देहरादून। उत्तराखंड में महंगाई का आलम यह है कि गैस सिलेंडर की कीमतों से तो लोग परेशान हैं ही, अब सब्ज़ियों और फलों के स्वाद को भी तरस रहे हैं। कुछ ही दिन पहले 100 रुपये किलो तक बिक रहा नींबू गर्मियों के मौसम में 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, तो तुरई जैसी सस्ती मानी जाने वाली सब्ज़ी के दाम शतक पार हो गए हैं। इधर, कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर राज्य की भाजपा सरकार को सदन के बाद अब सड़क पर घेरने की रणनीति बना रही है। अलग अलग क्षेत्रों में कांग्रेसियों का प्रदर्शन लगातार जारी है, तो 7 अप्रैल को पार्टी पूरे उत्तराखंड में एकजुटता के साथ विरोध दर्ज कराने जा रही है।
पहले बात करें बाज़ार की कीमतों की, तो नवरात्रि और रमज़ान के दौरान कोई सब्ज़ी 60 रुपये किलो से कम की नहीं मिल रही। सब्ज़ियों के साथ फ्री मिल जाने वाली मिर्च के दाम 160 रुपये किलो हो गए हैं। लौकी, बीन्स, करेला आदि इतना महंगा है कि किचन का बजट बिगाड़ने के साथ ही रेस्टोरेंट्स के लिए भी मुश्किल हो गई है। रेस्तरां संचालक मयंक टंडन कह रहे हैं कि कस्टमर की मांग पूरी करना मुसीबत हो गया है। गृहिणी शीला सिंह ने बताया कि पहले का बजट कई गुना बढ़ाकर परिवार की ज़रूरतें पूरी करने की नौबत आ चुकी है। सिर्फ सब्जी ही नहीं बल्कि फलों के दाम भी नवरात्र और रमज़ान में उछाल पर हैं। नैनीताल के बाज़ार में अंगूर 100 रुपये किलो हैं, तो अनार और सेब 140 रुपये किलो से कम नहीं। त्योहारी सीज़न में महंगाई की मार पर एक्सपर्ट कहते हैं कि अभी राहत मुश्किल है। मंडी के आड़ती बालम सिंह भंडारी का कहना है कि मैदानों से ही व्यापारी पहाड़ों में माल लेकर आते हैं, तो मुंहमांगी कीमतें भी हो रही हैं। उनका अंदाज़ा है कि त्योहारी सीज़न तक भाव कम नहीं होंगे।
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Thu Apr 7 , 2022