खुशी दुःख में आँसुओं की झलक होती हैं। निर्जीव मुर्दा 200 आदमी अपने को पहुंचाने के लिए साथ ले जाता है हम जिन्दे होकर मुर्दे बने रहने के लिए होली माना रहे हैं। दीपक सारी रात अंधेरे से लड़ता है ।हम जीवित भगवान के दिये हैं समस्याओं से जीवन भर लड़ना हैं
देहरादून/ढालवाला,टिहरी गढ़वाल जीतमणि पैन्यूली,होलिका दहन से प्रलाहद बच गया ,और राजा हिरण्यकश्यप को होलिका को दिये गए बरदान का घमंड उसके जलने से भगवान ने समाप्त कर दिया। अब जनता राजा यानि सेवक का चुनाव करके पद पर बिठा दिया करती है तब से प्रति वर्ष होलिका दहन इसलिए करते हैं कि हम से परिवार, समाज,में सेवा करने का संदेश इस पर्व पर सबको देना सीखे।
आज के पर्व पर चिंतन मनन करने के लिए मनुष्य होने के नाते मनन करने के लिए है। होली का यह संदेश दिया जाता है। हम बुराई ,किसी भी व्यक्ति के अधिकार से उसे हम बंचित न करें।अपने परिवार के द्वारा की गई गलतियों को सुधारने के लिए परिवार में पनप रही घमंड रूपी होलिका का दहन दहन कर,अपनी, अपने पूर्वजों की गलती को सुधारने का काम इस पर्व पर करते रहना चाहिए।बेशर्मी से घमंड रूपी कार्य त्याग करने का कार्य करना चाहिए। तो सही मायने में पवित्र त्यौहार होली से घर मे रिद्धि ,षिधि आती है।होली दहन वास्तव में सेवा करने के लिए बुराइयों को मन से त्याग करने, सेवा करने वाले लोगों का त्यौहार है।आपने परिवार, समाज, जिला, मण्डल,प्रदेश, देश एंव विश्व में बुराई रूपी होलिका का मन से दहन कर, अपने जीवन की अमूल्य ऊर्जा का योगदान सद्भावना बनाये रखने के लिए करने की आदत डालने का दैनिक जीवन में अभ्यास आज से करना चाहिए।हम त्यौहार मन से नहीं मनाते देखा देखी से मनाते हैं । मन से गलती करना मनुष्य की आदत में सम्मिलित हैं।हमारे शास्त्रों में उसके लिए प्रायश्चित करने के लिए यह पर्व बनाया गया है।हम अपनी गलती का चिंतन कर प्रकाश डालने का कार्य भूल सुधार कर प्रयाश्चित करते हुए इस नव संवत्सर में गलती नहीं करना चाहिए। यह संकल्प लें कर होली की शुभकामनाएं हैं। घर परिवार,जनता के लिए है।
हम प्रतापनगर टिहरी बांध से दूरी बढ़ने से
प्रभावित लोग इस शदी का अपने जीवन में अपने को सबसे कमजोर मनुष्य होने का प्रमाण देकर प्रदर्शन कर होलिका को नहीं जलने के घमंड को नष्ट करने और हमारे मनुष्य शरीर पाने के घमंड से नया सामाजिक कार्य कुछ नहीं कर सकते है ।वह होलिका को जीवित रहते हुए उसका बोझ ढोने की आदत हमने बना दी है। कुछ नया नहीं कर सकते हैं।
मोह के बस में आनंदित हो कर
अपने परिवार ,समाज में कमजोरी ला रहे हैं।इसको लेकर सुधार करने की आवश्यकता है ।हमें चितन मनन करने के लिए सुनहरा मौका है।जहाँ धन के अभाव में हमारे यहां आजादी से पहले
