देहरादून। गत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी 5/9 गोरखा राइफल्स (फिल्लौरा) के भूतपूर्व सैनिकों ने फिल्लौरा युद्ध (1965) की याद में फिल्लौरा दिवस 08 सितम्बर 2019 को धौलास जाने वाले पुल के नीचे मनाया।
सबसे पहले दो मिनट का मौन रखकर बटालियन के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के पश्चात् फिल्लौरा दिवस की शुरूआत की गयी। बटालियन के सूबेदार (से0 नि) गोपाल सिंह थापा, कार्यवाही अध्यक्ष ने बताया कि 5ध्9 गोरखा राइफल्स 01 जनवरी 1963 को बीरपुर, देहरादून में बना था। मात्र दो साल बाद 1965 को भारत-पाक युद्ध में बटालियन के रणबाकुरों ने वीरता व साहस से लड़ते हुए फिल्लौरा पर कब्जा किया। इस युद्ध में बटालियन के 30 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे और 86 जवान घायल हुए थे।
इस युद्ध में बटालियन का नाम भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया। बटालियन के साहस और वीरता को देखते हुए भारत सरकार ने 5ध्9 गोरखा राइफल्स को फिल्लौरा बैटल आफ ऑनर प्रदान किया गया। फिलौरा दिवस कार्यक्र्रम में शिरकत कर रहे बटालियन के सेवानिवृत्त अधिकारियो,ं जूनियर अधिकारियों एवं जवानों ने पुरानी यादों को ताजा किया। इसके पश्चात् कार्यक्रम की शुरूआत पूर्व सैनिक और उनके परिवारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुई। पुरूषों के लिए तम्बोला गेम व लेडिज के लिए म्यूजिकल चैयर की भी व्यवस्था की गयी जिसका सभी ने आनन्द उठाया। इसके पश्चात् बड़े खाने पर सभी भूतपूर्व सैनिक व उनके परिवार वाले शामिल हुए व स्वादिष्ट व्यंजनों का लुफ्त उठाया। इस अवसर कर्नल गजेन्द्र सिंह थापा, मेजर राजेन्द्र मल्ल ठाकुर, कैप्टन विजय खत्री , आनरेरी कैप्टन दिलबहादुर, सू0 मेजर संजय पून, सू0 गोपाल सिंह थापा, सू0 हरी सिंह खत्री, सू0 मोहन सिंह बिष्ट, सू0 (लिपिक) सुरेश बहुगुणा, सू0 करना बहादुर रोका, सू0 हेल बहादुर कार्की, ना0 सू0 देवेन्द्र क्षेत्री (डेविड), ना0 सू0 यम बहादुर, ह0 किसन बहादुर, नायक इन्द्र बहादुर सहित पूर्व सैनिकों के परिवार के सदस्य उपस्थित थे।