परिवार की खुशहाली के लिए बहुगुणकारी काली हल्दी लगाएं इसके उत्पादन से स्वस्थ रहने के साथ साथ बेरोजगारी दूर भगाया।
आंगनबाड़ी के कार्य करने वाले लोगों को कालीहल्दी के प्रयोग से जहां जच्चा बच्चों की नार्मल दिलेबरी से खुशी होगी ।वहीं उनके मान देय समय पर नहीं मिलने की परेशानी को देखते हुए गुणकारी महंगी फसल को बेचकर आंदोलन करने का रोना काली हल्दी की फसल बिक्री होने पर नहीं रोना पड़ेगा ।
घर आगे और छत पर खाली कटों पर लगाए सकारात्मक ऊर्जा पाएं
उत्तराखंड का निर्माण में मातृशक्ति का योगदान है उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में उनका बड़ा योगदान है प्रदेश को स्वस्थ एंव समृद्ध बनाने के लिए अपने घरों में लगाने की सुरवात किजयेगा।
आंगनबाड़ी को किचन गार्डन का पैसा भी मिला है उनको स्वस्थ प्रसब के लिए , मातृ मृत्यु दर कम करने किचन गार्डन के साथ साथ प्रसब होने वाले बचे की सुरक्षा के लिए 200gm कन्द घर के घर के आगे और छत पर लगाने के लिए डिजयेगा। तीन महीने से वह उसके प्रयोग में काम ला सकते हैं।
अच्छे उनतबीज प्राप्त करने की जनकारी के लिए एजेंडा बिजनेस सेंटर 11/10 लखी टी स्टाल यूनीवर्सल पेट्रोल पंप राज पुर रोड़ देहरादून वट्सप न0 7983825336 से प्राप्त किजयेगा।
देहरादून, टिहरी गढ़वाल,(Black Turmeric Benefits:) आपने अब तक पीली हल्दी (Turmeric) के बारे में ही सुना और इस्तेमाल किया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि काली हल्दी भी होती है. जी हां, काली हल्दी (Black turmeric) का इस्तेमाल बहुत कम लोग ही करते हैं, लेकिन इसके फायदे बेजोड़ होते हैं। शायद, इस हल्दी के बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी हो. काली हल्दी का वैज्ञानिक नाम Curcuma caesia है।. इसे अंग्रेजी में ब्लैक करक्युमा भी कहते हैं. इस हल्दी (Kali Haldi) की उत्पत्ति उत्तर-पूर्व और मध्य भारत है. इसका रंग डार्क ब्राउन, नीला काला (bluish black) होता है. काली हल्दी का स्वाद कड़वा, तीखा, मिट्टीनुमा, गर्म स्वाद वाला होता है. आइए जानते हैं काली हल्दी के फायदों (Health bnefits of black turmeric) के बारे में यहां।
काली हल्दी के सेहत लाभ ,कोरोना महामारी से बचने के लिए संपादक स्वयं 5 हॉस्पिटलो में 3 सितम्बर से इलाज करने के लिए 20 दिन तक रहे ।स्वास्थ्य लाभः काली हल्दी से मिलने की जानकारी मिली । चाय दूध में चने के दाने के बराबर उबालकर हल्का ठंडा करके पीने से लाभः मिला तब मन में समाज को बचाने के लिए कालीहल्दी लगाने का अल्प प्रयास किया है।
बड़ी बात यह है कि कालीहल्दी की फसल को जानबर नुकसान नहीं करते हैं।
अब इससे भी खतरनाक वायरस आरहा है यह बात भारत के सबसे छोटी उम्र के वैज्ञानिक डॉ शैलेन्द्र कुमार बिराणी ने कही है । उनको शोध कार्य करते हुए उनका पेटेंट मिला हुआ है। उन्होंने आने वाली बीमारी के प्रति चिंता जाहिर की है ।
हेल्थबेनेफिट्सटाइम्स डॉट कॉम में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, काली हल्दी एक बेहद ही स्वास्थ्यवर्धक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल कई औषधीय उपचार में किया जाता है.