सर्व शिक्षा के लिए हमारे बुजुर्गों ने लम्बगांव में विद्यालय की स्थापना कर भारत के मास्टर इंजीनियर बताने वालों को दिखाडिया कि हमारे पूर्वजों के बनाए गए कच्चे पुस्तों दीवाल के ऊपर लम्बगांव का बाजार पके मकानो का खड़ा हो रखा है। आज गावँ में लाखों रुपए खर्च करने के लिए कार्य करने पड़ रहे हैं। आदमी की अच्छी गुणवत्ता से अच्छे कार्य की गुणवत्ता का आभास होता है।जनता को अपने जीवन जीने के लिए 97 वर्ष टिहरी बांध की उम्र शेष है। का कष्ट भोग रहे हैं।देव प्रयाग के प्रधान की बात प्रधानमंत्री जी संज्ञान ले रहे हैं। पहाडोंकीगूँज उनको धन्यवाद देते हुए देश के प्रधानों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए मॉडल प्रस्तुत करने की आदत डालनी चाहिए। प्रतापनगर केसामाजिक कार्यकर्ता व प्रधान बन्दु फेसबुक,वट्सप विश्वविद्यालय में डॉ बनने के लिए अपने शोध कार्यों की बधाई देने में मशगूल हैं। यह विकास से ध्यान बांटने के लिए मैकाले का सिद्धांत लागू होने जा रहा है। टिहरी स्वामीश्री तीर्थ कालेज में निदेशक का पद है वहां पुस्तकों की खरीद दारी के बाद आग लग गईं प्राचार्य पान सिंह जी ने अपने गाँव छेत्र के लोगों को जय प्रकाश, थापर कम्पनियों नोकरी लगवाने के लिए विद्यार्थियों का प्रयोग कर दिया।शिक्षा पाने के लिए पुस्तकों का अभाव यहाँ के बच्चों को होगया ताकि ज्यादा ज्ञान वान आप लोग नहो सके।
हमारे साथ कई प्रकार की विडम्बना पैदा की गई है।
आज जिक्र करना जरूरी हो गया है।
26 अक्टूबर2005 सेT-1T-2 टनल बन्द करना सुरु हुआ 27 नवम्बर2005 को” पैन्यूली जी सन्देश” मासिक पत्रिका में जिला बनाने की प्रमुख मांग सम्पादकीय में प्रकाशित किया है उसके59 दिन बाद 26 जनवरी से आंदोलन सुरुचिपूर्ण हुआ लम्बगांव की लम्बाई बढ़ी छेत्र की आवादी का मास्टरों, डक्टरों के आभव में पलायन हुआ आर्ट ऑफ अर्निंग के लिए नेतृत्व करने वाले लोगों की चाल बदली । इनकी बीमार मानसिक ता का दिवाला इतना निकल गया कि दोबरा चांठी पुल में अपनी15 साल की नाकामी का जसन मनाया कारण साफ है कि पुल के विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए टेंडर पर 95हजार रुपए खर्चा रहा था ।मैंने चीफ सेक्रेटरी को कहा परन्तु जिलाधिकारी (हैदराबाद कैडर काथा )वह निदेशक पुनर्वास था प्रतापनगर में फूट डालने वाले जिला पंचायत के अध्यक्ष के लोगों को ,चन्दा वसूलने वालों को उन्होंने चारा फेंका ।जयचंद की खान प्रतापनगर उसका पट्टीफल का जसन मना कर बुद्धि विनाशकारी भूकंप की हल चल चल रही है। कितने लोगों ने इस नाकामी से सजा भुगतनी पड़ रही है।इतिहास बदलाव के मोड़ पर खड़ा आपके लिए है दोबारा चांठी का ढिंढोरा इतना पीटा कि विदेशी कंपनियों को बाप बोलकर बुलाना पड़ा जीतमणि पैन्यूली कि बात तब कड़वी लगि ? बड़ी गाड़ी का किराया भाड़ा इतना बढ़ा दिया कि आम आदमी घर समान लेजाने के लिए 20 बार सोचने लगता है।क्या फायदा हुआ 16 साल तक पुल के इंजीनियर को वेतन देकर। 250 करोड़ का अतिरिक्त भार बढ़ा नक कटाई जग हंसाई अलग हुई। अभी समय पर सम्भलने समय नोजवानो के लिए है।मैंने 2008 से चावड़ बैण्ड पर आंदोलन करने पर पूर्ण उपलब्धि हासिल करने तक कोई त्यौहार नहीं मनाने के लिए संकल्प लिया है वह भगवान निभाने में मददगार साबित हो रहा है।
