हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ जैसे हालात सोनाली नदी के तटबंध टूटे, कई गांवों में घुसा पानी जानिए समाचार

Pahado Ki Goonj
हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ जैसे हालात
सोनाली नदी के तटबंध टूटे, कई गांवों में घुसा पानी
पानी के कारण कई रास्ते हुए बंद
बाजार में 4 से 5 फिट तक भरा पानी
देहरादून। प्रदेश में आफत की बारिश जारी है। लगातार हो रही बारिश के कारण लक्सर सोलानी नदी पर मोहम्मदपुर बुजुर्ग गांव के पास बना तटबंध टूट गया। जिसके कारण लक्सर, खानपुर क्षेत्र समेत 24 से अधिक गांवों में बाढ़ से हालात पैदा हो गये हैं। बाढ़ आने के कारण लोगों को बड़ी परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है। कस्बों और देहात में कई जगह ज्यादा पानी आने से रास्ते बंद हो गए हैं।
राज्य आपदा केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार देर रात से ही लक्सर बाजार व लक्सर क्षेत्र के आस-पास के गांव जलमग्न हो गए हैं। पुलिस प्रशासन ने पहले ही तटबंध टूटने पर लोगों को जागरूक भी किया था। साथ ही सभी को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए भी कहा गया था। बता दें फिलहाल लक्सर बाजार की स्थिति बेहद खराब है। बाजार में 4 से 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। दुकानदारों को इससे बड़ी दिक्कतें आ रही हैं। उनका सारा सामान पानी में डूब गया है। जिन क्षेत्रों में पानी ज्यादा है वहां के लोग अपनी जरुरतों का सम्मान लेकर बच्चों के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं। जिससे जान माल की हानि से बचा जा सके। बरसात के कारण लक्सर और खानपुर क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसल नष्ट हो गई हैं।
लक्सर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे कार्य भी बारिश के कारण बाधित हुआ है। यहां लाखों की पाइपलाइन बह गई है। सीवर का पानी घरों, दुकानों में घुस गया है। लक्सर हरिद्वार रोड पर पानी होने के बावजूद भी आस्था कम नहीं हो रही है। कांवड़ियों के हौसले बुलंद है। लगातार कांवड़िये डीजे की धुन परनाचते झूमते अपने गंतव्य को जा रहे हैं। प्रशासन भी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करता दिखाई दे रहा है।
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पहाड़ों की रानी मसूरी में प्रशासनप हुआ अलर्ट
देहरादून। मसूरी में प्रशासन भारी बारिश की संभावना को देखते हुए अलर्ट मोड पर है। मसूरी एसडीएम नंदन कुमार के निर्देश के बाद नायब तहसीलदार विनोद तिवारी प्रशासनिक टीम के साथ मसूरी के बारिश से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण कर हालातों का जायजा लिया। बता दें मसूरी लंढौर बूचड़खाने में पिछले दिनों प्राकृतिक नाला बंद होने के बाद लोगों के घरों में बारिश का पानी जाने से भारी नुकसान हुआ। जिसके बाद एसडीएम मसूरी नंदन कुमार ने नगर पालिका और छावनी परिषद मसूरी की टीम के साथ बूचड़खाने क्षेत्र का निरीक्षण किया। जिसके बाद उन्होंने नगर पालिका और छावनी परिषद के अधिकारियों को संयुक्त रूप से क्षेत्र के प्राकृतिक नाले को समय समय पर साफ करने के निर्देश दिये।
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कोटद्वार में भीषण कार हादसा
कार अनियंत्रित होकर नदी में गिरी, एक की मौत, 2 लापता