शरीर के जोड़ों के दर्द में इस्तेमाल करते हैं
इसके इस्तेमाल करने से राहत मिलती है
यह भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया के बाजारों में ताजी या सूखी बेची जाती है. इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, साथ ही एंटीऑक्सीडेंट भी होता है. दांत दर्द में सबसे ज्यादा काली हल्दी (Kali Haldi ke fayde) का उपयोग किया जाता है.
फेफड़ों से संबंधित रोगों को करे दूर
फेफड़ों से संबंधित रोग जैसे अस्थमा, ब्रोनकाइटिस, निमोनिया आदि के इलाज में काली हल्दी का इस्तेमाल काफी किया जाता है और यह लाभ भी पहुंचाती है. काली हल्दी में मौजूद करक्युमिन और अन्य कम्पाउंड्स फेफड़ों के उपचार के दौरान पारंपरिक दवाओं के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली की अच्छी कोशिकाओं पर हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
ल्यूकोडर्मा में फायदेमंद
जिन लोगों को त्वचा संबंधित समस्या ल्यूकोडर्मा है, वे प्रभावित त्वचा पर काली हल्दी लगा सकते हैं. बाजार में रेडीमेड लोशन भी उपलब्ध हैं।दुनिया का सबसे अच्छा सौंदर्य सामग्री काली हल्दी से बनाई जाती है। कच्ची हल्दी का पेस्ट बना कर स्नान करने से वाह्य शरीर सुंदर निरोगी बना रहता है।
बेहतरीन दर्द निवारक
काली हल्दी के सेवन से शरीर में होने वाले कई तरह के दर्द कम होते हैं. दांत दर्द, रैशेज, पेट दर्द, ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या को करती है कम. हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। हो सके तो किसी एक्सपर्ट से इसकी सही मात्रा लेने के बारे में पूछ लें।
कैंसर के जोखिम को करे कम
यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि काली हल्दी में मौजूद करक्युमिन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है. यह भी सिद्ध हो चुका है कि करक्युमिन शरीर के अंगों में पूर्व-कैंसर संबंधी परिवर्तनों को संशोधित करते हैं. एंटी-कैंसर उपचार में काली हल्दी का सेवन करने से कोई साइड एफेक्ट नजर नहीं आते हैं.
कोलाइटिस करे ठीक
बड़ी आंत का प्रदाह या कोलाइटिस होने पर काली हल्दी के सेवन से इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है. आप खाना खाने के बाद दिन में दो बार काली हल्दी का सप्लिमेंट्स ले सकते हैं. यह बृहदांत्रशोथ (Colitis) से राहत देगा और पाचन प्रणाली को भी दुरुस्त रखेगा.
