प्रधानमंत्री ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद 30-40 दिनों में करीब 700 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है और इसकी संख्या भी बढ़ रही है.
कालाधन और भ्रष्टाचार को लेकर हमारी लड़ाई कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं हैं. हमें उनके विरुद्ध सख्त होना होगा, जो हमारी व्यवस्था के साथ धोखा कर रहे हैं. जब हम ऐसा करेंगे तभी गरीबों के हाथ मजबूत होंगे. राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कुल 651 संशोधन पेश किए गए, जो या तो अस्वीकृत कर दिए गए या वापस ले लिए गए. इसके बाद उच्च सदन ने राष्ट्रपति के प्रति कृतज्ञता जताते हुए उनके अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के समर्थन में दिए गए दिग्गज वामपंथी नेता ज्योतिर्मय बसु और हरकिशन सिंह सुरजीत के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि सीताराम येचुरी के दल को विमुद्रीकरण का समर्थन करना चाहिए. इस पर येचुरी ने खड़े होकर कहा कि इसे लागू करने तरीका ठीक नहीं था, इसका जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि यह समय बताएगा.