कोटद्वार। उत्तराखंड में  हादसो का दौर रुकने का नाम नही ले रहे हैं। मंगलवार की रात एक और भीषण हादसा हुआ। जिसमे दुगड्डा की ओर से कोटद्वार आ रही एक कार अनियंत्रित होकर उफनती खोह नदी में जा गिरी। जिसमे 1 व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 2 लोग अभी भी लापता बताये जा रहे हैं। कार में कुल पांच लोग सवार थे।
जानकारी के मुताबिक बिजनौर जिले के भनेड़ा और मेननशादाद गांव के पांच लोग एक कार में सवार होकर लैंसडौन घूमने आए थे। मंगलवार देर शाम व दुगड्डा से कोटद्वार लौट रहे थे। सिद्धबली मंदिर और लालपुल के बीच सड़क पर कीचड़ होने के कारण उनकी कार अचानक अनियंत्रित होकर उफनती खोह नदी में जा गिरी। जिसमे एक व्यक्ति कार से छिटक गया और घायल हो गया। हादसे के बाद से चार लोग लापता थे। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस और एसडीआरएफ मौके पर पहुंची जिसके बाद राहत और बचाव कार्य चलता रहा। जिसमे एक व्यक्ति को नदी के बीच से निकाला गया, जबकि तीन लोगों का कोई पता नही  चल पाया। आज सुबह फिर घटनास्थल पर गहन सर्चिंग अभियान के दौरान एसडीआरएफ टीम को नदी के बीच में एक शव दिखाई दिया। जिसे बाहर निकालकर  मुख्य मार्ग तक पहुँचाकर जिला पुलिस के सुपर्द किया गया। मृतक की पहचान मौ. इसरार पुत्र मौ. सुकड़ उम्र- 35 वर्ष, निवासी- भनेड़ा, बिजनौर, उत्तरप्रदेश बताई गई हैं।

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उत्तराखंड में कुदरत ने लिया रौद्र रूप
खराब मौसम के कारण रोकी गई केदारनाथ यात्रा, गंगोत्री हाईवे बहा
देहरादून। पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश आफत बनकर बरस रही है। जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आलय ये है कि भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं, तो पहड़ियां दरकने से भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है। धराली में खीर गंगा के उफान पर आने से सड़क बह गई है। सरकार ने तीर्थ यात्रियों को मौसम का हाल देखकर की यात्रा करने के लिए कहा है।
केदारनाथ यात्रा के लिए आए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक दिया है। लगातार खराब मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा प्रभावित हुई है। चार राज्य मार्ग और 10 संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हैं। मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां उफान पर हैं। गंगोत्री की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धराली में खीर गंगा के उफान पर आने से सड़क बह गई है। उत्तरकाशी जिला प्रशासन का कहना है कि भारी बारिश के बीच बंद सड़क को खोलने के लिए पिछले 12 घंटों से प्रयास जारी है। आईएमडी के अलर्ट को देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के ड्यूटी अधिकारी ने पर्यटन विकास परिषद से चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा है।
उत्तराखंड में कुदरत ने जमकर कहर बरपाया है। हर तरह बारिश, बाढ़ और तबाही देखने को मिल रही है। जिससे आपदा जैसे हालात हो गए हैं। बारिश से सड़कें बाधित हैं तो नदियां उफान पर हैं। जिससे लोग घरों में कैद से हो गए हैं। जहां उन्हें अनहोनी की आशंका भी सता रही है।

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हल्द्वानी में रेलवे लाइन को खतरा
देहरादून। भारी बारिश से हल्द्वानी और काठगोदाम रेलवे स्टेशन के पास से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। गौला नदी के पानी से रेलवे पटरी के पास भू कटाव शुरू हो गया है, जिससे रेलवे संचालन में भी असर पड़ सकता है। रेलवे ट्रैक की भूमि के कटान के बाद रेलवे और जिला प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है। भारी पानी से रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त की संभावनाओं को देखते हुए रेलवे और जिला प्रशासन भू कटाव वाले स्थान को दुरुस्त करने में लगा हुआ है। उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने रेलवे अधिकारियों टीम के साथ हल्द्वानी और काठगोदाम रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि संभावित खतरे को देखते हुए यहां पर चैनलाइजिंग और प्रोटेक्शन वॉल बनाई जा रही है।

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डोईवाला में बारिश में भी खनन माफियाओं की चांदी
रात दिन सोंग व टौंस नदी का सीना कर रहे चाक


