HTML tutorial

कैबिनेट द्वारा लिये गए महत्वपूर्ण निर्णय जानिए समाचार

Pahado Ki Goonj

देहरादून में विद्या समीक्षा केन्द्र का लोकार्पण व पीएम श्री विद्यालय एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रतिभाग

https://youtube.com/live/y_WRzUKtP3s?feature=share

आगे पढ़ें 

LIVE: देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 हेतु Real Estate Developer/Investor के साथ बैठक

https://youtube.com/live/Auij7lN1pdY?feature=share

आगे पढ़ें 

 मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री  धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय में राज्य के विद्या समीक्षा केन्द्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर राज्य के 141 पी.एम.श्री विद्यालयों एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय का शिलान्यास भी किया गया। मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्य में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में एन.डी.ए एवं आई.एम.ए में चयनित कैडेट को पुरूस्कार की धनराशि भी प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज राज्य में केंद्र सरकार सहायतित “विद्या समीक्षा केन्द्र“ एवं “पीएम श्री योजना“ का शुभारंभ किया गया है, यह प्रदेश के लिए हर्ष का विषय है। इसके लिए उन्होंने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द प्रधान का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र विद्यालय, छात्रों एवं अध्यापकों से संबंधित सभी आंकड़ों को रियल टाइम आधार पर संकलित करेगा तथा छात्र आकलन के आधार पर शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सभी का मार्गदर्शन करेगा। इस केंद्र में आज से अध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं की रियल टाइम ऑनलाइन उपस्थिति प्रारम्भ भी हो गई है। इस केंद्र का उपयोग शीघ्र ही शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मानव संसाधन पोर्टल, विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के ऑनलाइन रख-रखाव, ऑनलाइन स्थानान्तरण, ऑनलाइन नियुक्ति, ऑनलाइन मॉनीटरिंग आदि के लिए भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में से है, जहां केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर प्रारम्भ की गई योजनाओं को जनहित में सबसे पहले क्रियान्वित किया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का शुभारंभ उत्तराखण्ड ने सबसे पहले किया। पीएम श्री योजना के तहत राज्य में 141 स्कूल इस योजना के अन्तर्गत विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 72 करोड़ की धनराशि स्वीकृत भी की गई है। इस सहयोग के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में बालिकाओं के लिए 40 कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास संचालित हैं, जिनमें सभी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री  धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के विद्या समीक्षा केन्द्र के गुजरात मॉडल को लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखण्ड है। जिसमें अभी 05 हजार स्कूल जोड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवम्बर तक प्रदेश के सभी 22 हजार स्कूलों को सभी डाटा के साथ जोड़ने के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। राज्य के कक्षा 01 से 12वीं तक के लगभग 23 लाख 50 हजार विद्यार्थी इस विद्या समीक्षा केन्द्र से जुड़ेंगे। राज्य के 01 लाख 22 हजार से अधिक शिक्षकों का डाटा भी इसमें रहेगा। विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से बच्चों एवं शिक्षकों की प्रतिदिन की उपस्थिति का पता चलेगा। दीक्षा टीवी एवं इन्टरनेट के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था विद्या समीक्षा केन्द्र में रहेगी। राज्य के सभी डायट, को जोड़ने एवं शिक्षकों की कैपिसिटी बढ़ाने की व्यवस्था इसमें बनाई जा रही है। स्कूली शिक्षा की सभी जानकारी विद्या समीक्षा केन्द्र में रहेगी।

बीस लाख  सुधी पाठको की और  से भारत की नई पीढ़ी को विश्व का नेतृत्व करने  की हार्दिक शुभकामनाएं 

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दार्शनिक तत्व है। 21वीं सदी की भारत की नई पीढ़ी ज्ञान के आधार पर विश्व का नेतृत्व करने वाली है। राज्य में मॉडल स्कूल के रूप में प्रारंभिक चरण में पी.एम.श्री के तहत 141 स्कूलों का चयन किया गया है। उच्च शिक्षा में राज्य में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना और मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना शुरू करने का सराहनीय कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि जी 20 के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ग्लोबल मॉडल के रूप में स्वीकृति करा दी। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल भारत के 30 करोड़ विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, विश्व के विकसित देशों के विद्यार्थियों के लिए नया बैंचमार्क बना रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रसार के लिए केन्द्र सरकार की ओर से राज्य को पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड उन्हें अपने गृह राज्य की तरह ही प्रिय है।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड विद्या समीक्षा केन्द्र का शुभारंभ करने वाला गुजरात के बाद देश का दूसरा राज्य है। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखण्ड बना। राज्य में शुरू की गई उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना में विभिन्न संकायों में स्नातक स्तर पर छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष महाविद्यालय स्तर / विश्वविद्यालय परिसर स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः 03 हजार रूपये, 02 हजार रूपये एवं 1500 प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जायेगी। स्नातक अंतिम वर्ष के उपरान्त प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने पर एकमुश्त पुरस्कार राशि के रूप में क्रमशः 35 हजार रूपये, 25 हजार रूपये एवं 18 हजार रूपये दिये जायेंगे।

