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मुख्यमंत्री से पूर्व सांसद तरुण विजय के नेतृत्व में में अध्ययनरत वनराजी आदिवासी छात्रों ने भेंट की

Pahado Ki Goonj

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देहरादून मुख्यमन्त्री  पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में पूर्व राज्यसभा सांसद  तरुण विजय के नेतृत्व में वनवासी विद्यालय दून संस्कृति स्कूल में अध्ययनरत वनराजी समुदाय के छात्रों ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा लिखित पुस्तक ’अग्नि की उड़ान’ भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति समाज के बच्चों का भविष्य बेहतर हो इसके लिए जनजाति कल्याण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत भी उपस्थित थे।

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 मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खडूड़ी भूषण ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने अतिवृष्टि से कोटद्वार क्षेत्र में हुए नुकसान के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा की।

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स्वास्थ्य चिंतन शिविर हमें स्वास्थ्य में अंतिम मील कनेक्टिविटी के विचार के करीब लाने में मदद करेगा: देहरादून में स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य चिंतन शिविर के दूसरे दिन डॉ. मनसुख मांडविया
कांवर लेकर देहरादून का 8 साल का  बालक पंकज अपने गृह नगर के  लिए हरिद्वार से आते  समय मां के मंदिर   टोल  टैक्स के  पास विश्राम  करते हुए
“प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में लोक भागीदारी भारत को टीबी मुक्त बनाने में काफी मदद कर सकती है; मैं राज्यों से आग्रह करता हूं कि वे लोगों को नि-क्षय मित्र बनने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करें”

“सभी स्वास्थ्य योजनाओं की व्यापक और संतृप्ति कवरेज सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी छूट न जाए”

देहरादून, 15 जुलाई 2023
“स्वास्थ्य चिंतन शिविर को हमें स्वास्थ्य में अंतिम मील कनेक्टिविटी के विचार के करीब लाने में मदद करनी चाहिए। पिछले दो दिनों में, हमने आज भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र का विस्तृत अवलोकन देखा है और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के लिए हमें किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए इस पर मंथन हुआ है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी, सिक्किम के मुख्यमंत्री  प्रेम सिंह तमांग, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती पंवार और प्रो. एसपी सिंह बघेल की उपस्थिति में स्वास्थ्य चिंतन शिविर की अध्यक्षता करते हुए कही। स्वास्थ्य मंत्रियों में  धन सिंह रावत (उत्तराखंड), श्रीमती रजनी विदाला (आंध्र प्रदेश),  अलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश),  केशब महंत (असम),  रुशिकेश पटेल (गुजरात),  बन्ना गुप्ता (झारखंड),  शामिल हैं। दिनेश गुंडू राव (कर्नाटक),  सपम रंजन सिंह (मणिपुर), डॉ. आर. लालथ्यांगलियाना (मिजोरम),  थिरु मा. सुब्रमण्यम (तमिलनाडु) विचार-मंथन सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।  टीएस सिंह देव (उपमुख्यमंत्री, और स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़), ब्रजेश पाठक (उपमुख्यमंत्री, और स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश),  बीएस पंत (पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री, सिक्किम),  विश्वास सारंग ( राज्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मध्य प्रदेश),  के oलक्ष्मी नारायणन (लोक निर्माण मंत्री, पुडुचेरी) भी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान पर डॉ. मांडविया ने कहा, “लोगों की भागीदारी, देश में तपेदिक के बोझ को खत्म करने के लिए एक बहुत ही आवश्यक गतिविधि है। टीबी उन्मूलन के प्रति हमारा दृष्टिकोण स्वास्थ्य देखभाल के प्रति भारतीय दृष्टिकोण को दर्शाता है। मैं लोगों से निक्षय मित्र बनने के लिए आगे आने का आह्वान करता हूं, क्योंकि इससे भारत को टीबी मुक्त बनाने में काफी मदद मिल सकती है।” उन्होंने राज्यों से टीबी उन्मूलन को प्राथमिकता देने और इसे और अधिक गति देने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्यों से विकलांगता प्रमाणपत्र जारी करना आसान बनाकर देश की दिव्यांग आबादी का समर्थन करने का भी आग्रह किया।

डॉ. मंडाविया ने सभी स्वास्थ्य योजनाओं की व्यापक और संतृप्ति कवरेज सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी पीछे न रह जाए और आशा व्यक्त की कि चिंतन शिविर मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के साथ-साथ आवश्यक नए हस्तक्षेपों के बारे में सुझाव देगा।

चिंतन शिविर में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा, “पिछले दो दिनों में सभी उपस्थित लोगों के इनपुट से स्वास्थ्य सेवा के लिए एक समग्र प्रतिमान बनाया गया है और यह आवश्यक है कि आज हम जो प्रस्ताव पारित करते हैं, इसे क्रियान्वित किया जाता है, ताकि जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं उन्हें अगले वर्ष तक हासिल किया जा सके।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन, आज भारत में स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न पहलुओं पर सत्र आयोजित किए गए, जिनमें आयुष्मान भव, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम, खसरा और रूबेला उन्मूलन और पीसीपीएनडीटी अधिनियम शामिल हैं।

इस दौरान  राजेश भूषण, सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,  सुधांश पंत, ओएसडी , स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय,  वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष, डॉ. राजीव बहल, सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग सहित स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग निकायों के नेता उपस्थित थे।

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*मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने समस्त मन्त्रीगणों से अपने-अपने प्रभार के जनपदों में प्रवास कर राहत एवं बचाव के कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने की अपेक्षा की*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने समस्त मन्त्रीगणों से अपने-अपने प्रभार के जनपदों में प्रवास कर राहत एवं बचाव के कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने की अपेक्षा की है। विदित है कि वर्तमान में राज्य में निरन्तर भारी वर्षा के कारण जगह-जगह आपदा की स्थिति उत्पन्न हुई है और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुसार शासन व प्रशासन के सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी राहत व बचाव कार्यों में तत्परता से लगे हैं। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से सभी मंत्रीगणों को अपने-अपने जनपदों में प्रवास कर राहत एवं बचाव कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने की अपेक्षा की है।

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 *मुख्यमंत्री ने किया रजिस्ट्रार ऑफिस का औचक निरीक्षण।

 

*भूमि के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के दिये निर्देश*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून कलेक्ट्रेट स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने रजिस्ट्रार ऑफिस में संचालित जमीनों की रजिस्ट्री की प्रक्रियाओं एवं रिकॉर्ड रूम का अवलोकन कर जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि जमीन के दस्तावेजों में भविष्य में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसकी कारगर व्यवस्था बनाई जाए। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि भूमि के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने वालों के विरूद्ध सख्त कारवाई की जाए, ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए व्यवस्थाओं में जो भी सुधारात्मक कदम उठाये जाने हैं, वो उठाये जाएं।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को जिले में जमीनों के रिकॉर्ड की सुरक्षा के दृष्टिगत रजिस्ट्रार ऑफिस की सभी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिये और कार्यालय रिकार्ड के मेंटेन के लिए समुचित व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जमीनों के फर्जीवाड़ा की गहनता से जाँच की जाए और दोषियों पर इतनी सख्त कारवाई की जाए, कि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़ा करने की कोई सोच भी न सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी जमीनों से संबंधित कोई भी फर्जीवाड़े की शिकायते आयेंगी तो उनकी जाँच कर दाषियों के विरूद्ध कारवाई की जायेगी।

इस अवसर पर जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका एवं अपर सचिव मुख्यमंत्री  जगदीश चंद्र काण्डपाल भी उपस्थित थे।

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