उत्तराखण्ड राज्य को हर्बल राज्य के रूप में विकसित करने हेतु हुुुुई चर्चा
मुख्यमंत्री जी से हुई वृहद चर्चा
23 अप्रैल, ऋषिकेश। उत्तराखण्ड राज्य को हर्बल प्रदेश के रूप में विकसित करने हेतु विभिन्न संस्था प्रमुखों ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात की इस बैठक में डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सहभाग किया।
उत्तराखण्ड ग्रामीण आजीविका मिशन, उत्तराखण्ड रूलर इनोवेशन प्रोग्राम फाॅर इन्टरप्राइजेज, उत्तराखण्ड सरकार, फिक्की, गंगा रिवर इन्स्टीट्यूट, परमार्थ निकेतन और आर के स्टूडियों के संयुक्त तत्वाधान में गंगा नदी के तट पर औषधीय पौधे का रोपण करने का प्रयास करना।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने बताया, ’इस मिशन का उद्देश्य पांच वर्ष में गंगा के दोनो तटों पर औषधीय जडी़-बुटी वाटिका स्थल, गंगा परिवार सेवक (जीपीएस) एवं गंगा के किनारों पर आजीविका के साधन विकसित करने का प्रयास किया
जायेंगा जिसके अन्र्तगत फिक्की द्वारा 50 हजार लोगों को आजीविका प्रदान करने की योजना है। साथ ही 5 हजार से अधिक ग्रामीण उद्यम विकसित किये जायेंगे, 500 गंगा परिवार सेवक (जीपीएस) तथा 1 बिलियन डाॅलर का निर्यात सुनिश्चिित करने का प्रयास करेंगे। इस मिशन के अन्र्तगत गंगा नदी को निर्मल करने का प्रयास किया जायेंगा साथ ही गंगा सहित अन्य नदियों एवं पर्यावरण के प्रति जन जागरण का प्रयास किया जायेंगा। स्वामी जी ने कहा कि सरकार अपना प्रयास कर रही है अब जन समुदाय को भी इस कार्य के लिये आगे आने की जरूरत है।’
इस कार्यक्रम में डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सहभाग किया।
ग्ंागा रिवर इन्स्टीट्यूट का उद्देश्य गंगा को पुर्नजीवित करना, गंगा को प्रदूषण रहित करना, गंगा का अविरल एवं निर्मल प्रवाह सुनिश्चित करना, जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, पर्यावरणीय सतत विकास, स्वच्छ गंगा के तहत सेवक विकास श्रंखला का निर्माण करना जिसके अन्र्तगत 5 वर्षो में 500 सेवक तैयार करना। गंगा स्वच्छता अभियान चलाना।
इसमें वल्र्ड बैंक के द्वारा आजीविका का विकास, ज्ञान एवं कौशल विकास, नौकरियों का विकास, वित्तीय सृजन, उद्यम निर्माण एवं पर्यावरणीय विकास, क्षमता विकास प्रशिक्षण तथा आर के स्टूडियों के द्वारा नेशनल मिशन फाॅर गंगा के पक्ष में राष्ट्रीय कर्तव्य निर्माण की योजना बनाना, वित्तीय साधन जुटाना, रोड शो करना, सक्रिय संवाद स्थापित करना, विशिष्ट लोगों को गंगा स्वच्छता के लिये संकल्प कराना।