देहरादून,12 जुलाई। 
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी)  की त्रैमासिक बोर्ड बैठक मंदिर समिति के केनाल रोड स्थित सभागार में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में शुरू हुई जिसमें  पहली बार मंदिर समिति कर्मचारियों हेतु  सेवा नियमावली बनाये जाने तथा मंदिर समिति के 400 कार्मिकों को उपनल की तर्ज पर मानदेय बढ़ाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा गया है   साथ ही श्री बदरीनाथ  धाम एवं श्री केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों को बेहतर  यात्रा प्रबंधन,दर्शन व्यवस्था एवं यात्री सुविधाओं से संबंधित विषयों पर चर्चा के पश्चात प्रस्ताव पारित हुए।
बैठक की शुरुआत करते हुए बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि यशस्वी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल दिशा निर्देशन में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने धामों की मान्यताओं परंपराओं के अनुसार तीर्थयात्रा को संचालित किया है। बेहतर यात्रा प्रबंधन के फलस्वरूप अभी तक 1073753 ( दस लाख तिहत्तर हजार सात सौ तिरपन) तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम तथा 1144 107 ( ग्यारह लाख चवालीस हजार एक सौ सात) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये है। दोनों धामों में अभी तक सवा बाईस लाख तीर्थयात्री  पहुंच गये है। कहा कि  मंदिर समिति अधिकारियों- कर्मचारियों, सहित शासन-प्रशासन, हक हकूकधारियों, धामों के तीर्थपुरोहितों के सहयोग से यात्रा सरल सुगम माहौल में संचालित हुई है।
बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बैठक का ऐजेंडा मंदिर समिति पदाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। इससे पहले उनके द्वारा 27 मार्च 2023 की बोर्ड बैठक के निर्णयों की अनुपालन आख्या सदन के समक्ष रखी जिस पर मंदिर समिति सदस्यों ने चर्चा की तथा अपने सुझाव रखे।
बैठक में सर्वसम्मति से  त्रिजुगीनारायण मंदिर, श्री तुंगनाथ मंदिर परिसरों के विकास, सौंदर्यीकरण, विस्तारीकरण सहित श्री केदारनाथ धाम में भैरवनाथ शिला परिक्रमा निर्माण कार्यों हेतु कार्ययोजना को स्वीकृति दी गयी।
बैठक में बताया गया श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारियों अधिकारियों की सेवा नियमावली नहीं थी पहली बार कर्मचारी सेवा नियमावली बनाने की अभिनव पहल हुई है।
मंदिर समिति ने कार्मिकों के हित में  बड़ा निर्णय लेते हुए 400 अस्थाई कर्मचारियों के मानदेय को उपनल की तर्ज पर बढाये जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है तथा अस्थाई कर्मचारियों को ईपीएफ की सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी।
सचिवालय की तर्जपर मंदिर समिति ने अपना  सुरक्षा संवर्ग बनाने का भी फैसला किया है तथा पदों  के सृजन हेतु शासन को प्रस्ताव किया है। ताकि यात्रियों को पूजा व्यवस्था, दर्शन व्यवस्था में उचित  सुविधा  मिल सकेगी।
मंदिर समिति के ई आफिस डिजिटलीकरण, ई फाइलिंग आदि हेतु सूचना प्रोद्योगिकी के पदों हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा   गया है।
श्री केदारनाथ धाम  में तीर्थयात्रियों की भारी संख्या को देखते हुए   अपर  मुख्य कार्याधिकारी पद सृजन हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी। ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में सुरक्षा दीवार बनाये जाने, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारियों को स्वास्थ्य तथा जोखिम को देखते भारतीय स्टेट बैंक द्वारा ग्रुप इंश्योरेंस सुविधा प्रदान किये जाने के प्रयास किये जा रहे है।, इंडियन ग्लोबल फाउंडेशन को बदरीनाथ धाम में यात्री विश्राम गृह बनाने की अनुमति देने,टैक्सीस्टेंड बदरीनाथ धाम में मंदिर समिति की नवनिर्मित दुकानों के नियमानुसार आबंटन के संबंध में उपाध्यक्ष  मंदिर समिति किशोर पंवार   के पत्र के अनुसार बदरीनाथ में मंदिर समिति की खाली भूमि पर दुकानों के निर्माण पर भी कार्ययोजना बनेगी।
 मंदिर समिति की लखनऊ एवं फतेहपुर स्थित संपत्ति के संरक्षण, श्री केदारनाथ धाम मंदिर प्रांगण में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं हेतु रेलिंग कार्य संबंधित प्रस्ताव पारित हुए।
बैठक में मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार,सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, महेंद्र शर्मा, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी,  भास्कर डिमरी,डा. वीरेंद्र असवाल, राजपाल जड़धारी,कृपाराम सेमवाल, नंदा देवी, रणजीत सिंह राणा, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, वरिष्ठ वित्त अधिकारी भारत चंद्र, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, विशेष कार्याधिकारी रमेश सिंह रावत, कार्याधिकारी आरसी तिवारी,सहायक अभियंता गिरीश देवली, सहायक अभियंता विपिन तिवारी, निजी सचिव प्रमोद नौटियाल, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़,  कमेटी सहायक अतुल डिमरी, दीपेन्द्र रावत, अमित देवराड़ी आदि मौजूद रहे।
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चाय बागान मामले में हाईकोर्ट सख्त, ठोका 20 हजार जुर्माना

– कहा, हलफनामा दाखिल न करने वाले अधिकारी से वसूला जाए
– चाय बागान की सीलिंग की भूमि की खरीद-फरोख्त का मामला

