घंटाघर में स्पीड ब्रेकर, स्टॉप लाइन आदि की कार्य पूर्ण राजपुर रोड में डिवाइडर का नवीनीकरण कार्य युद्ध स्तर पर ।
सड़क सुरक्षा मानक के अनुरूप सभी कार्य किया जा रहे हैं।
सुरक्षित सड़क, सुगम सुविधा मुहैया कराने कार्य में जिला प्रशासन जुटी हैं।
जिलाधिकारी स्वयं प्रतिदिन सड़क सुरक्षा कार्यों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं ।
देहरादून। दिनांक 9 दिसंबर 2024, जनपद में सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों के अनुपालन में सड़क सुधारीकरण, स्पीड ब्रेकर एवं ज़ेबरा क्रॉसिंग, डिवाइडर का कार्य तेजी से गतिमान है।
जिलाधिकारी स्वयं सड़क सुरक्षा कार्यों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं ।
घंटाघर में स्पीड ब्रेकर, स्टॉप लाइन आदि की कार्य पूर्ण राजपुर रोड में डिवाइडर का नवीनीकरण कार्य गतिमान। उप जिलाधिकारी/नोडल अधिकारी कुमकुम जोशी एवं अधिशासी अभियंता जीतेन्द्र त्रिपाठी स्वयं मौके उपस्थित होकर मानक के अनुरूप सड़क सुरक्षा कार्य को युद्ध स्तर पर करवा रहे हैं। शहर के विभिन्न स्थानों चौकों पर स्पीड ब्रेकर जेब्रा क्रॉसिंग एवं स्टॉप लाइन का कार्य किया गया।
जबकि राजपुर रोड में पुरानी जिर्णशीर्ण डिवाइड को हटाकर नई डिवाइड लगाने का कार्य योजना स्तर पर जारी है। निर्देशों के अनुपालन में सड़क सुरक्षा के कार्यों को युद्ध स्तर पर मानक के अनुरूप पूर्ण किया जा रहा हैं।
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*ग्रीन गेम्स की थीम पर होंगे उत्तराखण्ड में नेशनल गेम्स*
*राष्ट्रीय खेल उत्तराखण्ड को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करेंगे-मुख्यमंत्री*
*गुणवत्ता के साथ सभी व्यवस्थाएं समय पर की जाए पूर्ण।*
उत्तराखण्ड में 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए सभी तैयारियां बेहतर व्यवस्थाओं के साथ पूर्ण की जाएं। राष्ट्रीय खेल का आयोजन प्रदेश के लिए न केवल गौरव का विषय है, बल्कि यह प्रदेश की खेल संस्कृति और विकास को प्रोत्साहन देने का भी महत्वपूर्ण अवसर है। राष्ट्रीय खेल उत्तराखण्ड को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करेंगे। यह बात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राजीव गांधी अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल की तैयारियों की समीक्षा के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि खिलाड़ियों के लिए सभी सुविधाएं उच्च गुणवत्ता वाली और सुगम हों। नेशनल गेम्स के सफल आयोजन के लिए प्रत्येक विभाग से एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था, खान-पान, परिवहन और आयोजन स्थल तक पहुंचने की सभी सुविधाओं का प्रबंधन और निगरानी की समुचित व्यवस्था की जाए। भोजन की गुणवत्ता और पौष्टिकता का विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि राष्ट्रीय खेलों के बेहतर आयोजन के लिए सभी व्यवस्थाओं की प्रत्येक दिन समीक्षा की जाए। खेल मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री समय-समय पर राष्ट्रीय खेल के तैयारियों की समीक्षा करेंगें और विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी स्पोर्ट्स उपकरण की खरीदते समय उनकी गुणवत्ता और मानकों का पूरा ध्यान रखा जाए। आयोजन स्थलों पर चिकित्सा सुविधाओं का पुख्ता इंतजाम किया जाए। खेलों के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए। आयोजन स्थलों पर सुरक्षा के दृष्टिगत सीसीटीवी कैमरों और सिक्योरिटी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आयोजन स्थलों पर पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाए। प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन गेम्स की थीम पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयोजन स्थलों पर आने-जाने वाले आगुंतकों के लिए पेयजल एवं शौचालय की उचित व्यवस्था के साथ ही स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए सभी विभाग पूरे समन्वय से कार्य करें। इस आयोजन को सफल बनाने में जिलाधिकारियों की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए प्रदेश की जनता का सहयोग भी लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि खेल आयोजन स्थलों पर सभी संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी के साथ व्यवस्थाओं को बेहतर बनायेंगे। सड़क कनेक्टिविटी, स्वच्छता और खेलों के लिए सभी बेहतर व्यवस्थाओं पर उन्होंने विशेष बल दिया। राष्ट्रीय खेलों के दृष्टिगत फायर सेफ्टी ऑडिट के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ से 