डोईवाला। बारिश के कारण प्रदेश भर में नदी नाले उफान पर है लेकिन इसे बीच डोईवाला की सोंग व सुसवा नदी में खनन माफिया चांदी काट रहे हैं। खनन माफिया जान जोखिम के डालकर प्रतिबंध के बावजूद लगातार खनन कर रहे हैं।
तहसील डोईवाला एवं कोतवाली क्षेत्रांतर्गत प्रतिबंधितसोंग नदी एवं सुसवा नदी में रात-दिन अवैध खनन जौरो पर नदियों का सीना चीर खनन माफिया काट रहे लाखों की चांदी, राज्य सरकार को हो रही। प्रतिदिन लाखों के राजस्व चोरी, तहसील डोईवाला एवं कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत सोंग नदी एवं सुसवा नदी खनन माफिया रात दिन बेखौफ होकर अवैध खनन करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जिसमें ट्रैक्टर-ट्रॉली, पिकअप गाड़ियों, घोड़ा बुग्गी एवं छोटा बुग्गी में मजदूरों से खनन सामग्री भरवा कर नदियों का सीना चीर लाखों की चांदी काट रहे हैं जिस कारण राज्य सरकार को प्रतिदिन हो रही लाखों के राजस्व की हानी हो रही है। अवैध खनन माफिया प्रतिबंधित सॉन्ग नदी में अवैध खनन इन क्षेत्रों में केशवपुरी, राजीव नगर, धर्मुचक्, फतेहपुर, आयुर्वेदिक हिमालयन यूनिवर्सिटी के सामने सोंग नदी में अवैध खनन जोरों पर चल रहा है जिसमें की जिलाधिकारी ने 30 जून को सभी नदियों एवं खनन चुगान नामित खनन पट्टो को उपजिलाधिकारी डोईवाला ने पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया था परन्तु वहीं दुसरी और सुसवा नदी के खैरी, झबरावाला, तेल्लीवाला और सत्तीवाला बीएसएफ कैंप के सामने खनन माफिया रात दिन बैखौफ जोरों पर अवैध खनन कर रहे हैं। साथ ही अवैध खनन करने वाले सुसवा नदी और सोंग नदी से ट्रैक्टर-ट्रॉली, पिकअप गाड़ियों भारी संख्या में फतेहपुर स्थित स्कैनिंग प्लांटों में बैखौफ हो धड़ल्ले से डालते हुए और यहां तक कि ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों एवं निजी मकानों के कार्य के लिए बड़े धड़ल्ले से अवैध खनन को अंजाम देकर वह खनन सामग्री वहां तक पहुंचाई जा रही है। यहां तक कि खनन माफियाओं ने नया तरीका अवैध खनन का झोटा बुग्गी एवं घोड़ा बुग्गी से भी अवैध खनन की खनन सामग्री एकत्र कर संबंधित भंडारण और समीप ही फतेहपुर पुर में बड़े स्क्रीनिंग प्लांटो पर खनन सामग्री बड़े धड़ल्ले से गिरी जा रही है जिसमें ऐसा प्रतीत हो रहा है तहसील प्रशासन, पुलिस एवं खनन विभाग की अहम भूमिका हो सकती है। अवैध खनन जिसे रोक पाने में प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हुऐ है और वहीं इन अवैध खनन माफियाओं के सामने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी देहरादून के आदेश भी बोने साबित हो रहे हैं अवैध खनन को लेकर प्रशासन के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं।
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बारिश के रेड अलर्ट के बाद एक्शन में सरकार


बारिश में फंसे लोगों के लिए जारी किया हेल्पलाइन नंबर
देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों के लिए प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच उत्तराखंड राज्य सरकार ने आपदा राहत नंबर जारी किया है। उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल प्रदेश में फंसे राज्य के लोग इन आपदा राहत नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों और तीर्थयात्रियों से बेवजह यात्रा न करने की अपील की है। सीएम धामी ने कहा राज्य सरकार और प्रशासन लगाता अलर्ट मोड पर है। प्रदेश की हर स्थिति पर आपदा कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है।
बता दें बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते प्रदेश के तमाम क्षेत्रों और हिमाचल प्रदेश में फंसे उत्तराखण्ड के नागरिकों की सहायता के लिए राज्य सरकार ने आपदा राहत नम्बर जारी किए गए हैं। प्रदेश के तमाम जिलों में बीते रविवार से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते कई जिलों में काफी नुकसान हुआ है। जिसके चलते जगह-जगह पर लोग फंसे हुए हैं। यही नहीं, हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश से तबाही मचाई हुई है। जिससे हिमाचल में भी उत्तराखंड के कई लोग फंसे हुए हैं।
इन परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने आपदा राहत नंबर जारी किए गए हैं। सहायता के लिए मुसीबत में फंसे लोग
9411112985, 01352717380, 01352712685 और व्हाट्सएप नंबर 9411112780 पर मैसेज कर सकते हैं। सीएम धामी ने जनता से अपील और अनुरोध करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते सभी प्रदेशवासियों और तीर्थयात्री बेवजह यात्रा करने से बचें। सीएम धामी ने कहा वे खुद राज्य आपदा कंट्रोल रूम में 24 घटें सभी जिलों से सड़क मार्ग और बारिश की स्थिति की जानकारी ले रहे हैं।
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रेड अलर्ट के बीच आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे राज्यपाल
राज्य के हालातों की ली जानकारी