विभिन्न संकायों में विषय वार स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं प्रतिवर्ष महाविद्यालय स्तर / विश्वविद्यालय परिसर स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 05 हजार रूपये, 03 हजार रूपये एवं 02 हजार रूपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जायेगी। परा स्नातक अंतिम वर्ष के उपरान्त प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने पर एकमुश्त पुरस्कार राशि के रूप में क्रमशः 60 हजार रूपये, 35 हजार रूपये तथा 25 हजार रूपये की धनराशि दी जायेगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध / अन्वेषण एवं नवाचार के वातावरण का सृजन करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों और मूल्यों के अनुरूप उत्कृष्ट शिक्षा और शोध के केन्द्र के रूप में संस्थाओं को विकसित करते हुए शिक्षकों एवं छात्रों को शोध एवं नवाचार के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस अवसर पर सांसद  नरेश बंसल, विधायक  उमेश शर्मा काऊ, भारत सरकार के अपर शिक्षा सचिव  विपिन कुमार, उच्च शिक्षा सचिव  शैलेश बगोली, विद्यालयी शिक्षा सचिव  रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा  बंशीधर तिवारी एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आगे पढ़ें 
*कैबिनेट द्वारा लिये गए महत्वपूर्ण निर्णय*

1. पर्यटन विभाग के अंतर्गत श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के वास्तुविद सेवाओं के कार्य M/s INI Design Studio Pvt. Ltd द्वारा किए जाने के दृष्टिगत श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ धाम में विभिन्न स्थानों पर स्थापित की जाने वाली विभिन्न विशेष प्रकृति की कलाकृतियों एवं मूर्तियों के Conceptual Desing, Detailed Design DPR, Post-Implementation हेतु M/s INI Design Studio Pvt. Ltd से 6.5 प्रतिशत की दर से एकल स्रोत के माध्यम से कन्सलटेन्सी सेवायें लिये जाने का निर्णय।

2. इसके अतिरिक्त औली को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किये जाने हेतु Skiing Destination Plan एवं उसके क्रियान्वयन हेतु औली विकास प्राधिकरण का गठन किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया है। किसी क्षेत्र में पर्यटन और पर्यटन व्यवस्था सम्बन्धित सेवाओं में सुधार किये जाने हेतु समय-समय पर उत्तराखण्ड विशेष क्षेत्र अधिनियम के तहत राज्य सरकार द्वारा विशेष पर्यटन विकास क्षेत्र घोषित किया जाता है। क्योंकि उत्तराखण्ड में औली सबसे लोकप्रिय स्कीइंग गंतव्य स्थल है। अतः औली को Skiing Destination के रूप में विकसित किये जाने हेतु Skiing Destination Plan एवं उसके क्रियान्वयन हेतु औली विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है।

3. औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड सेवा क्षेत्र नीति-2023 के संबंध में भी कतिपय निर्णय लिये गये है। इसके तहत उत्तराखण्ड सरकार द्वारा स्वास्थ्य देखभाल, वेलनेस एवं पारम्परिक चिकित्सा, शिक्षा, फिल्म और मीडिया, खेल, आई.टी.ई.एस., डाटा सेंटर, कौशल विकास के क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड सेवा क्षेत्र नीति-2023 लायी गई है। उक्त नीति के प्रख्यापन से राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। नीति के अतंर्गत सेवा अर्थव्यवस्था (पर्यटन को छोड़कर) 2030 तक 27 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ेगी, और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम 40 प्रतिशत का योगदान देगी। उत्तराखण्ड 2030 से पहले सेवा क्षेत्रों में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगा। 2027 से पहले 45,000 करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत सेवा क्षेत्र में 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा तथा सेवा क्षेत्रों में 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास होगा। सेवा क्षेत्र में निवेशकों को भूमि एवं पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

4. सचिवालय प्रशासन विभाग के तहत मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड के आदेश दिनांक 31.03.2023 के क्रम में अपर निजी सचिव परीक्षा-2017 में समतुल्य शैक्षिक अर्हता होने के दृष्टिगत 04 अभ्यर्थियों के चयन की सहमति लोक सेवा आयोग को प्रेषित किये जाने के संबंध में निर्णय लिया गया है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा समतुल्यता समिति द्वारा संस्तुति दी गयी कि अपर निजी सचिव-2017 के विज्ञापन में अपर निजी सचिव पद हेतु उल्लिखित शैक्षिक अर्हता के रूप में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी संस्था / विश्वविद्यालय से 01 वर्षीय कम्प्यूटर पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र अथवा कम्प्यूटर विज्ञान विषय के साथ स्नातक उपाधि के साथ क्रमशः बी०सी०ए० एवं बी०टैक० उपाधि धारित समस्त याचिगणों को पाठ्यक्रम में 75 प्रतिशत से अधिक की साम्यता के आधार पर अर्ह माना जा सकता है।

