रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै,मोती मानुष चून।
देहरादून(चन्द्रशेखर पैन्यूली) :पत्र की ओर से विश्व जल दिवस की सभी को शुभकामनाएं।जल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है,सुबह से लेकर शाम तक हमे जल की जरूरत होती है,सुबह की पहली चाय हो या रात को सोने से पहले गुनगुना पानी हो,नाश्ते हो या दोपहर भोज या फिर डिनर,सभी को पकाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है,स्नान हो या शौच,पूजा पाठ हो या शादी विवाह,शुभ हो या अशुभ,मुँह धोना हो या हाथ,होटल हो या घर,ऑफिस हो या मन्दिर हर जगह हमे पानी की जरूरत होती है,कपड़े धोने की बात हो या पशुओं को नहलाने की,अपनी कार,बाइक की धुलाई हो या फर्श की धुलाई हर वक्त हमे जल चाहिए,जल दुनिया में सबसे ज्यादा है ऐसा पहले माना और समझा जाता था,लेकिन बढ़ते प्रदूषण ने जमीन के अंदर जल के स्तर को नीचे लुढ़का दिया,हमारे प्राकृतिक जल स्त्रोत ,जैसे नदी,गदेरे,धारे, पनेरे लगातार सूखते जा रहे हैं जो हम सबके लिए चिंतनीय है।विश्व के विभिन्न देशों सहित हमारे भारतवर्ष में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है जो बहुत बड़े खतरे की निशानी है। विश्व में बढ़ते जल संकट को देखते हुए 1993 से आज के दिन,संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जल दिवस मनाने का निर्णय लिया,जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता और जल को बचाना है। हम सब अपने आस पास देख सकते हैं कि पेयजल की सालोंसाल कमी होती जा रही है,हल्की गर्मी शुरू होते ही जगह जगह पानी के लिए हाहाकार मच जाता है,पहाड़ हो या मैदान हर जगह पानी का संकट गहराता जा रहा है,और कहा जा रहा है कि यदि हम सभी समय पर न चेते तो विश्व में जो तीसरा विश्व युद्ध होगा वो जल के लिए ही होगा,तो आइये हम अपने आस पास,अपने घरों से जल को बचाने,सहेजने,संरक्षित करने का संकल्प लें, अपने प्राकृतिक जल स्त्रोतों को बचाने की मुहिम छेड़िये,वरना वो दिन दूर नही जब हम सब पानी की एक एक बूंद के लिए तड़पे,जल ही जीवन है इसी को मद्देनजर रखते हुए सभी से प्रार्थना करता हूँ कि जल को संरक्षित करने के लिए अपने अपने स्तर से जरूर प्रयास करें। आज हिमालय गर्मी से पिघलने से पानी के बैंक गिलेशियर टूट रहे हैं।बातावरण में तापमान बढ़ने लगा है। इसके लिए विश्व स्तर पर पोलियो अभियान की भांति महीने के दूसरे रविवार ओर आखरी रविवार को 100ग्राम जौ 200ग्राम तिल 150ग्राम घी या तिलो का तेल प्रत्येक मनुष्य जलाया करें तो वर्षा होगी बर्फ हिमालय में गिरेगी पृथ्वी का तापमान घटेगा। जल के श्रोत बढेंगे।यह सद्बुद्धि विश्व समुदाय को भारत दे ।पत्र के सम्पादक जीतमणि पैन्यूली का दावा है कि उक्त सामग्री को जलाने से शीघ्र वर्षा गिरनी सूरु हो जाती है। वह जब भी उक्त सामग्री को लेकर अग्नि में आहुति देने लगते हैं उसके कुछ समय पर ही वर्षा प्रारंभ होजाती है।विश्व जल दिवस की पुनः पत्र पोर्टल की ओर से शुभकामनायें ।