देहरादून। उत्तराखंड में आफत के बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले चार दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिसका असर प्रदेश भर में दिखाई दे रहा हैं। प्रदेश की स्थितियों का जायजा लेने के लिए राज्यपाल रि ले जनरल गुरमीत सिंह ने आपदा परिचालन केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान राज्यपाल ने प्रदेश के स्थितियों की जानकारी लेने के साथ ही तमाम दिशा निर्देश भी दिए। मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में पहली बार राज्यपाल, आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर प्रदेश के स्थितियों की जानकारी ली है। साथ ही कंट्रोल रूम में मौजूद तमाम विभागो के अधिकारियों से भी किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कंट्रोल रूम में टेक्नोलॉजी का अच्छा इस्तेमाल किया गया है। किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने कहा चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा के साथ ही आपदा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। लिहाजा, हर समय अलर्ट रहने का वक्त है।
राज्यपाल ने कहा कि इंटीग्रेटेड डिजास्टर मैनेजमेंट सिस्टम को देखा है। यहां आने का मकसद यहां से होने वाले काम को देखना था। जिस तरह से यहां टीम वर्क के रूप में काम हो रहा है उसे देखकर खुशी मिली। निरीक्षण के दौरान जानकारी ली कि मानसून और यंग हिमालय की चुनौतियों से निपटने के लिए किस तरह की तैयारियां हैं। इस सिस्टम में हर तरह की जानकारियां उपलब्ध है। लिहाजा, सभी लोगों के अलर्ट रहने की जरूरत है
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दून में 5 एसएचओ के तबादले
डोईवाला कोतवाली की जिम्मेदारी मुकेश त्यागी को
देहरादून। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने आज तीन थानाध्यक्ष के कार्यक्षेत्र में फेरबदल करते हुए पांच निरीक्षकों का स्थानांतरण किया है। वहीं, एसओजी प्रभारी में रहते हुए बेहतर काम करने वाले इंस्पेक्टर मुकेश त्यागी को प्रभारी कोतवाली डोईवाला लाया गया है, जबकि निरीक्षक राजेश शाह को प्रभारी निरीक्षक कोतवाली डोईवाला से प्रभारी निरीक्षक कोतवाली डालनवाला भेजा गया है।
बता दें कि इससे पहले भी उत्तराखंड में तबादला एक्सप्रेस चलाई गई थी। जिसमें कई आईएएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया था। वहीं, स्थानांतरण होने पर कई अधिकारियों में नाराजगी में देखी गई थी। निरीक्षक मुकेश त्यागी को प्रभारी एसओजी से प्रभारी निरीक्षक कोतवाली डोईवाला भेजा गया है, जबकि निरीक्षक नंदकिशोर भट्ट को प्रभारी निरीक्षक कोतवाली डालनवाला से प्रभारी एसओजी बनाया गया। वहीं,निरीक्षक विद्या भूषण नेगी को प्रभारी निरीक्षक नगर कोतवाली से एसआईएस शाखा पुलिस कार्यालय भेजा गया है। निरीक्षक राकेश गुसाईं को पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक नगर कोतवाली बनाया गया है।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आज पांच निरीक्षकों का फेरबदल करते हुए 5 निरीक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। साथ ही सभी निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि तत्काल प्रभाव से सभी निरीक्षक अपनी नवनियुक्ति वाले स्थान के लिए रवाना हो। वहीं, इन स्थानांतरण का उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को अच्छा करना माना जा रहा है।
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तोताघाटी के पास बारिश के बाद पहाड़ी से गिरा बोल्डर
बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे
नई टिहरी। बदरीनाथ हाईवे तोताघाटी के पास बाधित हो गया है। पहाड़ी से बोल्डर गिरने के कारण बदरीनाथ हाइवे दोनों ओर से बंद हो गया है। बदरीनाथ हाइवे के बंद होने के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। जिसके कारण स्थानीय लोगों और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन और बीआरओ की टीम सड़क खोलने के काम में जुटी हुई है।
बताया जा रहा है कि हाइवे को खोलने में 4 से 5 घंटे का समय लग सकता है। हाईवे बंद होने के कारण दोनों ओर जाम लग गया है। कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइने लग गई है। इस हाइवे से बदरीनाथ, केदारनाथ की यात्रा होती है। जिसके कारण चारधाम यात्रा भी प्रभावित हो गई है।
बता दें बीते कुछ दिनों से प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी जिलों में बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश के कारण लैंडस्लाइड, बाढ़ और जलभराव जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। जिसके कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने भी 12 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने सभी से एहतियात बरतने की अपील की है।

