मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी नेप्रान्तीय रक्षक दल के स्थापना दिवस की रैतिक परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी नेप्रान्तीय रक्षक दल के स्थापना दिवस की रैतिक परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को तपोवन रोड, देहरादून में प्रान्तीय रक्षक दल के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित रैतिक परेड में शामिल होकर रैतिक परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पीआरडी के घोषवाक्य ‘अहमस्मि योधः’ का लोकार्पण किया और पीआरडी स्वयं सेवकों के आश्रितों को सहायता राशि का वितरण भी किया।

मुख्यमंत्री ने सभी को प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज पीआरडी. स्वयंसेवकों द्वारा रैतिक परेड में किए गए मार्च पास्ट का प्रदर्शन अत्यंत ही मनोहारी था। *इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 05 घोषणाएं की। उन्होंने घोषणा की कि पी.आर.डी. स्वयं सेवकों को प्रत्येक 02 वर्ष पर 01 गर्म वर्दी एवं 01 सामान्य वर्दी विभाग द्वारा दी जायेगी। पी.आर.डी. स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण एवं पुर्नप्रशिक्षण के समय दी जानी वाली वर्दी की दर 1500 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए की जाएगी। सभी पंजीकृत डयूटी पर तैनात पी.आर.डी. स्वयं सेवकों को होमगार्ड स्वयं सेवकों की भांति 200 रुपए प्रतिमाह ड्यूटी दिवस के अनुमानित में धुलाई भत्ता दिया जायेगा। विकासखण्ड स्तर पर तैनात ब्लाक कमाण्डर एवं न्याय पंचायत स्तर पर तैनात हलका सरदार का मासिक मानदेय क्रमशः 600 रुपए एवं 300 से बढ़ाकर प्रतिमाह 1000 रुपए एवं 500 रुपए किया जायेगा। आपदा बचाव कार्य में तैनात पी.आर.डी. स्वयं सेवकों को 50 रुपए प्रतिदिन की दर से अतिरिक्त मानदेय दिया जायेगा।*

