उत्तराखंड में दैविय आपदा में फसल की छतिपूर्ती 60000 /हेक्टेयर 30000/हेक्टेयर प्रोहत्साहन दिया जाय तो खेती करने से पलायन रूकेगा ।युवा सकारात्मक स्वप्न देखेगा
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राज्य की दिशा बदलने का कारगर उपाय,ग्रामीण पर्यटन को मिलेगा बढ़वा।
यह राशि जब सरकार देना तय करेगी।युवा वापिस आने में देर नही करेगा। 5साल मे उत्तराखंड वाकई साधन संपन्न होगा ।विश्वास की पहल तो सरकार को कारनी है
उत्तराखंड के लोगों को इन 17 वर्षों में पलायन रोकने का स्वप्न कोई भी सरकार नहीं दिखा सकी उसका मुख्यमंत्री बारबार बदलना रहा ।केंद्र के नेताओं के लिये मुख्यमंत्री कमाऊ पूत दिखाई देते रहा ।जबकि पहाड़ों की गूंज राष्ट्रीय हिंदी सा समाचार पत्र,www.ukpkg.com प्रसिद्ध समाचार पोर्टल ने गाँव से पलायन,बेरोजगारी रोकने का कारगर उपाय निकाल कर ,उसके प्रकाशन करने के असर ही है कि भारत के एक मात्र राज्य दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने राज्य के किसानों को 50000 हजार रूपये /हेक्टर फसल की आपदा से छति पूर्ति दी जाने का फ़ैसला वर्ष 2014-15 में लिया और किसानों को देना सुरू किया ।आज वहां पर कृषि कार्य मे लड़के,लड़कियों ने रुचि दिखाई है। जो गावँ के युवाओं को भरोसा दिला रहा हैं कि दुःख में सरकार हमारे साथ खड़ी है। दैविय आपदा कभी कभी होती है आज सेटलाइट के माध्यम से आँकलन कर किसानों को दिया जा सकता है 912 लाख किसानों में 90% किसान 2हेक्टेयर से कम जोत के है। संपादक किसान है। 2014,15 मे आपदा के समय विना केंद्र की मदत से हरीश रावत सरकार ने कुछ राहत देना का प्रयास किया।वह राशि कम थी। इस बर्ष 19500 ₹ख़र्च कर वर्षा से 4,5 बीघा में धान 9900₹ की हुई ।कुल मिलाकर घाटे का सौदा में जीवन यापन करना होरहा है।अब डबल इंजन सरकार में पहाड़ की बंजर हो रही खेती को कमाने लायक बनाने के लिये सीधे किसानों को सहयोग लाभ दिया जाय।किसान को बंजर खेती को चालू करने के लिये 30000 /हेक्टर प्रोहत्साहन राशि नगद ,आपदा में 60000/हेक्टेयर छतिपूर्ती दी जाय तो युवक अपना भविष्य कृषि की तरफ जाने पर विचार करेगा ।इसके फ़ायदे दूर गामी है 1-गावँ आवाद रहेंगे ।2-वर्षा के जल का संरक्षण होगा।3 – हमारे लाखों रुपये में बनाये गए घर टूटने,लकड़ी सड़ने बचेंगे। 4-बेरोजगारी दूर होगी ।5-हमारे कृषि करने की प्रथा बरकरार रहेगी।6-कृषि उत्पादन बढ़ेगा ।8-हमारी जीडीपी बढ़ेगी ।9-देश की इनर सुरक्षा लाइन मजबूत बनी रहेगी ।10-पशु,मोन,बकरी, मछली, मुर्गी, सुअर पालन को बढ़वा मिलने लगेगा सरकार आय के स्रोत में बृद्धि होगी ।कर्ज का बोझ कम होने लगेगा।
अब जरा सोचो प्रदेश 450करोड़ बेतन पेंशन के लिये कर्ज प्रति माह 9लाख लोगों के लिये लेकर इनके परिवार को छोड़कर 70 लाख लोगों के ऊपर यह कर्ज तो बोझ है ही तो सरकार को 50000 करोड़ कर्ज लेकर 11 जिलों के किसानों खेती से जोड़ने के लिये।प्रयास करने चाहिए। अब लोकप्रिय सरकार को काम करने की आवश्यकता है