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ऋषिकेश पुलिस ने 12 लाख के जेवरात के साथ दो चोर दबोचे
हरिद्वार के बहादराबाद से किया गिरफ्तार
एसएसपी ने पुलिस टीम को दिया 20 हजार का ईनाम  

देहरादून। ऋषिकेश पुलिस ने चोरी के शत-प्रतिशत सामान के साथ दो चोरों को गिरफ्तार किया है। नशे की आदत ने दोनों को चोर बनाया है। बरामद किए गए सोने व चांदी के गहनों की कीमत 12 लाख बताई जा रही थी। पुलिस ने चोरों को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार चोरों में से एक को हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा है जो कि जमानत पर बाहर है।
डीआईजी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि सुप्रिया बिष्ट की तहरीर पर गत 24 जून को उनके घर में चोरी का मामला दर्ज किया गया था। मामले के खुलासे के लिए प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश एवं प्रभारी एसओजी देहात के नेतृत्व में अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया। टीम ने पूर्व में इस प्रकार की घटनाओं में संलिप्त आरोपियों के विषय में जानकारी हासिल करते हुए उनका भौतिक सत्यापन किया गया, घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेजों का अवलोकन करने पर पुलिस टीम को एक विक्रान्ता बाइक पर सवार दो संदिग्ध दिखाई दिए।
  पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि घटना में जिस विक्रान्ता बाइक का इस्तेमाल किया गया था ऐसी ही एक विक्रान्ता बाइक पूर्व में चोरी के आरोप में पकड़े गये एक आरोपी के पास भी है, जो बहादराबाद जनपद हरिद्वार का रहने वाला है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने आरोपियों के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से जानकारी एकत्रित करते हुए स्थानीय मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और मुखबिर की सूचना पर ग्राम बौग्लां (बहादराबाद) जनपद हरिद्वार के पास से दो आरोपियों चोरी सोने के जेवरात एवम् घटना में प्रयुक्त दोपहिया वाहन विक्रांता मोटरसाइकिल यूके-08-एपी- 4053 के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की पहचान  किरनपाल उर्फ रिकूं पुत्र घसीटाराम व विजेन्द्र पुत्र जातिराम के रूप में हुई। आरोपी विजेंद्र हरिद्वार से हत्या के मामले उम्र कैद की सजा काट रहा है तथा हाल ही में जमानत पर बाहर आया हुआ था। पुलिस ने जो गहने आरोपियों से बरामद किए हैं उनकी कीमत 12 लाख बताई जा रही है।  घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी ने 20 हजार रूपये का इनाम देने की घोषणा की है!

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पुस्तकों में माँ सरस्वती का वास होता हैः जनरल गुरमीत
राज्यपाल ने विधानसभा में पुस्तकालय व वेबसाइट का किया लोकार्पण
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने बुधवार को विधानसभा में उत्तराखण्ड विधानसभा के नवनिर्मित पुस्तकालय एवं नवीन वेबसाइट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे। नवनिर्मित पुस्तकालय में लगभग 20 हजार से ऊपर पुस्तकों का समावेश किया गया है। इस विशिष्ट पुस्तकालय में संविधान एवं कानून, लोक प्रशासन और सामान्य ज्ञान सहित विभिन्न विषयों से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। इसके साथ-साथ देश-विदेश के प्रमुख लेखकों की पुस्तकों का भी समावेश किया गया है जो ई-लाइब्रेरी के रूप में डिजिटल और प्रिंट दोनों रूपों में उपलब्ध रहेगी। राज्यपाल ने अपनी ओर से विधानसभा पुस्तकालय के लिए 108 पुस्तकें देने की घोषणा की।  
 पुस्तकालय एवं वेबसाइट के लोकार्पण के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में माँ सरस्वती के मंदिर की स्थापना किया जाना अपने आप में अलग है। उन्होंने कहा कि पुस्तकों में माँ सरस्वती का वास होता है। पुस्तकालय एक प्रकार से ज्ञान के मंदिर ही हैं और यह ज्ञान का मंदिर हमारी सोच, विचार और धारणा को निरंतर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है। हमें हर एक जिज्ञासा और हर एक प्रश्न का उत्तर पुस्तकों से प्राप्त होता है। राज्यपाल ने पुस्तकालय की स्थापना के लिए विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा के विधायकगणों को जहां एक ओर संसदीय कार्यों में सहायता मिलेगी वहीं दूसरी ओर पुस्तकालय में उपलब्ध विशिष्ट पुस्तकों के अध्ययन से उन्हें सामाजिक कार्यों में भी लाभ होगा।
 राज्यपाल ने कहा कि इसके साथ-साथ टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए नवीन वेबसाइट को अपडेट और आधुनिक बनाया है। तकनीकी का विकास बहुत बड़े स्तर पर प्रारंभ हो गया है, हमें आधुनिक तकनीक को मानवता की सेवा, देश की प्रगति और लोगों की भलाई के लिए हर क्षेत्र में लागू करना होगा। वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजीटाइजेशन, सोशल मीडिया और मास मीडिया के साथ जुड़ना बहुत जरूरी है। आधुनिक भारत, विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के सपनों को पूरा करने के लिए नवीन तकनीकों का अपनाना आवश्यक है।
 इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, सभापति पुस्तकालय समिति शहजाद सहित अनेक विधायकगण, उच्चाधिकारी एवं विधानसभा के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