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए बनाई गई गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी की अध्यक्ष सुनैना कुमारी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखण्ड में तैयारियां बेहतर ढंग से हो रही हैं। अवस्थापना सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है। कमेटी के सदस्य श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड में इन्फ्रास्टक्चर के क्षेत्र में भी बहुत अच्छा कार्य हुआ है। खेलों के आयोजन के लिए तैयारियां भी ठीक ढंग से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले हर स्टेडियम का ट्रायल होगा तो सभी खेल सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सकेंगे। इस अवसर पर गुजरात एवं गोवा में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के अनुभवों को भी वहां के अधिकारियों ने साझा किया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने तीरंदाजी के खिलाडियों से भेंट की तथा स्वयं भी तीरंदाजी मेें प्रतिभाग कर खिलाडियों का उत्साह बढाया।
इस अवसर पर खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आंनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, श्री एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव खेल श्री अमित सिन्हा, सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री ने किया 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के कर्टेन रेजर एवं प्रोग्राम गाइड का विमोचन*
*10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाने वाला बताया प्रयास*
*उत्तराखण्ड प्राचीन काल से रही है आयुर्वेद व प्रज्ञा की भूमि*
*उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक संपदा, औषधीय पौधों और शांत हिमालयीय वातावरण के लिए है दुनिया भर में प्रसिद्ध-मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को योग एवं आयुष की भूमि बताते हुए देहरादून में आयोजित होने वाली 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाने वाला प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि इस माह 12 से 15 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले इस वैश्विक आयोजन में होने वाले चिन्तन, मंथन एवं विचार विमर्श से निकनले वाला अमृत आयुर्वेद के क्षेत्र में भारत को ही नही विश्व को जगाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में आयुर्वेद एवं आयुष का प्रभाव लोगों ने देखा है। सोमवार को मीडिया सेन्टर सचिवालय में 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के कर्टेन रेजर एवं प्रोग्राम गाइड का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह आयोजन सर्वे सन्तु निरामयः का संदेश भी घर घर तक पहुंचाने में मददगार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्राचीन काल से आयुर्वेद व प्रज्ञा की भूमि रही है। हमारे ऋषि मुनियों एवं मनीषियों ने इस दिशा में व्यापक शोध कर हमें यह विधा प्रदान की है। हमारे राज्य की जलवायु औषधीय पादपों के सर्वथा अनुकूल है। आयुर्वेद का विषय राज्य के साथ हिमालय व वनों का भी है। हमारा राज्य हर क्षेत्र में अग्रणी बनें आगे बढ़े इस दिशा में हम प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा था कि उत्तराखण्ड में विकास का यज्ञ चल रहा है। प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन राज्य के विकास के प्रति हमें सतत प्रयत्नशील रहने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य हित में अनेक निर्णय लिये है। राज्य में कठोर नकल विरोधी कानून बनाया गया है, समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में प्रयास जारी है। राज्य के समग्र विकास में हमारे प्रयासों को नीति आयोग द्वारा भी सराहा गया है। इसी का परिणाम है कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में राज्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक संपदा, औषधीय पौधों और शांत हिमालयीय वातावरण के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस वैश्विक आयुर्वेद कांग्रेस में 58 देशों से 300 से अधिक अर्न्तराष्ट्रीय प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं। जबकि देश भर के 6500 प्रतिनिधियों और 2 लाख आगंतुकों के साथ यह आयोजन ज्ञान और सहयोग का अद्वितीय मंच बनेगा। उत्तराखण्ड का पवेलियन-प्रदेश के 8 विभागों आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, स्वास्थ्य, कौशल विकास, पर्यटन, उद्योग, उद्यान, ग्राम्य विकास के स्टॉल समेकित रूप से उत्तराखण्ड