समतुल्यता समिति की रिपोर्ट के आधार पर मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड के आदेश अंतिम निर्णय दिनांक 31.03.2023 के क्रम में चार अभ्यर्थियों/याचीगणों (सुश्री शिवानी धस्माना, श्री दीपक डिमरी, श्री राशिद तथा श्री महेश प्रसाद) की शैक्षिक अर्हता में 75 प्रतिशत से अधिक की साम्यता के आधार पर अर्ह माने जाने के कारण चारों अभ्यर्थियों के अपर निजी सचिव के पद पर चयन के सम्बन्ध में लोक सेवा आयोग को सहमति प्रदान की जानी प्रस्तावित की गई है।

5. ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य में पम्प स्टोरेज परियोजनाओं की ड्राफ्ट नीति पर अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके तहत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा निर्गत राष्ट्रीय विद्युत योजना के अन्तर्गत पम्प भण्डारण परियोजनाओं हेतु निर्धारित कुल क्षमता एवं राज्य हेतु निर्धारित अनुमानित लक्ष्य के आलोक में भारत सरकार द्वारा पम्प भण्डारण परियोजनाओं हेतु निर्गत दिशा-निदेशों के अनुसार राज्य में पम्प भण्डारण क्षमता विषयक परियोजनाओं के विकास हेतु ड्राफ्ट नीति तैयार कर मा० मंत्रिमण्डल के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत की गयी है।

इस नीति का मुख्य उद्देश्य पम्प भण्डारण परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में इस क्षेत्र की चिन्हित क्षमता का दोहन करना, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रबन्धन एवं सद्पयोग कर ग्रिड स्थिरता प्रदान करना, स्व-निर्धारित ऑफस्ट्रीम स्थलों के विकास को प्रोत्साहित करना, संगत क्षेत्र में सार्वजनिक एवं निजी निवेश के माध्यम से राज्य का आर्थिक विकास एवं उक्त परियोजनाओं के जल से पेयजल तथा सिंचाई की आवश्यकताओं की पूर्ति करना इत्यादि प्रमुख रूप से है।

प्रस्तावित नीति में उक्त परियोजनाओं के त्वरित विकास हेतु अन्तः राज्यीय पारेषण शुल्क, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि, निःशुल्क रॉयल्टी विद्युत, भूमि पर हस्तांतरण/निकासी की त्वरित अनुमति, जल कर एवं सरकारी भूमि को 45 वर्षों की अवधि के लिए सर्कल दर से जुड़ी वार्षिक पट्टा दर पर आवंटित किये जाने विषयक कई छूट/रियायतें प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है।
6. ऊधमसिंहनगर में जो गैस आधारित प्लांट हैं, उनमें बाहरी देशों से लिक्विफाइड गैस जो आती है उसपर वैट शून्य है जबकी सी.एन.जी गैस पर वैट 20 प्रतिशत है। इससे गैस आधारित प्लांट के संचालन में कठिनाई होने के कारण इस वैट को भी शून्य किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया है। इससे गैस आधारित प्लांट संचालित हो सकेंगे और प्रदेश में बिजली आपूर्ति की कमी को दूर किया जा सकेगा।

 आगे पढ़ें ¹⁰

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के लिए आवासीय परियोजनाओं एवं अन्य विषयों पर रियल एस्टेट इन्वेस्टर के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2023 में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में निवेश सम्मेलन अहम भूमिका निभायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले 25 सालों के रोडमैप को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े निवेशकों से लगातार संवाद किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए नई नीतियां बनाई जा रही है। राज्य में उद्योगों के हित में 27 नई नीतियां बनाई गई हैं। सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाया जा रहा है। नीतियों के सरलीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट के सबंध में जो भी सुझाव आज प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों को आगे की कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत से जुड़े लोगों से समय-समय पर जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाई गई है। जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उन पर तात्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते हैं, वे कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में निवेशकों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है। निवेश के लिए देवभूमि उत्तराखण्ड में अनुकूल माहौल है। सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी का राज्य में तेजी से विस्तार हो रहा है। औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का आकर्षण तेजी से राज्य में बढ़ा है।

कैबिनेट मंत्री  प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में नीतियां निवेश के अनुकूल बनाई जा रही हैं। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों के श्रेणी में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस इन्वेस्टर समिट की बैठकें उत्तराखण्ड के अलावा देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशों में भी प्रस्तावित हैं। रियल एस्टेट के क्षेत्र में निवेश की अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए हम सबको अपना योगदान देना होगा।

इस अवसर पर रेरा के अध्यक्ष  रबिन्द्र पंवार, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी,  आनंद बर्द्धन, सचिव  आर. मीनाक्षी सुंदरम,  एस.एन. पाण्डेय, उपाध्यक्ष एमडीडीए  बंशीधर तिवारी एवं रियल एस्टेट से जुड़े निवेशक उपस्थित थे।

Next Post

मिनी स्विट्जरलैंड चोपता घाटी में इको टूरिज्म जोन तैयार होने जा रहा है

  लक्ष्मण सिंह नेगी।  ऊखीमठ । मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर रूद्रप्रयाग जिले की चोपता घाटी में इको टूरिज्म जोन तैयार होने जा रहा है। वन विभाग ने इसके लिए कवायद शुुरू कर दी है। विभाग ने इको टूरिज्म बोर्ड को साढे तीन करोड रूपये  का प्रस्ताव भेजा है। बोर्ड […]

You May Like