।

केंद्रीय मंत्री  भट्ट ने बताया कि यदि जनपद नैनीताल के अन्तर्गत हल्द्वानी एच०एम०टी० की भूमि / भवन में दिल्ली एम्स की शाखा को स्थापित किया जाता है, तो इससे पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल एवं ऊधमसिंहनगर की जनता को बहुत बड़ी राहत मिलने के साथ ही निकटतम स्थान में ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी तथा गंभीर रोगियों को दिल्ली एम्स में लाकर उच्च कोटि का उपचार दिया जा सकेगा।

लिहाजा  भट्ट ने जनहित को मद्देनजर रखते हुए एवं स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए हल्द्वानी एच०एम०टी० की भूमि / भवन को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, (एम्स) को देने की बात कही है।

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