को आयुर्वेद और वेलनेस पर्यटन के प्रमुख केन्द्र के रूप में बढ़ावा देने में सहायक होंगे। यह आयुर्वेद के फायदों और आधुनिक तकनीक के साथ इसके एकीकरण के प्रति जागरूकता फैलायेगा तथा आयुर्वेद के क्षेत्र में ज्ञान साझा करने, शोध सहयोग और व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देगा। उत्तराखण्ड और भारत में आयुष क्षेत्र के विकास और प्रगति में योगदान देने में भी यह आयोजन मददगार रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयुष नीति के माध्यम से आयुष निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, कृषि सेक्टर को गति प्रदान की जा रही है। देश की प्रथम योग नीति निर्माण का कार्य भी प्रगति पर है। जबकि राज्य में 03 नये 50 शैय्या युक्त आयुष चिकित्सालयों का निर्माण कार्य टिहरी /कोटद्वार / टनकपुर में किया जा रहा है। राज्य में आयुष आधारित 300 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना पूर्ण की जा चुकी है। सभी आयुष अस्पतालों में टेलीमेडिसिन / पंचकर्म / मर्म चिकित्सा इत्यादि सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। राज्य के 150 से अधिक आयुष चिकित्सालय NABH Accreditation प्राप्त कर चुके है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी, सचिव श्री रविनाथ रमन ने भी अपने विचार रखे। 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के ट्रस्टी श्री रजनीश पौराणिक द्वारा कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम का संचालन निदेशक आयुष विजय जोगदंडे ने किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये
कि जरूरतमंदों को समय पर एंबुलेंस और एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करते हुए अविलम्ब इसकी एसओपी तैयार की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि अस्वस्थता के कारण किसी मृतक व्यक्ति के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारजनों के द्वारा मृतक के दाह संस्कार में कठिनाई व्यक्त करने पर इसके लिए आर्थिक सहायता अथवा मृतक व्यक्ति के दाह संस्कार की व्यवस्था संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी अपने स्तर से सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे परिवारों जिन्हें मृतक व्यक्ति के शव को उनके घर तक पहुंचाने के लिए आर्थिक समस्या हो रही हो, ऐसे व्यक्ति के शव को एबुलेंस के माध्यम से घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी जिलाधिकारी अपने स्तर से करेंगे।
मुख्यमंत्री ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के तहत उनके शीतकालीन स्थलों के पौराणिक महत्व एवं प्रभावी प्रचार-प्रसार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन स्थलों का प्राचीन काल से ही अपना विशिष्ट महत्व रहा है और श्रद्धालु इन स्थलों पर देव दर्शन करते रहे हैं। इन शीतकाल स्थलों के दर्शन से भी वही पुण्य प्राप्त होता है, जो नियमित यात्रा के दौरान होता है। शीतकाल में श्री केदारनाथ की ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में, बदरीनाथ की पाण्डुकेश्वर और नर्सिंग मंदिर ज्योर्तिमठ में, यमुनोत्री के खरसाली और गंगोत्री के मुखवा में पूजा अर्चना होती है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी. अंशुमन और उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
महीनों से न्याय को भटक रही महिला को डीएम ने दिलाया न्याय,
प्रकरण संज्ञान में आते ही डीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला का नाम खतौनी में अंकित करवाया
मार्च 2024 से पति की मृत्यु के बाद न्याय को भटक रही थी महिला
जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम
न्याय को भटक रही महिला को मिला न्याय, 2 दिसम्बर को आयोजित जनता दर्शन/जनसुनवाई में आई थी महिला. पति की मृत्यु के बाद अभिलेखों में नाम दर्ज कराने को भटक रही थी महिला. जिलाधिकारी सविन बंसल के संज्ञान में मामला आते ही उसी दिन किया गया था समस्या का निस्तारण.
महिला ने नाम भूमि अभिलेखों में दर्ज करवाने के कार्यवाही पर जिलाधिकारी एवं उप जिलाधिकारी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
पिछली जनसुनवाई में आई महिला प्रतिक्षा चौहान, पति की मृत्यु के बाद अपना नाम विरासतन दर्ज कराने हेतु कई महीनों से परेशान थी, जिस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल उनका नाम विरासतन में दर्ज करने के निर्देश दिए थे, उसी दिन उनका नाम भूमि अभिलेखों में दर्ज करवाया गया था।
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