हरिद्वार। अखाड़ों के लिए कुंभ की शुरूआत धर्मध्वजा की स्थापना के साथ हो जाती है। इसी कड़ी में महानिर्वाणी अखाड़े ने अपनी धर्मध्वजा फहरा कर कुंभ की शुरूआत कर दी है। जिसके बाद कुंभ की सभी गतिविधियां इसी धर्म ध्वजा के नीचे शुरू होंगी।
धार्मिक दृष्टि से कुंभ 2021 की शुरूआत हो चुकी है। अखाड़ों में फहराई जाने वाली धर्मध्वजा की स्थापना के बाद अखाड़ों के कुंभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। कनखल स्थित महानिर्वाणी अखाड़े की धर्मध्वजा की स्थापना की गई। जिस मौके पर सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों सहित मेला अधिकारी, कुंभ मेला आईजी और मेला प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद रहे।
महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्र पूरी ने बताया कि चूंकि अखाड़े की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उनके 52 महान संतों के प्रतीक रूप 52 मणियां होती हैं। इसलिये 52 फीट की धर्मध्वजा की स्थापना की जाती है। जिसके ऊपर 11 हाथ की गेरुआ रंग की ध्वजा लगाई जाती है, जो धर्म का प्रतीक है। धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए धर्मध्वजा की स्थापना की जाती है। इस मौके पर मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि अच्छी बात है कि आज धर्म संस्कृति और सनातन परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। कुंभ पर्व पर लोग धर्म की प्रति जागरूक होते हैं और कुंभ जैसे आयोजन से लोगों में धार्मिक भावना बढ़ती है।