उत्तराखंड सरकार का बेरोजगारों से धमाल विधानसभा में विधायकों से बबाल
सरकार ऋणम लेवत घृतम पिवत के सिद्धांत पर तनख्वाह 7 वां वेतन के साथ अपने साधन उपलब्ध कराने में सत्र चला रहे।जनता
बीजेपी वेरोजगारी, किसानो का ऋण माफ गरीबी दूर करने के साथ साथ अन्य सभी प्रकार का विकास से संबंधित काम करने के वायदे लेकर डब्बल इंजन की सरकार अभूतपूर्व बहुमत से जनता ने समर्थन दिया है सरकार ने अभीतक भ्र्ष्टाचार भ्र्ष्टाचार के डिंडोरी पीट कर मंचों से गाये बगाये समय काट कर जनता को कर्जदार बना दिया।इस वीच 6 विधानसभा क्षेत्र घटा ने काम किया, जिस प्रदेश के 17 साल में 350 गावँ खाली होगये,7लाख वेरोजगारी के कगार पर कारोबारी किसान आत्महत्या करने केलिये उनको पत्रों पर कार्यवाही न करने पर जान दे रहे हैं। किसानों के कर्जा माफ़ी के वोट लिए उनको पहले 5%ऋण देकर एक लाख सीमा तक देने केलिये मेले लगाने लगे पहाडोंकीगूँज कि गूंज राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्र ने जनपक्ष रखने का काम कर 2%व्याज पर किसानो की पैरवी की पत्र की खबर का असर हुआ पत्र का संज्ञान लेकर किसानों को2%व्याज पर ऋण देने लगे ।आज सरकार की पार्टी के लोग भी राजधानी गैरसैण लेजाने के लिये आंदोलन रत हैं उत्तराखंड देव भूमि है आखिर कार अन्याय जनता के साथ छल कर अपनी रोटी सेकने केलिये दिखने वाले लोगों के लिए यहाँ के लोगों का ज़मीर बोलने लगता है। जो आज गावँ से लेकर सड़कों पर दिखाई दे रहा है सरकार ने ओलवेदर रोड़ के टेंडर बाहर वालों को देदिया यँहा 1974 से पहले सड़क बनाने वाले स्थानीय जनता ने ईमानदारी से काम किया है उसकी मदद सरकार ने राशन ,हथियार, कारतूस 5,%,10%विना गारन्टी के अग्रिम भुकतान देदिया ।इससे पहले लोनिवि रुद्रप्रयाग ने ढेकेदारों को ऊखीमठ चोपता मोटर मार्ग पर बर्फ पड़ने के कारण कार्य मार्च अप्रेल में सुरू होपाया।इमान दारी केलिये देश मे उत्तराखंड के लोगों की पहचान है पर सरकार को क्यों नहीं हो पा रही है ।यँहा के ठेकेदार को सरकार पहले की भांति ,अपनी ग्रा नटी पर सभी सुभिधा क्यों नहीं दिला परही है जबकि उस समय ठेकेदारों को चेक मिलते वह ट्रेजरी में नगद रुपये लेता था उसके कटौती विलों से विभाग करदेता था।अब पहले की भांति इनकी मनसा ईमानदारी से काम करने वाले लोगों को इन नेताओं की सोच ने पलायन कर दिल्ली मुबई ,विदेशों में बर्तन मजवाने केलिये मजबूर किया है आज वेरोजगारी की आग से जूझते लगों को बर्बरता से घायल किया जारहा है ।विधायक विधानसभा में पिटाई करने पर उत्तर आये ।सरकार की अपने प्रदेश के ठेकेदारों को उक्त प्रकार काम देने की दिल्ली के नेताओं से हिम्मत नहीं है । सरकार ऋणम लेवत घृतम पिवत के सिद्धांत पर तनख्वाह 7 वां वेतन के साथ अपने साधन उपलब्ध कराने में सत्र चला रहे हैं।विकास के नाम पर बजट जनता केलिये8%आएगा।आखिर जनता का पेट रोजगार से भरेगा जीरो टेलरन्स मंचों पर गला फ़ाड़ फ़ाड़ कर चिलाने से नहीं भरेगा ।इसकी डिसा में कोई मंच से नहीं बोलता ।जनता का कहना है।कारण साफ है ।आर यस यस वालों को मुफ्त में रोटी मिल जाती है ।जो लोग घायल किये हैं उनका हर्जा खर्चा सरकार को देना चाहिए क्योंकि आपके घोषणा पत्र में रोजगार की गरंटी दी है।