वाशिंगटन। अमरीकी रक्षा मंत्रालय ने कुछ श्हवा में दिखने वाली कुछ अस्पष्ट चीजों के तीन वीडियो जारी किए हैं।
पेंटागन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि वो किसी भी तरह गलत धारणा और भ्रम को खत्म करना चाहता था इसलिए उसने ये वीडियो सार्वजनिक करने का फैसला किया। ये वीडियो साल 2007 और 2017 में ही लीक हो चुके थे और इनके बारे में तरह-तरह की बातें हो रही थीं।
कुछ लोगों का मानना था कि ये असली हैं और कुछ इन्हें असली मानने से इनकार कर रहे थे। इसी भ्रम की स्थिति को साफ करने के लिए पेंटागन ने ये वीडियो सार्वजनिक किए हैं और इनके असली होने का दावा किया है।
इनमें से दो वीडियो न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रकाशित किए थे और एक वीडियो गायक टॉम डिलॉग्न की संस्था ने लीक किया था.जब ये वीडियो पहली बार लीक हुए थे तब कुछ लोगों ने कहा था कि इनमें एलियन दिखे थे। सामान्य बोलचाल की भाषा में आसमान में दिखने वाली इस तरह की चीजों को अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स या उड़नतश्तरी कहा जाता है.वीडियो में क्या है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार इनमें से एक वीडियो नौसेना के दो फाइटर पायलटों ने बनाया था। इस वीडियो में एक गोल सी चीज को प्रशांत महासागर में पानी के ऊपर (लगभग 160 किलोमीटर दूर) उड़ते देखा जा सकता है। बाकी के दो वीडियो साल 2015 में बनाए गए थे। इनमें कुछ चीजें हवा में उड़ती दिख रही हैं।
इनमें से एक वीडियो में किसी चीज के हवा में गोलाई में घूमते देखा जा सकता है। इस वीडियो में एक पायलट को कहते सुना जा सकता है, इसे देखो यार! ये गोल-गोल घूम रहा है। पेंटागन ने अपने एक बयान में कहा है, हमने इन तीनों वीडियो की पूरी तरह जांच-पड़ताल की है और इसके बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इन्हें सार्वजनिक किए जाने से किसी तरह की संवेदनशील जानकारी बाहर नहीं आएगी और न ही एयर स्पेस में हमारी सेना को कोई नुकसान होगा।
बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय ये वीडियो इसलिए जारी कर रहा है ताकि लोगों के इनके सच होने का पता जोनाथन मार्कस का विश्लेषण
अस्पष्ट चीजों लोगों को हमेशा आकर्षित करती हैं और इसीलिए यूएफओ की अनिश्चितता भी आकर्षक है। इनमें बाकी दुनिया, एलियन्स और सरकार से जुड़ी कई कॉन्स्पिरेसी थ्योरी शामिल हैं, जो इन्हें बेहद दिलचस्प बनाती हैं। इंसान सदियों से आसमान को निहारते और उसमें दिखने वाली रहस्यमय चीजों के बारे में समझने की कोशिश करता आ रहा है। हालांकि आधुनिक दौर में पहली बार यूएफओ की कहानी सबसे पहले उस वक््त चर्चा में आई जब साल 1947 में मेक्सिको के एक किसान की नजर कुछ मलबों पर पड़ी।
शुरू में इन्हें फ्लाइंड डिस्क या उड़नतश्तरी कहा गया लेकिन बाद में ऐसा समझा गया कि ये सोवियत यूनियन पर नजर रखने के लिए बनाए गए एक गुप्त बलून प्रोग्राम का हिस्सा था। इसके बाद नेवादा में एरिया 51 के नाम से जाने जाने वाले एडवांस्ड एयरक्राफ्ट के टेस्टिंग बेस के यूएफओ रिसर्च सेंटर होने की बातें फैलने लगीं। कुछ लोगों का मानना था यह वही जगह थी जहां अमरीकी सरकार एलियन्स से तकनीक हासिल करने की कोशिश कर रही थी।
हालांकि वक्तत के साथ इन अजीबो-गरीब धारणाओं से भी पर्दा उठता गया। लेकिन इसके बाद साल 2017 में पेंटागन ने आखिरकार स्वीकार किया कि यह काफी वक्तत से यूएफओ की जांच करने का कार्यक्रम चला रहा था, जिसे बंद कर दिया गया।
आज अमरीकी नौसेना इन अस्पष्ट चीजों को यूएफओ या फ्लाइंग डिस्क के बजाय अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनॉमिना कहना पसंद करती है। लेकिन इनका नाम बदलने से लोगों के दिमागड़ में घर कर चुका वो मूल सवाल खत्म नहीं होगा. वो सवाल हैरू क्या हम वाकई इस ब्रह्मांड में अकेले हैं।
पेंटागन के वीडियो सार्वजनिक किए जाने के बाद गायक टॉम डिलॉन्ग ने अपनी संस्था के शेयरहोल्डरों का शुक्रिया अदा करते हुए ट्वीट किया चल सके। वीडियो में दिख रही चीजें अब भी अस्पष्ट हैं और इसलिए इन्हें अनआइडेंटिफाइड उन्होंने लिखा, मैं उम्मीद करता हूं कि मैं इस क्षेत्र में रिसर्च के लिए आगे भी फंडिंग कर पाऊंगा। हम आगे और सवालों के जवाब पाने की उम्मीद करते हैं। संगीतकार डीलॉन्ग ने साल 2017 में कुछ लोगों के साथ मिलकर यूएफओ और अन्य पैरानॉर्मल गतिविधियों के अध्ययन के लिए एक संस्था बनाई थी.माना जा रहा है।