देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से सीएए को लेकर अशांति फैलाने के लिए राज्य में जामिया यूनिवर्सिटी और कश्मीर के असामाजिक तत्व घुसने के बयान के बाद प्रदेशभर में पुलिस और खुफिया विभाग ने चैकसी बढ़ा दी है।
सीएए के विरोध में हल्द्वानी के धरने जैसी पुनर्रावृत्ति न होने की सख्त हिदायत दी गई है। इसी बीच पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि राज्य में शांतिभंग की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में राज्यभर में आंदोलन का सिलसिला जारी है। शहर की मुस्लिम कालोनी में शाहीन बाग की तर्ज पर बेमियादी धरना शुरू करने की योजना पुलिस सक्रियता के चलते विफल हो गई थी।
पुलिस ने पार्क में धरने को लेकर एमडीडीए की अनुमति की शर्त लगाकर आंदोलनकारियों को पैर पीछे खींचने को मजबूर कर दिया था, लेकिन हल्द्वानी में शुरू हुए धरने ने प्रशासन से शासन तक की नींद उड़ा दी है।
बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान के बाद यह मामला और गरमा गया है। खासतौर से प्रदेश के मैदानी जिलों में सतर्कता बरतने को कहा गया है। देहरादून में भी पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय अभिसूचना के अधिकारियों के साथ बैठक कर ताजा हालातों पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार जिलेभर में 30 के करीब लोगों को चिह्नित किया गया है, जो शांति व्यवस्था भंग करने में बाहरी तत्वों का साथ दे सकते हैं। सीएए के विरोध में आंदोलन को लेकर कई प्रार्थनापत्र अभी अनुमति में फंसे है।
गरीब ने जिलाधिकारी की गाड़ी एवं कार्यालय के समान को कुर्क कराया
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यह मामला जनहित याचिका करने वाले ग़रीब नागरिक के अधिकार एवं आत्म सम्मान की रक्षा करने से सम्भव हो दमोह : जिले के सबसे बड़े प्रशासनिक मुखिया यानी कलेक्टर की सरकारी गाड़ी और उनके दफ्तर का फर्नीचर कुर्क किया जाएगा. यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर होगी. […]

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