वजन करे कंट्रोल
काली हल्दी शरीर में डायटरी फैट के टूटने में मदद करती है. यदि आप ल कम करना चाहते हैं, तो काली हल्दी का सेवन प्रतिदिन सीमित मात्रा में करें. यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाती है. प्रभावी पित्त के निर्माण से पाचन में सहायता करती है और लिवर डिजीज से बचाए रखती है. यह शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध के विकास के जोखिम को भी कम करती
काली हल्दी के 5 उपाय, दिन रात होगी धनवर्षा; बिजनेस में भी मिलेगी तरक्की
पीली हल्दी के बारे में हर कोई जानता है. माशाले में इस्तेमाल के अलावा यह विष्णु की पूजा में भी काम आता है. ज्योतिष में इसे सुख और समृद्धि का कारक माना गया है. इसलिए इसका प्रयोग सभी शुभ कार्यों में किया जाता है. इसके अलावा काली हल्दी का भी ज्योतिष में खास महत्व बताया गया है. धन प्राप्ति और इससे जुड़ी समस्या के लिए काली हल्दी के उपाय किए जाते हैं. काली हल्दी के इन पांच उपाय से बिजनेस में तरक्की मिलती है. साथ ही घर-परिवार सुखी और संपन्न रहता है।
किसी चांदी के डब्बे में काली हल्दी, नागकेसर और सिंदूर को साथ में रखकर किसी लक्ष्मी मंदिर में जाकर उनके पैरों से स्पर्श कराएं। चार धाम यात्रा करने वाले यात्रियों को यमनोत्री गांगोत्री, केदारनाथ बद्रीनाथ जाने वाले यात्रियों को अपनी यात्रा की सुरक्षा के साथ साथ प्रसाद में लाकर इसके बाद इसे घर में जहां धन रखते हैं, उस स्थान पर रखें।इस उपाय को शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को करें। माना जाता है कि ऐसा करने से फिजूलखर्च नहीं होता है। साथ ही पैसा पास में टिकता है।
ज्योतिष के मुताबिक शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार के दिन एक काली हल्दी की गांठ लें। इसके साथ 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ियां और एक चांदी का सिक्का पीले कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। इसके बाद इस पोटली को हाथ में रखकर ‘ओम् नमो भगवते वासुदेवाय’ का 108 बार जाप करें। मन्दिर में करने से ज्यादा फल मिलता है।फिर इस पोटली को धन के स्थान या तिजोरी में रखें। ऐसा करने से बिजनेस में आ रही आर्थिक परेशानी जल्द दूर हो सकती है। गाड़ियों में कालीहल्दी की गांठ लगाने से सुरक्षा बनी रहती है। किसी कार्य करने के लिए जाने से पहले काली हल्दी का टीका लगाने से कार्य सफल होते है।
किसी महीने की गणेश चतुर्दशी के दिन या जब अमावस्या और शुक्रवार का संयोग बने तब पीले कपड़े में काली हल्दी और एक चांदी का रखकर पूजा स्थल पर रखें। इसके बाद इसे धन स्थान या तिजोरी में रखें। मान्यता है कि इस उपाय से पैसों की कमी नहीं होती है।
काली हल्दी को पीसकर उसमें केसर या गंगाजल मिलाएं। इसके लेप से गल्ले या अन्य दूसरी जगहों पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। इस उपाय को महीने के पहले बुधवार के दिन करें।मान्यता है कि ऐसा करने से व्यापार में तरक्की होती है।
काली हल्दी को सिंदूर के साथ लाल कपड़े में लपेट लें। इसके बाद इसे गुरु-पुष्य नक्षत्र के संयोग पर पहले पूजा वाले स्थान पर रखें. फिर तिजोरी या धन स्थान पर रखें. ऐसा करने से धन में धन-वृद्धि होने लगती है। परिवार के इस्तेमाल करने के लिए परिवार को इसके उत्पादन की ओर फरवरी मार्च में लगाने की रूचि रखने की आवश्यकता है । अपने लिए अपने किचन गार्डन में उगाई कर सकते हैं। उत्तराखंड में महिलाओं के ऊपर घर की जुमेदारी है वह घर की रीढ़ हैं।उनको स्वस्थ रखने से प्रदेश स्वस्थ रहेगा।देश की रक्षा करने वाले स्वस्थ पैदा होंगें। प्राकृतिक रूप से जच्चा से बचा का जन्म लेने की ओर समाज को जागृत करने की आवश्यकता है। उनके स्वास्थ्य को लेकर सरकार ने आंगनबाड़ी को किचन गार्डन की योजना सभी विकास खंडों में दी गई है । काफी आंगन बाड़ी बेटियों ने लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने के लिए रूचि दिखाई है। प्रदेश में जिनके पास जगह की कमी है वह खाली बैगों पर अपने घर छतों पर उगा सकते हैं। हमारा ध्येय स्वस्थ प्रदेश बनाने के लिए है। अच्छे उन्नत बीज के लिए संपर्क करें। वट्सप नम्बर 7983825336
जानकारी जन हित में 5 लोगों को शेयर किजयेगा।