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पुस्तकालय से संसदीय कार्रवाई की बारीकियों की मिलेगी जानकारीः धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा में नवनिर्मित पुस्तकालय के लोकार्पण एवं नवीन वेबसाइट लांच होने से यहां पर संसदीय परंपराओं के ज्ञान एवं अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक जानकारियों के लिए विधानसभा में लोगों को एक ऐसा स्थान मिल गया है, जहां पर ज्ञान वर्द्धन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस पुस्तकालय के माध्यम से सभी निर्वाचित सदस्य अपनी संसदीय समस्याओं के समाधान के साथ ही संसदीय परंपराओं एवं सदन के भीतर होने वाली कार्यवाहियों की बारीक से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विधानसभा में पुस्तकालय की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का आभार व्यक्त किया। संसदीय परंपराओं एवं ज्ञान पर आधारित पुस्तकों का समावेश इस पुस्तकालय में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से नियमित तरीके से अध्ययन करने की आदत सभी की होनी चाहिए। पुस्तकें हमारे दिमाग के लिए खुराक का कार्य भी करती हैं। उलझनों को सुलझाने में भी पुस्तकें अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों से कार्यसूची के अनुसार सदन की कार्यवाही की जानकारियां एवं पुराने अभिलेखों से अनेक लोगों का मार्गदर्शन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार और साक्षरता की उच्च दर से समाज में सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर परिवर्तन आया है।
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पुस्तकालय की स्थापना की प्रेरणा माँ से मिलीः ऋतु खंडूड़ी
देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि पुस्तकालय की स्थापना की प्रेरणा उन्हें अपनी माँ से मिली। चरित्र के निर्माण में पुस्तकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि विधानसभा स्थित पुस्तकालय में अभी 20 हजार से अधिक पुस्तकों का संग्रहण किया गया, इसे और बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय के माध्यम से लोगों को संसदीय परंपराओं की जानकारी एवं संविधान की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने में बहुत मदद मिलेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारा प्रयास है कि यहां पर पुस्तकों का संकलन इतना बढ़ाया जाय कि, शोधकर्ताओं को भी यहां पर बुला सकें। उन्होंने कहा कि विधानसभा स्थित पुस्तकालय के लिए जो लोग भी पुस्तकें दान करना चाहते हैं, कर सकते हैं।

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पुस्तकालय समय की जरूरतः आर्य
देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा में एक अच्छे पुस्तकालय की जरूरत काफी समय से महसूस हो रही थी। उन्होंने बेहतर पुस्तकालय की व्यवस्था के लिए विधानसभा अध्यक्ष के प्रयासों की सराहना की। पुस्तकें मानवीय मूल्यों की धरोहर है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं राज्य आन्दोलनकारियों के देश एवं प्रदेश के योगदान की जानकारी भी लोगों को मिले। इन महानुभावों के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तकों का समावेश भी पुस्तकालय में होना चाहिए।

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           डकैती की योजना बनाते 11 गिरफ्तार

