उत्तराखंड में पलायन रोकने के लिए गाँव में रहने वाले लोगों को प्रोसाहित किया जाय-प्रवासी गीता डोभाल चंदोला

Pahado Ki Goonj

गीता डोभाल चंदोला ने दुबई जाने से पहले सिर्फ और सिर्फ पहाडोंकीगूँज को अपने अमूल्य सुझाव भेँट कर दिया

पहले दिन राजधानी निर्माण अभियान स्थल पर भेँट कर उन्होंने अपने निवास पर बुलाया 10 30 प्रातः 10 .18 प्रातः पहुँने पर मालूम हुआ कि वह  तैयार होरही है।उनके तैयार होने से पहले उनकी सहयोग करने के लिए आई बहन ने चाय बना कर लाई चाय नमकीन लिए ही थे ।उन्होंने अपनी बात रखते हुए  दुबई में पहले उनके सहयोग समाज सेवा की जानकारी रखने वाले एवं दूर देश से जाकर कार्यकरने वाले गोंनगड चमियाला टिहरी गढ़वाल के रहने वाले बिष्ट जी को फ़ोन कर बुलाया। बिष्ट की वार्ता कर लोग  यहाँ के नोजवान इनसे शिक्षा ,प्रेरणा लेंगें।उनसे मिलने पर उन्होंने दूसरी बार अपनी बात रखने के लिए कही ।गीता जी से मिलने पर दिये गए उनके सुझाव को  निम्न प्रकार से है।

देहरादून ,श्रीमती गीता डोभाल चंदोला का परिवार दुबई में रहता है परन्तु वास्तव में उनका मन मातृ भूमि की सेवा करते रहने का बना हुआ है। उनके मनमें मानव की सेवा करने का जुनून रचा बसा है।वह दुबई में किसी भी देश से आए हुए नागरिक की परेशानी  को सुलझाने के लिए हर समय तैयार रहती है।वह सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए अपने पति राकेश चंदोला को श्रेय देते हुए कहती है कि परिवार में दूसरे लोगों की सेवा करने के लिए मेरे पति ने मुझे कभी नहीं टोका है। वह महान है ।ऐसे पति सभी को मिले यह कमाना भगवान से करती हैं। उत्तराखंड में दूर दराज में नि वास करने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को पहुचाने के लिए उन्होंने महंत देवेन्द्र दास महाराज से भेंंट कर आग्रह किया है।

दूर  देश से भारत मे केदारनाथ2013 की सुनामी  में पीड़ितों की सेवा हो या उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण लेजाने का मुद्दा वह अपने परिवार की ज़मीदारी को निभाते हुए उन्होंने सामजिक कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए वह  दुबई बराबर भारत आति रहती है।उनको विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित समय समय पर किया गया है।उन्होंने उत्तराखंड के विकास बेरोजगारी पलायन रोकने का स्थाई हल निकालने के लिए कहा कि यह तभी संभव हो सकता है जब सरकार पहाड़ों में उच्च  गुणवत्ता वाले चिकित्सालय , शिक्षा  संस्थाओं के उद्यान,कृषि, जड़ी बूटियों ,पशुपालन ,पर्यटन तीर्थाटन,स्थानीय मेलो का प्रचार प्रसार महीने पहले किया करने उसमे सारिक होने के लिए लोग आएंगे।उन्हें बड़ी हैरानी हुई है कि19 साल अभी तक उत्तराखंड सरकार अपने प्रदेश में  जगह जगह होने वाले छोटे बड़े मेलो, थोलो ,देवी देवताओं के मंदिर की सूची तैयार कर प्रकाशित नहीं कर सकी है।जबकि  विश्व प्रसिद्ध चारधाम ,हेमकुंड , नानक मत्ता ,कलियर सरीफ ,प्रतिवर्ष लोग आते हैं। विश्व की सबसे बड़ी नंदा राज यात्रा, एंव कुम्भ  का उत्तराखंड में आयोजन होता है। उन्होंने कहा कि 1700 से ज्यादा गाँव निर्जन होगये।यहां पर रहने वालों को 50000 हज़ार की आर्थिक सहायता  पशुपालन, के लिए दी जाय बैल पालने में सुभिधा होगी क्योंकि यहाँ बैल का काम मात्र साल भर में एक माह से ज्यादा नहीं है। बाकी दिनों उसे पालने में खर्व सबको भारी पड़ता है। कास्तकार की मदद करने से पलायन रुकेगा।

कुम्भ में देवी देवता वहां पर स्नान करने के लिए आते हैं।उन्होंने कहा कि पहाड़ का पलायन रोकने के लिए स्थानीय जगह, बस्तु की पहचान वहां पर योगा का,कर्यक्रम हो  , प्रचार प्रसार करने से बाहर से लोग घुमने आसकते 15 दिन रुक सकते हैं । इसके लिए नाबार्ड, विश्व बैंक,एशियन डब्लपमेंट बैकं, अन्य वितीय संस्थाओं से प्रत्येक गाँव मे 10 होम स्टे के लिये 50%अनुदान देकर स्थनीय लोगों को रोजगार देकर सम्मानित रूप जीवन यापन करने के लिए योजनाएं बनाई जानी चाहिए।उनका मानना है कि हमारी अपनी बोली भाषा ,खान पान को बढ़ावा देकर हमारी अपनी और संस्कृति की पहचान बनी रहेगी।गैरसैंण राजधानी के लिए उनका कहना है कि पहाड़ी राज्यों राजधानी पहाड़ में होनी चाहिए।तभी समग्र विकास होगा। गैरसैंण राजधानी लेजाने के लिए वहाँ के लोगों को होम स्टे योजना में 2000 मकान स्थनीय लोगों से बनाने के लिए सरकार को योजना बनानी चाहिए।ताकि वहां पर कर्मचारियों के लिए रहने की जगह हो उनसे एवं अन्य लोगों से किरया आने से बैंक का ऋण वापसी दिया जा सके।सरकारों को हवा में बात नहीं करनी चाहिए। इतना धन वहां पर जनता का खर्चा कर दिया है।उत्तराखंड के नागरिको को सरकार की नीतियों ने दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का काम किया है। यह चिंता का विषय है। आँगन बाड़ी कार्य करने वाले लोगों के आंदोलन को सफल बनाने के लिए उन्होंने सरकार से कहा कि बिषम प्रस्थिति में काम करनेवाले लोगों की मांग जायज है यही लोग गाँव में पलायन रोकने के लिए मददगार भी है।टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर का भर्मण कर लोटते उन्होंने कहा कि वहां पर स्वास्थ्य विभाग ने इतनी बड़ी आबादी के लिए एक  एक्सरे मशीन नहीं लगा पाए हैं।उन्होंने प्रतापनगर की जनता को प्रति पूर्ति 5लाख रुपए देने के लिए जायज ठहराया है। कहा कि जनता का मान सम्मान बनाया रखना सरकार का काम है।

टिहरी बांध से करोड़ों रुपये रोज आमदनी हो रही है तो इनके लिए सुभिधा देने के लिए प्रतापनगर जिला बना देना चाहिए। ताकि आवादी वहां बनी रहे।  लोग सुखी रहे उन्हें कृतिमअभाव से दुखी कर उनके अधिकारों का हनन जैसे है।वहाँ अधिकारीयों के रहने से सभी सुभिधा मिलने लगेगी।

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