गैरसैंण स्थाई राजधानी की बढ़ती मांग से घबरा रही है सरकार

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गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का संघर्ष स्थल, परेड ग्राउंड पर 75वाँ दिवस

देहरादून: मनोज ध्यानी ने कहा कि गैरसैंण स्थाई राजधानी की बढ़ती मांग से घबरा रही है सरकार। जनता को कर्ज में डूबो अपने लिए एशोगाह के संसाधन जुटाने का निर्णय है नैनीताल में एक और मुख्यमंत्री कार्यालय। संगठन की मांग कि केवल गैरसैंण में ही हो राजधानी से संबंधित अवस्थापना विकास और प्रदेश में कहीं भी बेसिरपैर का फिजूलखर्च पर रोक लगाए सरकार।

 ध्यानी ने कहा कि गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान, संघर्ष स्थल (हिन्दी भवन के समक्ष)
परेड ग्राउंड स्थित संघर्ष स्थल पर *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* का 75वाँ दिवस का धरना कार्यक्रम *जनसंगठनों की महापंचायत* आयोजित करने और प्रदेश मुख्य मंत्री कार्यालय को नैनीताल में भी खोलने के सरकार के निर्णय की समीक्षा करने पर केंद्रित रहा। *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* ने आज सरकार के इस निर्णय को कि नैनीताल में भी मुख्यमंत्री का एक कार्यालय खुले को बेसिरपैर का निर्णय करार करते हुए कड़ी निन्दा की है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* का मानना है कि सरकार गैरसैंण स्थाई राजधानी की मांग के बिन्दु को भटकाने के लिए इस प्रकार का निर्णय ले रही है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* इस प्रकार के निर्णय को प्रदेश की जनता के धन का दुरूपयोग और भ्रष्टाचार मात्र मानती है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* का यह भी कहना है कि सरकार पहाड़ों को क्षेत्र आधार और भाषा आधार पर बांटने का ख्वाब देख रही है जिसे हर हाल में निष्फल किया जाएगा और गैरसैंण स्थाई राजधानी के लक्ष्य को सफल बनाया जाएगा| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* का कहना है कि प्रदेश की वर्तमान अस्थायी राजधानी देहरादून में ही दो दो मुख्यमंत्री आवास अब तक नजर आ चुके हैं, जिनमें से एक बीजापुर है तो दूसरा राजभवन से सटकर 28 करोड़ की लागत से बनाकर| इसी प्रकार मुख्यमंत्री के दो दो कार्यालय – एक अस्थाई विधानसभा में, तो दूसरा अस्थायी सचिवालय में स्थित हैं| और अब नैनीताल में भी यही सब कुछ करना जनता के साथ कुल मिलाकर एक बड़ा भद्दा मजाक है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* ने कहा है कि प्रदेश की जनता गैरसैंण के इतर कहीं और राजधानी अवस्थापना विकास की पक्षधर हरगिज़ नहीं है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* गैरसैण को ही एकमात्र और पूर्णकालिक राजधानी विकसित करने की मांग सरकार से करती है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* सर्व क्रियाशील जन संगठनों से ऐसे तुगलकी निर्णयों को कड़ाई से प्रतिरोध दर्ज करने का आह्वान करती है| और सर्व संगठनों से प्रदेश को बचाने हेतु एक मंच पर आने का आह्वान करते हुए सभी को 02 दिसम्बर 2018 को आहूत *जनसंगठनों की महापंचायत* का संयुक्त भागीदार बनने का आग्रह भी करती है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* ने आज भी सरकार द्वारा देहरादून में कराए जा रहे शीतकालीन सत्र के निर्णय को प्रदेश की जनता के साथ राजनीतिक धोखा की संग्या प्रदान की है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* ने *जनसंगठनों की महापंचायत* की कमान सेवाओं को सौंपने का निर्णय लेते हुए मदन सिंह भंडारी, सचिन थपलियाल, बॉबी पंवार, प्रकाश गौड़, अंकित बिष्ट और सुभाष रतूडी को संयुक्त रूप से 02 दिसंबर 2018 का कार्यक्रम संयोजक का दायित्वभार सौंपा है| और निर्णय लिया है कि प्रदेश की स्थाई राजधानी आंदोलन की पूर्ण कमान युवाओं को ही दी जाएगी व इसमें बड़ा विस्तार किया जाएगा| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के वरिष्ठतम सदस्य युवाओं की रीझ व ढाल का रोल अदा करेंगे| आज 75वाँ दिन के धरना में उपस्थिति देने वालों में *थैलीसैण से आए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत, मनोज ध्यानी, इंजीनियर आनंद प्रकाश जुयाल, संजय घिल्डियाल, यशवीर आर्य, एन. एन. भट्ट, चंद्रभानू भट्ट, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल (मु. सं), संजय थपलियाल, कृष्ण काँत कुनियाल, श्रीमती सुमन डोभाल काला, मदनसिंह भंडारी, प्रकाश चंद्र गौड़, शंकर पुरोहित, भुवन चंद्र जोशी, अंकित बिष्ट, पीसी थपलियाल, शिवप्रसाद सती, जीवन सिंह मेहरा, जीवन प्रसाद चमियाल, ज्योत्सना असवाल, हर्ष मैंदोली, उपेन्द्र चौहान, अंकित कुकरेती, संजय किमोठी, सुभाष त्यागी, अखिलेश व्यास* आदि सम्मिलित रहे।

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