देहरादून। नेहरू कालोनी थाना पूलिस ने डकैती के योजना बनाते हुए उत्तर प्रदेश के गैंग के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सभी को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया।  नेहरु कालोनी थाना पुलिस को जानकारी मिली कि मोथोरावाला सीवर प्लांट के पास 10 से 12 लोग इक्ट्ठा होकर किसी बडी आपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में संजय पुत्र गोली, सोनू पुत्र बरसाती, अविनाश कुमार पुत्र शिवनाथ, श्रवण कुमार पुत्र आशाराम, अमन कुमार पुत्र नीरज वर्मा, लवकुश पुत्र अंगद, रणजीत पुत्र यज्ञ राम, त्रिलोकी पुत्र नारायण, धर्मेन्द्र पुत्र राजकुमार, रामपाल पुत्र राजेन्द्र व मनीष पुत्र जसराम निवासी गोंडा उत्तर प्रदेश शामिल हैं। आरोपियों के कब्जे से पुलिस नपे छर्रे वाली 2 पिस्टल, 2 खुखरी, 28 मोबाइल फोन व 38810 रूपये नगद बरामद किए।
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यूकेपीएससी में चयन के नाम पर 99 लाख की ठगी
थाना नेहरू कालोनी में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

देहरादून। यूकेपीएससी में सहायक वन संरक्षक के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर 99 लाख की ठगी करने वालों के खिलाफ शिकायत पर नेहरू कालोनी थाने में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
धर्मेन्द्र सिंह रावत ने थाना नहेरू कालोनी में तहरीर देते हुए बताया कि वह 2015 में दिल्ली सिविल सेवा की तैयारी करने गया था। जहां एक मित्र के माध्यम से उसकी की जान-पहचान राजीव प्रताप पुत्र मुरारी लाल से हुई। जल्द ही हम इतने अच्छे दोस्त बन गये। एक दिन राजीव ने बताया कि मैंने उत्तराखण्ड पीसीएस की प्रारम्भिक व मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। उसने बताया कि मेरे मामा जयदेव शाह, जो आयोग में रह चुके है और न्यायिक सेवा में भी रह चुके है और मैंने उन्हें पैसे देकर परीक्षा उत्तीर्ण की है। फिर एक दिन राजीव ने उसकी मुलाकात अपने भाई आलोक प्रताप पुत्र मुरारी लाल से कराई तो उसने भी इन सभी बातों की पुष्टि की। इस बीच दोनो भाईयो ने कहा कि अधिनस्थ सेवा आयोग, उत्तराखण्ड में कनिष्ठ अभियन्ता एवं सिविल लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड में सहायक वन संरक्षक की भर्ती में पैसे देकर अपना चयन करवाना चाहते हो तो बाताओ। राजीव व आलोक प्रताप यह जान चुके थे कि काफी समय से मैं परीक्षा देने के बाद चायनित नहीं हो सका। उन्होंने विश्वास में लेकर विभाग में पैसे देकर परीक्षा उत्तीर्ण करने को कहा और राजीव प्रताप, आलोक प्रताप, लोकेन्द्र राजपाल, राजेन्द्र सिंह आदि के खातो में  84 लाख रूपये एवं 15 लाख रूपये जहां-जहां राजीव व आलोक प्रताप ने बोला वहां-वहां उनके खातो में जमा किये। बार-बार 2 वर्षों तक मुझे भ्रम में रखा गया और कहा गया कि वह चिन्ता न करे उसकी नौकरी लग जायेगी। जब प्रार्थी का चयन नही हुआ और प्रार्थी द्वारा अपने पैसे वापस देने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे पैसे वापस देगें। परन्तु आज तक कोई पैसे वापस नहीं दिये। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू का दी है।