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीआरडी स्वयंसेवक अपनी निरंतर सेवा और समर्पण भाव से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहयोग कर रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा कार्य, आपदा प्रबंधन और यातायात व्यवस्था में पीआरडी द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पी.आर.डी. स्वयं सेवकों के हित में कई कदम उठाए हैं। पी.आर.डी. स्वयंसेवकों के मृतक आश्रितों के पंजीकरण हेतु शासनादेश जारी किया गया है। अभी तक 116 मृतक आश्रितों को पंजीकृत किया गया है, इनमें से 70 मृतकों के आश्रितों को रोजगार प्रदान किया गया है, जिसमें 25 महिलाएँ भी शामिल हैं। प्रान्तीय रक्षक दल कल्याण कोष संशोधित नियमावली अगस्त 2023 में प्रख्यापित की गई है। जिसमें आर्थिक सहायता की धनराशि में वृद्धि करते हुए साम्प्रदायिक दंगो के दौरान ड्यूटी पर मृत्यु की दशा में देय एक लाख रुपए को बढ़ाकर 02 लाख किया गया है। इसके साथ ही अति संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु की दशा में देय 75 हजार रुपए को बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए किया गया है। सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु की दशा में देय 50 हजार को बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है। प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान के लिए भी संबंधित अधिकारी की संस्तुति पर अधिकतम 50 हजार रुपए का प्राविधान किया गया है, जिससे सीधे तौर पर पीआरडी जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भी पीआरडी स्वयंसेवकों ने उत्कृष्ट कार्य किया। जिसके सम्मान में सरकार द्वारा 4651 पी.आर.डी. स्वयंसेवकों को पुरस्कार स्वरूप 6 हजार प्रति स्वयंसेवक प्रदान किये गए थे।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा पिछले दो वर्षों से प्रान्तीय रक्षक दल का स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पीआरडी स्वयंसेवकों के लिए अनेक सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं। राज्य की चारधाम यात्रा, कावंड़ और समय-समय पर आई आपदाओं में पीआडी स्वयं सेवकों द्वार अपने कार्यों के बल पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस अवसर पर विधायक श्री उमेश शर्मा ‘काऊ’ विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण श्री अमित सिन्हा, निदेशक युवा कल्याण श्री जितेन्द्र सोनकर एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय का जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के संबंध में दिया गया फैसला केन्द्र सरकार के देशहित एवं जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के समग्र विकास हेतु लिए गए निर्णय पर मुहर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संप्रभुता, एकता और अखण्डता को बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जो ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री  अमित शाह द्वारा किया गया उसे आज माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी सही ठहराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले से जम्मू-कश्मीर के लोग देश की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे तथा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही निवेश बढ़ेगा तथा राज्य के हर क्षेत्र में विकास के नए द्वार खुलेंगे।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को जीएमएस रोड स्थित एक होटल में गढ़वाल संभाग के अनुसूचित जाति जनप्रतिनिधि सम्मेलन में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने अनुसूचित, दलित और वनवासी समाज के लिए अस्तित्व, अस्मिता और आत्मनिर्भरता का जो मंत्र दिया था, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उसका प्रसार पूरे देश में हो रहा है। पंडित दीनदयाल के अन्त्योदय के सिद्धांत के आधार पर समाज के अंतिम पायदान पर बैठा व्यक्ति जब सत्ता के सिंहासन पर बैठेगा तो वह अंत्योदय से राष्ट्रोदय का समय होगा। उन्होंने कहा कि श्री रामनाथ कोविंद और फिर श्रीमती द्रोपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद पर आसीन होना उनके द्वारा देखे गए स्वप्न का साकार होना है। छत्तीसगढ़ के नामित मुख्यमंत्री भी आदिवासी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों का बेहतरीन सम्मान भी है। उन्होंने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार अनुसूचित समाज का मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनुसूचित समाज का भी अहम योगदान रहा है। आज तक जनजातीय समाज के राष्ट्र निर्माण में किए गए योगदान की जानकारी से देश को अंधेरे में रखा गया और अगर बताया भी गया तो बहुत ही सीमित दायरे में बताया गया। परंतु आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश जाग चुका है और अब कोई भी इसकी संस्कृति और इतिहास के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सरकारों में अनुसूचित, दलित और जनजातीय समाज को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी थी तथा इस समाज के व्यावसायिक हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 2014 के बाद से देश में श्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अनुसूचित, दलित, शोषित और आदिवासी समाज के विकास के लिए कई नये प्रयोग किए। आज चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र हो, अनुसूचित, दलित और जनजातीय समाज के हितों का ध्यान रखकर ही देश व प्रदेश की सरकारें अपनी समस्त योजनाएं बना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पिछले नौ वर्षों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लोगों के लिए कई ऐसी योजनाओं को लागू किया है, जिनसे समाज के ये वर्ग विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें। हर साल एससी और एसटी के कल्याण के लिए आम बजट में जहां आवश्यक बढ़ोतरी की गई, वहीं उनकी आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थित को मजबूत करने के लिए कई बड़े फैसले भी लिए गए। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत उन गांवों को आदर्शों गांवों में विकसित किया गया, जिनकी आबादी में 50 प्रतिशत जनसंख्या एससी और एसटी वर्ग की थी। उज्ज्वला गैस कनेक्शन योजना, हर घर नल से जल सहित अन्य योजनाओं में गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता दी वहीं आयुष्मान योजना द्वारा इस वर्ग का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों के बाद कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया गया। देश के अंदर अकेला जम्मू कश्मीर ही एक ऐसा राज्य था, जिसके यहां अनुसूचित जाति, जनजाति के निवासियों को आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं होता था। धारा-370 हटते ही आरक्षण का लाभ उन लोगों को प्राप्त होने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम का मंदिर भव्य स्वरूप लेने लगा है। आज हर घर में प्रभु श्री राम मंदिर के शुभारंभ के निमंत्रण पहुंचने लगे हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों ये पावन मंदिर श्री राम भक्तो के लिए खुलने जा रहा है। जिस दिन प्रधानमंत्री जी ने राम मन्दिर का भूमि पूजन किया उसका पहला प्रसाद अपने दलित भाई महावीर के परिवार को मिला। सामाजिक समरसता में विश्वास रखने की हमारी परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अनुसूचित, दलित और जनजातीय समाज के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा समर्पित भाव से कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि देश की आजादी के अमृत काल में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश और प्रदेश अपने अमृत संकल्पों को पूर्ण करने में अवश्य सफल होगा और विश्व गुरु भारत का परचम संपूर्ण विश्व में लहराएगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष  महेन्द्र भट्ट, विधायक  दुर्गेश्वर लाल,  भूपालराम टम्टा,  शक्ति लाल शाह,  राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रप्रयाग श्रीमती अमरदेई शाह, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष समीर आर्य, पूर्व विधायक  सुरेश राठौड़,  देशराज कर्णवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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卐प्रेस विज्ञप्ति 卐

