राज्यपाल नेउत्तराखण्ड राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकीउत्तराखण्ड परिषद (यूकॉस्ट) के सातवें स्थापना दिवस समारोह में प्रति भाग किया

Pahado Ki Goonj

 

राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकीउत्तराखण्ड परिषद (यूकॉस्ट) के सातवें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर रीजनल साइंस सेंटर देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान राज्यपाल ने साइंस सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्किल लैब का उद्घाटन किया व फ़रवरी दूसरे सप्ताह में आयोजित होने वाली “ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस” का अनावरण किया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में यूकॉस्ट के वार्षिक कैलेंडर एवं वार्षिक रिपोर्ट का भी विमोचन किया। इस दौरान राज्यपाल ने रीजनल साइंस सेंटर का भ्रमण कर विस्तृत जानकारी ली।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह युग आधुनिक तकनीक के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। आज नई-नई तकनीकों के जरिए देश-दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं, विज्ञान ने हमारे दैनिक जीवन को बेहद सुगम और समृद्ध बना दिया है।

राज्यपाल ने कहा कि देश को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का रास्ता चुनना होगा। साइंस और टेक्नोलॉजी के हर क्षेत्र में भारत दुनिया के साथ कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देश नवीनतम तकनीकों का प्रयोग कर आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन उन सब में भारत इस दिशा में और भी तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को क़ायम रखने के लिए हमारे देश की सेना भी तेज़ी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर देख रहे हैं।

राज्यपाल ने यूकॉस्ट के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि हम सबके लिए खुशी की बात है कि प्रदेश में पहली एआई बेस्ट साइंस लर्निंग लैब की स्थापना हुई है, उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को आधुनिक तकनीकी, सोच-विचार और धारणा के साथ आगे बढ़ना होगा।

राज्यपाल ने अगले सप्ताह आयोजित होने वाले ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस हेतु यूकॉस्ट को शुभकामना देते हुए कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस विज्ञान कांग्रेस में प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए बाल वैज्ञानिक, शोधार्थी के बीच मंथन का जो अमृत निकलेगा वह उत्तराखंड को विज्ञान प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आगे बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगा।

इस दौरान महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने राज्यपाल को परिषद के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, इंटेंल की सीनियर डायरेक्टर श्वेता खन्ना समेत विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से शनिवार को राजभवन में प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, वन पंचायत उत्तराखण्ड ज्योत्सना सितलिंग ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड में वन पंचायतों के कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

राज्यपाल ने प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) से उत्तराखण्ड में वन पंचायतों को “ग्रीन इकॉनोमी” के मॉडल से जोड़ते हुए वन पंचायतों में स्थानीय लोगों की मजबूत भागीदारी को सुनिश्चित करने सम्बन्धी जानकारी ली। इसके साथ ही राज्यपाल और पीसीसीएफ के बीच वन पंचायतों को ठोस बिज़नेस मॉडल से जोड़ने और उसमें “कार्बन फ़ाइनेंसिग” के ज़रिए निवेश की संभावनाओं को तलाशने संबंधित भी विस्तृत चर्चा हुई।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड का अधिकांश क्षेत्र पर्वतीय अंचल और वन क्षेत्र से घिरा हुआ है। प्रदेश में वन पंचायतों को मज़बूती प्रदान करना बेहद महत्वपूर्ण है, उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में “ग्रीन इकॉनोमी” मॉडल को विकसित करने से जहां एक ओर स्थानीय लोगों की अपने जंगल और पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर महत्वपूर्ण सहभागिता होगी वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की आजीविका को भी मज़बूती मिलेगी।

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संत रविदास जयन्ती’ पर राज्यपाल का संदेश

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने महान समाज सुधारक गुरु रविदास जयंती के शुभ अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।

रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर जारी संदेश में राज्यपाल ने कहा है कि संत रविदास ने अपने सम्पूर्ण जीवन में सामाजिक विषमताओं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कठिन परिश्रम किया। समाज में शांति, दया, करूणा, प्यार तथा समानता का माहौल तैयार करने के लिए हम सबको उनके आदर्शों पर चलकर प्रेरणा लेनी चाहिए।

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