वाह रे लोकतंत्र वाह??
जब लिखना भी किसी की मर्जी से है बोलना भी किसी की मर्जी से है तो लोकतंत्र कहाँ, प्रजातंत्र कहो ना,तानाशाही कहो ना।एक ईमानदार, मेहनती,साधारण, सदैव देश की एकता अखण्डता और भाईचारे की बात करने वाला,युवा पत्रकार चंद्रशेखर पैन्यूली जो अपने परिवार के भरण पोषण करने के लिए अपना घर ,अपने परिवार को छोड़कर दिल्ली गया हो,और हमारी मित्र पुलिस उनको लंबगांव पुलिस थाने से फोन करके थाने मे बुलाती है और कहती है कि,तुम सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय रहते हो, आपके पोस्ट से बहुत से लोग प्रभावित होते है, आप ऐसी कोई भी पोस्ट ना डाले जिससे कोई भी ब्यक्ति आपकी विचारधारा से प्रभावित हो,2019 का लोकसभा चुनाव आने वाला है।
सवाल ये उठता है कि ऐसे व्यक्ति से कैसा खतरा जो उसी संघठन की बात करता हो,उसी का गुण गाता हो,आरएसएस की बात करता हो,जो ए बी विपी में बिभिन्न पदों पर आसीन रहा हो।बीजेपी लाखो करोड़ो कार्यकर्ताओं की उगने वाली फसल है, बीजेपी का मतलब सिर्फ चन्द सफेदपोश नही है। बीजेपी आज यदि इस मुकाम पर है तो सिर्फ लाखों करोड़ों कार्यकर्ताओ की मेहनत से है किसी एक की नही।
शेखर जी अभिव्यकि कि स्वतंत्रता के माध्यम से सैदव अपने समाज की पीड़ा को सबके सामने रखते है, शेखर एक पड़े लिखे पत्रकार है और अपनी मर्यादा एवम पत्रकार का दायित्व को भली भांति समझते है,ये ना केवल शेखर जी का मौलिक अधिकार है बल्कि हमारा भी मालिक अधिकार है कि हम भी समाज ,राज्य देश की बात करे।
शेखर ने कभी समाज को और देश को बांटने की बात नही की तो फिर शेखर पुलिस रडार पर क्योँ, अपने समाज की देश की एकता अखण्डता कि बात करने वालो के साथ पुलिस ऐसा करेगी, ऐसी मित्र पुलिस पर शर्म आती है। क्या सोशल मीडिया पर कितना रहना है, क्या लिखना है क्या बोलना है इसके लिए मित्र पुलिस कि अनुमति लेनी पड़ेगी क्या??
हमारा देश लोकतांत्रिक गणराज्य है, शेखर भले ही आरएसएस की विचारधारा वाले हो परन्तु वह श्रीराम जी के साथ रहीम की बात भी करते है,गुरु नानकदेव की बात भी तो महावीर जी जे साथ गौतम बुद्ध,ईसा मसीह की बात भी करते है,शेखर जी अटल जी को अपना आदर्श मानते थे,और अटल जी के स्वर्गवास पर पूरे देश मे यदि किसी ने अपना मुंडन कराया तो वह श्री शेखर जी ने कराया है,अटल जी भी आरएसएस और बीजेपी मे रहते हुए भी देश की बात करते थे, उसी प्रकार शेखर जी भी धर्म निरपेक्ष,स्वतन्त्र पत्रकार के रूप मे समाज और देश कि बात करते है।
चंद्रशेखर पैन्यूली जी के साथ पुलिस ने जो किया जिस प्रकार उनको रडार पर लिया जा रहा है,हम उसकी निंदा करते है, यह आज शेखर जी के साथ हुआ है कल हमारे साथ भी हो सकता है,इसलिए सभी से निवेदन है कि इसका विरोध करे, चंद्रशेखर पैन्यूली का साथ दे। जय हिंद, जय भारत ,जय उत्तराखंड !
वासुदेव मुंडेपी की वाल से,मुंडेपी न्याय विभाग में है।
वेटा चन्द्र शेखर पुलिस द्वारा तुम्हे लम्बगाव थाने में तलब किये जाने पर अपना मनोबल कम नही करना अपनी पोस्ट पर एक निर्भिक पत्रकार कीतरह सामज मे व्याप्त कुरुतियों प रअक्षेप करते रहना । पत्रकार लोकतन्त्र के चौथ स्तम्भहै। आपकाताऊ। डी० पी० पैन्यूली (से०नि० ना० तहसीलदार)
बहुत बहुत धन्यवाद ताऊ जी
मैंने पुलिस को भी कहा है हम पैन्यूली है,हमारी आवाज राजशाही में नही दबी तो अब कोई कैसे दबायेगा।मेरी आवाज यदि दबी या दबाई गयी तो 100 आवाज सवाल,जबाव करेगी। से नि ना तहसीलदार डीपी पैन्यूली