आगामी छह जनवरी को हऱिद्धार में होगा प्रथम प्रेस महा कुम्भ का आयोजन
पत्रकारों के संवैधिनिक अधिकारों पर होगी चर्चा कर प्रस्ताव पास
देहरादून। उत्तराखंड वेब पोर्टल एसोसिएशन अगले वर्ष आगामी 6 जनवरी 2024 को जनपद हरिद्वार के पंत द्वीप में प्रथम प्रेस महाकुंभ का आयोजन करेगी। जिसके लिए जोरशोर से तैयारियां की जा रही है।
इसकी जानकारी देते हुए वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक मामलों के विष्लेषक जीत मणि पैन्यूली ने कहा कि 350 से ज्यादा पत्रकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर कोरोंना काल में राष्ट्र की सेवा करते अपना बलिदान दिया है।उन्हें विश्वास था कि सरकारी सेवकों की तरह हमारे परिवार को सरकारें कर्मचारियों की मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि देगी। किन्तु देश के लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ समझे जाने वाले पत्रकार को और उसके परिवार को उनके हाल पर छोड़ने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने 30 मई 2021 से 5 जून तक आपातकाल के समय धरना प्रदर्शन मोन व्रत अपने आवास लिखवार गाँव प्रतापनगर टिहरी उत्तराखंड में किया। जिस खबर को देहरादून से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था।देश के युवा वैज्ञानिक डॉ शैलेन्द्र कुमार् बीरानि ने सुप्रीम कोर्ट में पेश करवाने का कार्य किया। ।खबर का संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया है और 23 नवंबर 2022 को सरकार को भेज दिया । पैन्यूली ने कहा कि उस पर देश के महामहीम राष्ट्रपति को निर्णय लेना है।
किन्तु साल भर से ज्यादा हो गया है,इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वरिष्ठ पत्रकार पैन्यूली ने कहा कि देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 दिसम्बर 2021 में अमेरिका के राष्ट्रपति बाउडन द्वारा बुलाए गए 110 राष्ट्रों के वर्चुअल सम्मेलन में उनके समक्ष पत्रकारों को और अधिक मजबूत करने के लिए अपनी सरकार का सच का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है ।

उन्होेंने कहा कि उस सच को प्रधानमंत्री इस महान सम्मेलन के आयोजन में भाग लेने वाले लोगों का प्रस्ताव अवश्य स्वीकार कर शीघ्र लागू करने का काम दुनिया के110 सामने देश को सच बताने का बचन पूरा करने का काम करेंगे ।गत7 जून 2023 से गांधी पार्क देहरादून में धरना प्रदर्शन मोन व्रत लेते हुए प्रेस को संवैधानिक अधिकार के लिए लंबित कार्य को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। सामाजिक विष्लेषक पैन्यूली ने कहा कि देश में लाखों अखबार तो रोज 16 ,36 पेज के खबरों से अटे पढ़ें रहते हैं। पत्रकारों ने खुद को इतना कायर बना दिया है कि वे इतनी बड़ी संख्या में पत्रकारों को बलिदान करते हुए देख सकते हैं और अपने आने वाली पीढ़ी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए अपने संवैधानिक अधिकार मांगने पर न्यूज कुछ भी नहीं प्रकाशित करते हैं । जिसके चलते बड़े पैमाने पर कलमकार स्वयं साजिश के शिकार होते जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि पत्रकारिता करने वाले स्वधर्म के पालन करने वाले लोगों का जीवन स्तर ठीक से पोषण होने के साथ साथ आपकी खोई हुई प्रतिष्ठित छवि को उभारने के लिए उत्तराखंड वेब पोर्टल एसोसिएशन देहरादून द्वारा व 6 जनवरी 2024 को प्रेस महा कुम्भ देव भूमि उत्तराखंड के हरिद्वार पंत द्वीप में आयोजित करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रथम प्रेस महा कुम्भ को सफल बनाने के लिए विश्व प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ मंदिर के पूज्य रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूरी ने शुभकामनाएं दी हैं। 06 जनवरी 2024 को दिन महाकुंभ में पहुंचने वाले सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सोम दत्त शर्मा जी की यूनियन की ओर से किया जा रहा है । बाकी रहने, 6000 लोगों के लिए बैठने के लिए पंडाल, अखबारों की प्रदर्शनी हाल, आजादी से अब तक देश के विकास में प्रेस की भूमिका, साउंड एलईडी की व्यवस्था पत्रकारों की ओर से होनी है । जिसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही है। अधिक जानकारी के लिए 7983825336 no पर संपर्क कीजिएगा विज्ञप्ति को प्रकाशित कर ज्यादा से ज्यादा जनता तक पहुचाने की कृपा करें

 

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