गुड न्यूज-श्री बद्रीनाथ भगवान की 137 वर्ष पुरानी आरती की पांडुलिपि जानिए

Pahado Ki Goonj

पत्रकार साथियों ,सुधी पाठकों को सादर नमस्कार ,जय बद्रीविशाल भगवान के प्रति अगाध श्रद्धा रखने से मनोबल ऊंचा रहता है।

देहरादून, पिछले दिनों  खबरों में चीन में जनता कोरोना बीमारी से देश मे लोक डाउन के अंदेशा से  पहले जनता बड़े बड़े मोलो में घुसने के लिए भगदड़ हो रही थी।

हम 72 वर्ष की उम्र में कोरोना बीमारी में  23 दिन में 4 अस्पतालों  इलाज कराने के बाद  भी काली हल्दी से ठीक हुए हैं।  देश मे नागरिको को स्वस्थ रखने के लिए बीमारी से दूर रहने के इसका  चने के दाने के बराबर टुकड़े का प्रयोग करने के लिए आदत में दूध के साथ (सुगर, की बीमारी वाले लोगों को बिना दूध मीठे की जग हल्का सेंधा नमक लेकर ठंडा कर ) समलित करने की आवश्यकता है।काली हल्दी को नहाने में प्रयोग करने से शरीर दिव्य दिखाई देने लगता है। 

 यह अल्प प्रयास जनता को स्वस्थ रखने के लिए काली हल्दी का उत्पादन कर प्रयोग करने के लिए एवं जागरूक करने के लिए एवं उनके स्वास्थ्य सुंदर बने  रहने के लिए है। काली हल्दी से सौंदर्य प्रसाधन के महंगे प्रोडक्ट बनते हैं विदेशों में इसकी बहुत मांग है। इसके  उत्पादन बढ़ाने के लिए  उत्तराखंड सरकार को  इन फसलों को  सरकारी जीन्स में सम्लित करने की आवश्यकता है।    भारत कृषि मंत्रालय ने 2016 के बाद साधारण हल्दी अदरक के अनुदान राशि को भी नही बढ़ाया है उसके साथ साथ काली हल्दी को भी बढ़ावा देने के लिए बृहद योजना बनाई जाय।

काली हल्दी का बीज  ऑर्गेनिक विधि से 5 बीघे पर  हमने लगा रखा। 4.5 बीघा किराये की जमीन पर शेरगढ मांजरी देहरादून,0.5बीघा अपनी जमीन  टिहरी  गढ़वाल में  लगा रखा है।  जिसमें 3 टन तक  बीज निकलने की संभावना है।  जागरूक किसान  अपने साथ साथ आस पड़ोस, प्रदेश, देेेश को स्वस्थ रखने में    बीज लगा कर उत्पादन करसकते हैं। बारे मे आप  आप लोग अपने लिए बीज मार्च2023 के लिए आरक्षित करा सकते है।

 

आपसे अनुरोध है कि देश के बचो में फाष्ट फ़ूड खाने से उनकी ह्यूमिनेटी घट रही है ।आज कोरोना,हार्ट, सुगर, गंठिया वायु ,मिर्गी ,कैंसर जैसे रोगों का चलन बढ़ रहा है। स्वस्थ बच्चों के जीवन से स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है।

इसके लिए पत्रकार साथियों को अपने ,प्रिन्ट ,इलेक्ट्रॉनिक, सोसियल मीडिया के माध्यम से पौष्टिक ,ओषदीय गुणों से भरपूर (गूगल पर इन फसलों के गुण की जानकारी आप लेकर , उसको समय समय पर प्रकाशित कर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के धर्म का पालन करने की अपील करते है ) कि जिस प्रकार  धान ,गेहूँ ,आलू अदरक की फसलों की कमसे कम सपोर्ट प्राइज देने का नियम है उसी प्रकार  निम्न फसलों को सरकारी जीन्स में संलिप्त किया जाय।
1-काला धान, 2-काल गेहूँ,3-काली हल्दी, 4-काला अदरक, 5-काला आलू की फसल को साधारण  फसल में गेहूं,धान की फसल पैदा अनुदान देकर पैदा कराई जाय ।कोरोना काल मे कृषि क्षेत्र का अच्छा प्रदर्शन रहा है।

ताकि इन फसलों का मिनिमम सपोर्ट प्राइज ,अनुदान, फसल बीमा की सुविधाएं मिल सके।इनके उत्पादन बढ़ानेसे देश स्वास्थ्य ,रोजगार की दृष्टि से समृद्ध जहां कुछ वर्षों के बाद बनेगा ,वहीं इसके उत्पादन के निर्यात से विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ेगा,जो अन्य जरूरतों की पूर्ति के साथ साथ देश का विदेशी कर्ज उतारने के लिए काम आएगा।
इन जीन्स,काला धान, काला गेहूँ,  काली हल्दी, काली अदरक काला आलू के प्रयोग से बीमारी शरीर मे घुस नहीं सकती है ।पत्रकार साथियों को देश हित के लिए सरकार तक अपनी जन हित के लिए   तब तक पहुंचा ने के लिए लिखते रहें जब तक इसे  लागू नहीं करते हैं। साथ ही हमे अपने प्रतिष्ठित पत्र ,पोर्टल में भेजे खबर का लिंक वट्सप न0 7983825336 पर भेजें-जीतमणि पैन्यूली संपादक

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