प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रगति (प्रोएक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्पलीमेंटेशन) के तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा की। समीक्षा में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों के जरिए किसानों को समझाया गया है। स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई का प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि 113 जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए गए हैं। 3610 किसानों को तकनीकी जानकारी दी गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में डीजल, पेट्रोल से चलने वाले वाटर लिफ्टिंग पंप उपलब्ध कराए गए हैं। मैदानी क्षेत्रों में बिजली से चलने वाले वाटर लिफ्टिंग पंप चलाये जा रहे हैं।369 वाटर लिफ्टिंग पंप वितरित किए गए हैं और 297 ट्यूबवैल के निर्माण कराये गए हैं। किसानों को छोटे जल संरक्षण योजनाओं के लिए अनुदान दिया जा रहा है। 195 जल संरक्षण टैंक बनाये गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 1756 जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इससे 2185 हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई होगी। ’पर ड्राप, मोर क्रॉप’ राज्य सरकार की उच्च प्राथमिकता है। अनुदान की सीमा बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस दौरान प्रमुख सचिव बाल विकास एवं महिला कल्याण श्रीमती राधा रतूड़ी, कृषि सचिव डी सेंथिल पांडियन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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