वंदना रावत एवं शिखा पुंडीर देहरादून:23 माह के लम्बे समय से तीसरी बार सरकार से कार्यकर्ताओं की मांग पर आखिर कार मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की ओर से लम्बे मंथन के बाद कार्यकर्ताओं को विभिन्न विभागों में दायत्व को बांट दिया।इससे काम करने वाले लोगों से राज्य का हित होने की सम्भावना जहाँ बनती है वहीं कार्य न करने वाले से आर्थिक नुकसान होगा।जिस राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है।उस राज्य में कर्ज़ से कर्मचारियों की वेतन दी जाती है।ऋणं लेवत घृतं पीवत सूत्र को अपना कर जनता के बीच चुनाव में कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया है। तीसरी बार बांटे गए दायत्व में विधायक लोगों के नाम नहीं होने से विधायकों में असंतोष पनपने लगा है मन्त्री मण्डल में दो पद खाली पड़े हैं म मुख्यमंत्री के पास समय न मिलने से स्वास्थ्य विभाग चरमराई अबस्था में है।जनता में आक्रोश व्याप्त है।सड़क पर आयेदिन घटना होरहि है वह विभाग भी पंगू होगया है। जनता में मुख्यमंत्री की लोकप्रियता बढ़ने के बजाय घटती नजर रही है। समय रहते इसका संज्ञान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र को लेना चाहिए क्योंकि जनता परेशान है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य हित में विभिन्न विभागों में जिन महानुभावों को राज्य मंत्री स्तर का दायित्व सौंपा गया है उनमें -प0 राजेन्द्र अंथवाल को उपाध्यक्ष गो सेवा आयोग, रिपुदमन सिंह रावत को उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय पेयजल अनुश्रवण समिति, वीरेन्द्र सिंह बिस्ट को अध्यक्ष उत्तराखण्ड वन पंचायत सलाहकार समिति, राजकुमार पुरोहित को अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य खनिज विकास परिषद, सुरेश परिहार को अध्यक्ष उत्तराखण्ड वन विकास निगम, विश्वास डाबर को अध्यक्ष राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास परिषद शामिल है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इससे विभिन्न विभागों के कार्यों एवं अनुश्रवण में गति मिलेगी।