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भ्रष्टाचार पर बारिश का कहर
भारी, मूसलाधार बारिश और बाढ़ के हालात सिर्फ आसमानी कहर नहीं हैं, बल्कि ये व्यापक भ्रष्टाचार के नतीजे हैं। इमें हड़प्पा, मोहनजोदड़ो सभ्यता के बारे में पढ़ाया जाता रहा है। सभ्यता के उस दौर में भी डेªनेज सिस्टम बेहतर था। आज हम आधुनिकता, तकनीकी विकास और वैज्ञानिक प्रयोगों के दौर में जी रहे हैं, लेकिन मानसून की बारिश के सामने अक्षम, लाचार, बेबस हैं। आखिर इसका बुनियादी कारण क्या है? राजधानी दिल्ली का ही उदाहरण लें, तो बीती 28 जून तक सभी नालों की सफाई का लक्ष्य हासिल कर लेना चाहिए था, लेकिन 30 जून तक करीब 68 फीसदी काम ही हो पाया था। जब तेज बारिश हुई, तो कलई खुल गई, क्योंकि अधिकतर नाले ब्लॉक पड़े थे। नतीजतन दिल्ली की जो दुर्दशा हुई, उसकी एक बानगी हम कल के संपादकीय में पेश कर चुके हैं। अब इसका भ्रष्ट आयाम भी देखिए। दरअसल दिल्ली में हर साल 1500 करोड़ रुपए बारिश की तैयारियों, डे्रनेज, सीवर, नालों की सफाई आदि पर खर्च किए जाते हैं। पानी की सहज निकासी के लिए हजारों पंप खरीदे जाते हैं। यदि यह बजट ईमानदारी से खर्च किया जाता है, तो फिर राजधानी दिल्ली जैसा महानगर पानी में डूबने क्यों लगता है? सब कुछ ठहर-सा क्यों जाता है? इसी तरह गुरुग्राम सरीखे साइबर और आधुनिक शहर में, बारिश की तैयारी के मद्देनजर, करीब 150 करोड़ रुपए का प्रावधान है, लेकिन बरसात में इस शहर की दुर्दशा और गंदे दरिया वाली स्थिति क्यों बन जाती है? गुरुग्राम मलबे का तालाब बन जाता है, जिसमें से वाहनों की आवाजाही ऐसी होती है मानो किसी ‘चक्रव्यूह’ से निकल रहे हों! वाकई शोचनीय और अपमानजनक है।
वह पैसा भी कहां जाता है? अजीब विरोधाभास है कि गुरुग्राम में संभ्रान्त सोसायटी के फ्लैट 5-8-10 करोड़ रुपए में बिकते हैं। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों के दफ्तर यहां हैं, लेकिन मुख्य सडकों पर पानी और मलबा ही दिखाई देते हैं। यह नालायकी और कोताही क्यों है? आखिर कौन, किसकी जिम्मेदारी तय करेगा? विश्व स्तर पर यह निंदनीय और शर्मनाक स्थिति हो सकती है। दरअसल राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में अंग्रेजों के जमाने के सिस्टम मौजूद हैं, लिहाजा वे कारगर नहीं हैं और जर्जर हो चुके हैं। दिल्ली में 1976 का ही मॉडल लागू है, जब उसकी आबादी करीब 60 लाख होती थी। वह आज 2.5 करोड़ से अधिक है। फिर दिल्ली ‘दरिया’ क्यों नहीं बनेगी? समस्या अवैध और अनियमित कॉलोनियों की भी है। इन आवासीय कॉलोनियों में सडक, नाली, सीवर आदि की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती, नतीजतन बारिश के मौसम में वहां पानी ठहरता रहता है। इससे शहर के अन्य इलाके भी प्रभावित होते हैं। एक और बुनियादी स्थिति यह है कि शहरी नियोजन में प्राकृतिक जल-निकासी की लगातार अनदेखी की जाती रही है। इसके अलावा, सीवर ओवरफ्लो भी गंभीर समस्या है। कई जगह सीवर और सीवेज निस्तारण वाले स्थान में असमानता होती है। राजधानी दिल्ली में आईटीओ चैक के करीब सीवर का गंदा पानी और बारिश का पानी मिल कर पुलिस मुख्यालय से लेकर रिंग रोड तक को जलमग्न कर देता है। यह हाल तो देश की राजधानी का है। एक बेहद गंभीर समस्या मकानों के निर्माण-कार्य, मरम्मत, तोड़-फोड़ आदि से निकलने वाले कूड़ा-कर्कट और मलबे की है। ये लगातार पानी के प्रवाह को अवरुद्ध करते हैं और बारिश के दिनों में यही मलबा सडकों पर फैल जाता है। इन तमाम स्थितियों के गर्भ में भ्रष्टाचार है। पहाड़ों को छोड़ भी दें, तो दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उप्र का एक हिस्सा और बिहार आदि राज्य अब भी ‘अलर्ट’ पर रखे गए हैं। बारिश और बाढ़ से अभी तक करीब 100 मौतें हो चुकी हैं। यह कोई सामान्य आंकड़ा नहीं है। आखिर देश का नागरिक मर रहा है। ऐसी स्थिति क्यों आई है? दो माह बाद दिल्ली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन है। उसमें दुनिया के 20 बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों को दिल्ली में आना है। कुछ अनहोनी घट गई, तो भारत क्या कहेगा?

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