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उत्तराखण्ड राज्य में मोटर वाहन कर की दरों को संशोधित किया गया है 

Pahado Ki Goonj
देहरादून:उत्तराखण्ड राज्य में समस्त मोटर वाहनों पर मोटर वाहन कर को अधिक तर्कसंगत बनाने, कर प्रणाली को अधिक सरल करने, राज्य के राजस्व में वृद्धि करने एवं परिवहन व्यवसायियों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य में मोटर वाहन कर की दरों को निम्नानुसार संशोधित किया गया है। 
उक्त सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मोटर वाहन कर की दरों में निम्नलिखित संशोधन किये गये है। 
01. निजी मोटर यानों पर एक बार देय कर का निर्धारण यान के मूल्य पर आधारित किया गया है। उसमें दुपहिया यान के 03 वर्ग यथा-50 हजार रूपये मूल्य तक के लिए यान के मूल्य का 07 प्रतिशत, 50 हजार से 01 लाख रूपये मूल्य तक के लिए यान के मूल्य का 08 प्रतिशत और 01 लाख रूपये से ऊपर मुल्य के लिए यान के मूल्य का 09 प्रतिशत कर की दर निर्धारित की गई है। इसी प्रकार चार पहिया मोटर यान के 03 वर्ग यथा- 05 लाख रूपये मूल्य तक के लिए 08 प्रतिशत, 05 लाख से 08 लाख रूपये मूल्य तक के लिए 09 प्रतिशत और 10 लाख रूपये से ऊपर
मूल्य के लिए यान के मूल्य का 10 प्रतिशत एक बार देय कर की दर निर्धारित की गई है। वायु प्रदूषण नियंत्रण को कम करने की दृष्टि से विद्युत बैटरी अथवा सोलर पावर अथवा सीएनजी से चालित यानों के लिए एक बार देय कर से छूट प्रदान की गई है। 
02. वर्तमान में ड्राईवर को छोडकर 06 सीट तक की मोटर टैक्सी एवं 07 से 12 सीट तक की मैक्सी कैब के लिए क्रमशः 430 रूपये व 510 रूपये प्रति सीट प्रति त्रैमास कर की दरें निर्धारित है। सरलीकरण के उद्देश्य से उन दोनों प्रकार के यानों के लिए एक समान 500 रूपये प्रति सीट त्रैमास कर की दर निर्धारित की गई है। माल यान के लिए वर्तमान 230 रूपये प्रति टन त्रैमास कर की दर में मामूली वृद्धि करते हुए उसे 270 रूपये प्रति टन प्रति त्रैमास निर्धारित किया गया है। कृषि प्रयोजन से भिन्न व्यवसायिक प्रयोजन में प्रयुक्त टैªलर के सकल यान भार के प्रत्येक मीट्रिक टन के लिए पहली बार माल यान की भांति 270 रूपये प्रति मीट्रिक टन प्रति त्रैमास कर की दर निर्धारित की गई है। 
03. ड्राईवर को छोडकर तीन पहिया मोटर यान, जिसमें तीन व्यक्तियों तक बैठने की क्षमता हो, प्रत्येक सीट के लिए 730 रूपये के  स्थान पर 8 सौ रूपये वार्षिक और 03 से अधिक 06 व्यक्तियों तक बैठने की क्षमता वाले तीनपहिया मोटर यानकी प्रत्येक सीट के लिए 845 रूपये के स्थान पर 01 हजार रूपये वार्षिक  कर की दर निर्धारित की गई है। दोनों मामलों में 07 हजार रूपये एक बार देय कर की दर निर्धारित की गई है, जो स्वैच्छिक हैै। वायु प्रदूषण नियंत्रण करने के उद्देश्य से विद्युत बैटरी अथवा सोलर पावर अथवा सीएनजी से चालित यानों से देय कर के 20 प्रतिशत के बराबर छूट प्रदान की गई है। 
04. राज्य के पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए, पर्वतीय मार्गों पर मैदानी मार्गों की तुलना में संचालन व्यय अधिक होता है। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में आम जनता को पर्याप्त परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की अनिवार्य आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पर्वतीय मार्गों पर संचालित मंजिली गाडियों की कर की दरें मैदानी मार्गों की तुलना में आधी रखते हुए प्रति सीट प्रति माह कर की दर रूपये 50.00 निर्धारित की गई है। 
05. आम जनता को अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नगर बसों के संचालन को बढावा देने के लिए नगर निगम या नगरपालिका की सीमा के भीतर संचालित नगर बसों की 85 रूपयें प्रति सीट प्रति मास की दर को 50 रूपये प्रति सीट प्रति मास रखा  गया है। मैदानी मार्गों में संचालित मंजिली गाडियों की वर्तमान दर में लगभग 18 प्रतिशत मामूली की वृद्धि की गई है। 
06. राजस्व वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अस्थाई रूप से पंजीकृत मोटर यानों तथा डीलर के कब्जे में रखी गई वाहनों की दरों में मामूली वृद्धि की गई है।
07. पेट्रोल चलित यानों की तुलना में डीजल चालित यानों पर ग्रीन उपकर की दरें अधिक रखी गई है। 
(क) पेट्रोल चालित कार- 1500.00
(ख) डीजल चालित कार- 3000.00
पर्यावरण को प्रदूषित रहित बनाने के उद्देश्य से क्लीन फ्यूल (सौर ऊर्जा बैटरी सीएनजी) से संचालित वाहनों को कर मुक्त कर दिया गया है। 
08. मेलों, धार्मिक सभाओं में यात्रियों को लाने ले जाने के लिए अस्थाई परमिट पर चलने वाले वाहनों तथा बारात, पर्यटक यात्रियों या अन्य आरक्षित पार्टियों की सवारियों के लिए विशेष परमिट पर संचालित वाहनों के लिए विशेष कर की वर्तमान 08 रूपये प्रति सीट कर की दर में मामूली वृद्धि करते हुए 10 रूपये प्रति सीट की गई है। 
09. अन्य राज्यों से अस्थाई परमिट पर उत्तराखण्ड राज्य में आने वाले माल यानों एवं ठेका यानों आदि, के लिए कर की दरें तर्कसंगत किया गया है। 
10. ऐसे निजी मोटर यान जो परिवहन यान के रूप में चलते हुए पाये जायें, के द्वारा किये जा रहे अनधिकृत संचालन को रोकन के लिए और ऐसी प्रवृति को हतोत्साहित करने के लिए कर की दरें निर्धारित की गई है।
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