ओमीक्रॉन वेरिएंट पर डब्ल्यूएचओ चिंतित, दक्षिण एशियाई देशों को जारी की चेतावनी

Pahado Ki Goonj

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे को भांपते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को कहा है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को निगरानी बढ़ानी चाहिए। स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को मजबूत करना चाहिए और टीकाकरण को बढ़ाना होगा। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायरस का नया वेरिएंट बहुत ज्यादा खतरनाक और संक्रामक है इसलिए इससे बचने के लिए हमे पहले से तैयार होना जरूरी है।
दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर सावधानी बरतने की जरुरत है क्योंकि इससे यात्रियों के जरिए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा, ष्हालांकि हमारे क्षेत्र के अधिकांश देशों में कोरोना मामलों में गिरावट आ रही है, दुनिया में कहीं और मामलों में वृद्धि और चिंता के एक नए संस्करण की पुष्टि जरूर करता है। इसलिए हमें कोरोना वायरस के खिलाफ अपना काम जारी रखने की आवश्यकता है। वायरस से बचाव और इसके प्रसार को रोकने के लिए ये सबसे अच्छा और प्रभावी तरीका है।ष्
उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कीमत पर हमे वैक्सीन की ताकत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को बेहद अधिक संक्रामक श्रेणी में वर्गीकृत किया है। इसके शुरुआती लक्षणों से पता चला है कि ये वायरस के डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक है। खेत्रपाल सिंह ने कहा कि देशों की सरकारों को अपने स्तर निगरानी और टेस्ट को बढ़ाना चाहिए।

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