रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में यात्रा के दौरान हर साल बड़ी संख्या में यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो जाती है। इसे देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से शासन को केदारनाथ के लिए एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा था। ताकि समय रहते ऐसे मरीजों की जान बचाई जा सके। अभी तक शासन की ओर से एयर एंबुलेंस को मंजूरी नहीं दी गई है। ऐसे में हृदयरोगी रामभरोसे हैं।
इधर, धाम में मरीजों को ईसीजी सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला भी लिया गया है,। इसके लिए स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से फार्मेसिस्टों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
केदारनाथ की विकट भौगोलिक परिस्थितियां व अधिक ऊंचाई के कारण आक्सीजन की कमी के चलते हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या काफी अधिक रहती है। हर वर्ष कई लोगों की हार्ट अटैक के कारण मौत हो जाती हैं। इसका मुख्य कारण समय पर मरीजों को उपचार न मिलना है। इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले साल नवंबर में सीएमओ कार्यालय ने शासन को केदारनाथ में एयर एंबुलेंस का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अभी तक इसे स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि यात्रा शुरू होने से पहले शासन इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा देगा। वहीं साठ साल से अधिक उम्र वाले यात्रियों का ईजीसी करने के लिए स्थायी फार्मेसिस्ट व डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि केदारनाथ में मरीजों को दिक्कत होने पर समय से उपचार हो।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करे तो केदारनाथ में बीते यात्रा सीजन में 38 मौतें हुई, जिसमें से 36 मौतें ह्दय गति रुकने से तथा दो मौत घोड़े से नीचे घिरने पर यात्री की हुई। वर्ष 2012 की बात करें तो 74 मौतें हुई थी, जिसमें 69 मौतें ह्दय गति रुकने से हुई थी।
प्रत्येक वर्ष औसतन 40 से 50 यात्रियों की मौत होती हैं, जिसमें मौतें हार्ट अटैक से होती हैं। इसका मुख्य कारण केदारनाथ में हार्ट अटैक के बाद आपात स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध न होना है। केदारनाथ की विषम भौगोलिक परिस्थिति, साढ़े 11 हजार फीट ऊंचाई, तापमान कम होने के अलावा आक्सीजन की भारी कमी मुख्य कारण है। जो ह्दय रोग से पीड़ित लोगों पर भारी पड़ता है।
यात्रियों को हार्ट अटैक आने पर केदारनाथ में डॉक्टरों के पास सीमित संसाधन उपलब्ध हैं, जिससे मरीज का जीवन खतरे में पड़ जाता है। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि एयर एंबुलेंस का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि यात्रा शुरू होने से पूर्व स्वीकृति मिल जाएगी।