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने चाय बागान की सीलिंग की भूमि की खरीद-फरोख्त मामले में दायर एक जनहित मामले की सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा समय पर हलफनामा दाखिल न किये जाने पर नाराजगी जतायी। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने को हलफनामा दाखिल करने में कोताही बरतने वाले अधिकारी से वसूलने के आदेश दिये गये हैं। यह जनहित याचिका एडवोकेट विकेश नेगी ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि चाय बागान की सीलिंग की जमीन सरकार की है, लेकिन कुछ अफसरों और भूमाफिया की मिलीभगत से इस भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त हो रही है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल की बेंच इस जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे हैं। बेंच इस ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि राज्य सरकार को तीन बार इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के अवसर दिये गये। इसके बावजूद राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय चाहिए। दरअसल, इस मामले में राज्य सरकार के अतिरिक्त महा अधिवक्ता जेपी जोशी ने बेंच से अपील की कि हलफनामा दाखिल करने के लिए कुछ और समय चाहिए। बेंच ने राज्य सरकार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में 20 हजार रुपये जमा कराने के आदेश देते हुए कहा कि यह राशि काउंटर एफिटेविड में देरी करने वाले अधिकारी से वसूले जाएं। अदालत ने इसके बाद राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय दे दिया।

गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने पिछले साल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी कि देहरादून में चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त चल रही है जो कि गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 10 अक्टूबर 1975 के बाद चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह जमीन स्वतः ही सरकार की हो जाएगी। एडवोकेट नेगी के अनुसार रायपुर, रायचकपुर, लाडपुर और नत्थनपुर समेत जिले में चाय बागान की सीलिंग की जमीन को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। इस मामले में देहरादून अपर जिलाधिकारी की कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है।

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नौकरियों में धांधलियों को लेकर हाईकोर्ट सख्त
– राज्य सरकार से चार सप्ताह में किया जवाब तलब
– भर्ती परीक्षाओं में धांधली की जांच सीबीआई को देने की जनहित याचिका

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने भर्ती परीक्षाओं में धांधली होने और सहकारी बैंकों में नौकरियों में अनियमितता को लेकर तल्ख तेवर अपनाए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिये हैं कि वह बताएं कि धांधलियों के संबंध में अब तक क्या कार्रवाई की गयी है। राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देना होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में 16 मार्च को जो हलफनामा दिया था वह नाकाफी है। हाईकोर्ट आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। एडवोकेट नेगी ने जनहित याचिका में कहा है कि भर्ती परीक्षाओं की जांच सीबीआई को दी जाएं।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल की बेंच इस जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि सरकार भर्ती प्रकरण में मुख्य अभियुक्तों को बचा रही है। यह एक गंभीर मामला है और भर्ती परीक्षा के तार कई राज्यों से जुड़े हुए हैं। याचिकाकर्ता के मुताबिक एसटीएफ की जांच का एक सीमित दायरा है। और एसटीएफ अब तक असल मुजरिमों को पकड़ने में नाकाम रही है। ऐसे में यह मामला सीबीआई को दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने पुलिस द्वारा बेरोजगार युवाओं पर पुलिस लाठीचार्ज को भी धांधलियों को दबाने का एक प्रयास बताया है।

गौरतलब है कि यूकेएसएसएससी की वीपीडीओ, पुलिस, वन आरक्षी, एईजेई समेत लगभग आधा दर्जन भर्ती परीक्षाओं में धांधली होने से इन परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने 80 से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि असल गुनाहगार अब भी पकड़ से दूर हैं। इसलिए मामला सीबीआई को दिया जाना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 11 दिसम्बर को होगी।

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प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में ‘‘एमपैक्स (बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति) एकमुश्त समाधान योजना‘‘ हुई लागू‘‘

‘‘योजना के तहत पात्र मृतक बकायेदार सदस्यों के वारिसान/आश्रितों/गारण्टर का शत-प्रतिशत ब्याज किया जाएगा माफ‘‘

सूचना/पौड़ी/12 जुलाई, 2023ःजिला सहायक निबंधक सहकारी समिति पौड़ी गढ़वाल पान सिंह राणा ने बताया कि प्रदेश में प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में ‘‘एमपैक्स (बहुउदेश्शीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति) एक मुश्त समाधान योजना‘‘ लागू की गई है। जिसके तहत पात्र मृतक बकायेदार सदस्यों का शत-प्रतिशत ब्याज माफ किया जाना है। मृतक बकायेदार सदस्यों के वारिसान/आश्रित/गारण्टर को ब्याज मुक्त लाभ को प्राप्त करने हेतु मूलधन की समस्त राशि जमा करनी होगी।
जिला सहायक निबंधक सहकारी समिति पौड़ी गढ़वाल पान सिंह राणा ने बताया कि योजना के अंतर्गत जनपद में कुल मृतक बकायेदार सदस्य 4610 पर कुल बकाया 556.09 लाख रूपये है जिसमें मूलधन 252.36 लाख रूपये जिस पर ब्याज 303.73 लाख रूपये है। उन्होंने बताया कि इस योजना का सफल क्रियान्वयन हेतु विकासखण्डवार तथा जनपद स्तर पर एक-एक कमेटी गठित की गयी है। योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए मृतक बकायेदारों से संबंधित वारिसान/आश्रित/गारण्टर न्याय पंचायत स्तर पर पंजीकृत प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में संपर्क कर अपनी सहमति पत्र उपलब्ध सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह योजना 30 सितम्बर, 2023 तक प्रभावी रहेगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर 9412394163, 9411360605 पर सम्पर्क कर सकते हैं।