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मुख्यमंत्री टी.यस .रावत ने केन्द्रीय मंत्री उमाभारती के साथ पेयजल योजनाओं के

Pahado Ki Goonj
देहरादून.मुख्यमंत्री टी.यस .रावत ने केन्द्रीय पेयजल मंत्री साध्वी सुश्री उमा भारती के साथ राज्य की पेयजल योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार सौंग नदी पर बांध बनाकर देहरादून व आसपास के क्षेत्र को ग्रेविटी बेस्ड पेयजल उपलब्ध कराने हेतु योजना तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना वाटर काॅरपस तैयार करने की है। राज्य के प्राकृतिक जल श्रोत सूख रहे हैं। भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए राज्य सरकार छोटे छोटे जलाशय बनाने की योजना पर कार्य कर रही है। नदियों के आसपास ताल बनाने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। सरकार देहरादून में रिस्पना एवं अल्मोड़ा की कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण पर कार्य कर रही है। देहरादून में पं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा एक ताल का लोकार्पण किया गया था। हम इस ताल को पं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से ही विकसित करने जा रहे हैं। इसके साथ ही, पौड़ी, गैरसैण, पिथौरागढ़ आदि कई अन्य क्षेत्रों में ताल विकसित करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 200 से 250 करोड़ रूपए का प्रावधान करने जा रहे हैं। इस क्षेत्र में भी केन्द्र सरकार की सहायता की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सौ प्रतिशत ओडीएफ हो गया है। इसे ओडीएफ बनाए रखने के लिए पानी की आवश्यकता है। इसके लिए नई योजनाएँ भी शुरू की जानी है जिसके लिए बजट की आवश्यकता है। इसके साथ ही साथ पूर्ण हो चुकी योजनाओं के रखरखाव के लिए बजट की आवश्यकता होती है।
केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओ.डी.एफ. के क्षेत्र में देश भर में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य को ग्रामीण पेयजल योजना के अन्तर्गत पूर्व में 70 करोड़ का आवंटन किया गया था। इस दिशा में उत्तराखण्ड के बेहतर प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए इसे 82 करोड रूपये किया गया। साथ ही केन्द्र सरकार ने पेयजल योजनाओं के लिए दिए गए लक्ष्य को समय पर पूरा करने पर राज्य सरकार को प्रोत्साहन स्वरूप अब 27 करोड़ रूपए और अतिरिक्त दिए जाने का निर्णय लिया गया है, जो शीघ्र ही जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वजल के क्षेत्र में राज्य ने बहुत अच्छा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हिमालय के जलस्रोतों के लिए जियो टैगिंग शुरू की गयी है। अब हिमालय क्षेत्र की सभी वाॅटर स्प्रिंग्स को चिन्ह्ति करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सुश्री उमा भारती ने राज्य में पेयजल के स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए भी योजनाएं तैयार कर केन्द्र को उपलब्ध कराने की अपेक्षा की। 
बैठक में पेयजल मंत्री श्प्रकाश पंत, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डाॅ.धन सिंह रावत, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 
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