सभी लोग अपने स्तर से मा प्रधानमंत्री के नाम का पत्र भेजेएगा तो एक होली दिवाली मनाने का जसन आप लोगों को मिलेगा।
अखबार के आखिरी पना पर्यावरण विद सुंदर लाल बहुगुणा जी जिनके कहने पर मेरे सुपुत्र प्रदीप कुमार पैन्यूली लिखवार गावँ के हाथ फ्रेक्चर होने पर पलस्तर चढ़ने के बाद ।टिहरी बांध के विरोध करने हमें धरना स्थल पर जाने के बाद मुख्य बाँध स्थल पर गये।26,27फरवरी 1988-89 रात को ठंड में टिहरी जेल ले जाकर नंगे पैर ,नई bata की चपल गायब हो गई।साथ में हाथ पर पलतस्तर बाँधहुए लड़का अपने साधनो से पुरानी टिहरी धरना स्थल पहुंचे। आंदोलन कारियों को प्रतापनगर के लोग देख नहीं सकते थे। बहुगुणा जी के पास लड़के को घर लंबगांव की बस में बिठाकर गये ओर अपने टिहरी बांध की ऊंचाई कम करने के लिए दिये गये 23 सितम्बर1977 को मा मुख्यमंत्री रामनरेश यादव का आगमन रामलीला मैदान में हुआ उसके बाद बैठक लोनिवि गेष्ट हाउस पर हुई। पुनः1980,1982 ,1987 व 1979 में बहुगुणा जी ने श्रीमती मेनका गांधी वन एवं पर्यावरण मंत्री भारत सरकार के पास स्वयं को पत्र देकर भेजा था।
प्रधानमंत्री जी को सम्बोधित पत्र बहुगुणा जी पढ़ रहे हैं। पत्र वट्सप नम्बरों पर भेजे गए हैं उसको भेज कर अपने सजग होने का एहसास देश दुनिया को कीजयेगा भेजने की फोटो हमें भेजें।यहीसच्ची बधाई और शुभकामनाएं आपकी ओर से जनता के लिए अपने व अपनो के हमदर्दी होने के लिए होगी।
आगेपढें
पहाड़ों की गूंज ,wwwu.kpkg.comन्यूज पोर्टल वेव चैनल हरिद्वार कुम्भ में आने ,सेवा करने वाले सभी संस्थाओं,आश्रमों, पूज्य साधु संतों,आध्यत्म गुरुओं, श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन
हरिद्वार महाकुंभ को निर्विघ्न सफलता पूर्वक सम्पन्न करने साफ और स्वछ रखने, शान्ति एंव पार्किंग व्यबस्था बनाने में महाकुंभ मेला प्रशासन पुलिस को सहयोग करें एंव सहयोग लिजयेगा कोरोना पर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मास्क सेनिटाइजर व सोसियल डिस्टेंस का पालन करें अन्य श्रद्धालुओं को भी जागरूक एंव प्रोत्साहित करें ।मा गंगा में डुबकी लगाते हुए भारत को आत्मनिर्भर विश्वगुरु बनाने ,स्वच्छता एवं पर्यावरण सरंक्षण को बढ़ावादें।
जीतमणि पैन्यूली
सम्पादक
संयोजक टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति प्रतापनगर गाजणा छेत्र एवं पूर्व संरक्षक श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