विदेशी कैश एंड केरी थोक व्यवसाय द्वारा भारत में वितरण और खुदरा (रिटेल) कारोबार के लिए उत्पन्न खतरे से सरकार को आगाह कराने हेतु केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु जी से बैठक सम्पनविदेशी कैशएंड केरी थोक व्यवसाय द्वारा भारत में वितरण और खुदरा (रिटेल) कारोबार के लिए उत्पन्न खतरे से सरकार को आगाह कराने हेतु माननीय केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री सुरेश प्रभु जी से 10 जुलाई 2018 को अपराह्न फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल के एक शिष्ट मंडल ने भेट की और माननीय मंत्री जी को अवगत कराया कि किस प्रकार 2010 की भारत सरकार की नीतियों से भारत में स्थापित हुए विदेशी कैश एंड केरी थोक व्यवसाय , तय किये गयी नियमो का उलंघन कर भारत के खुदरा व्यापारियों के लिए एक खतरा बनते जा रही है । इसके अतिरिक्त वह अपनी सीमाओं को लाँघ कर वितरण क्षेत्र में भी प्रवेश करने जा रहे है जिसका सीधा सीधा असर 10 लाख से 12 लाख वितरण क्षेत्र में लगे देशी व्यापारियों पर पड़ने की सम्भावना है जिससे भारत का स्वदेशी एवं परंपरागत व्यवसाय समाप्त होने के कगार पर है ।
सुरेश प्रभु जी समस्या की गंभीरता को समझा और अपनी चिंता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि किसी भी विदेशी कैश एंड केरी थोक व्यवसायी को किसी भी प्रकार से नियमो के बहार जा कर कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जायगी । सुरेश प्रभु जी ने सचिव, उद्योग मंत्रालय को निर्देश भी दिया और फेडरेशन के प्रतिनिधियों से पुनः मिलने के लिए भी कहा ताकि विस्तृत रूप के समस्या का हल निकला जा सके ।
फेडरेशन के शिष्ट मंडल में सी हेच कृष्णा कार्यकारी अध्यक्ष , वी के बंसल,राष्ट्रीय महामंत्री , राजेश्वर पैन्यूली , संयोजक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता , CA प्रकाश आगीवाल चेयरमैन प्रोफेशनल सेल , अनिल भाटिया , राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष , प्रदीप मिश्रा , संयोजक , अशोक कोठरी , वरिष्ठ सलाहकार शामिल है ।
2010 की भारत सरकार की नीतियों से भारत में स्थापित हुए विदेशी कैश एंड केरी थोक व्यवसाय, तय किये गयी नियमो का उलंघन कर भारत के खुदरा व्यापारियों के लिए एक खतरा बनते जा रही है ।
इसके अतिरिक्त वह अपनी सीमाओं को लाँघ कर वितरण क्षेत्र में भी प्रवेश करने जा रहे है जिसका सीधा सीधा असर 10 लाख से 12 लाख वितरण क्षेत्र में लगे देशी व्यापारियों पर पड़ने की सम्भावना है जिससे भारत का स्वदेशी एवं परंपरागत व्यवसाय समाप्त होने के कगार पर है ।
इसी सन्दर्भ में भारत के सभी व्यापार मंडल एवं ट्रेड एसोसिएशन के राष्ट्रीय परिसंघ फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल द्वारा भारत सरकार का ध्यान उपरोक्त खतरे की तरफ आकर्षित किया गया जिसके उपरांत माननीय केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने संज्ञान लेते हुए फेडरेशन के शिष्ट मंडल को व्यक्तिगत रूप से परिचर्चा हेतु आमंत्रित किया गया ।
फेडरेशन निम्न मुख्य बिन्दुओ को केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के समक्ष विचार विमर्श करेंगे ।
भारत सरकार द्वारा 2010 में कॅश एंड केरी थोक व्यापार में 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति प्रदान की गयी
2010 में, सरकार ने पहली बार कॅश और कैरी थोक बिक्री व्यवसाय को व्यापार, व्यापार और पेशे के उद्देश्य के लिए बिक्री के रूप में परिभाषित किया था। यहां प्रत्यक्ष उपभोक्ताओं को बिक्री की अनुमति नहीं थी।
कैश और कैरी थोक स्टोर से माल की खरीद के लिए खरीदारों के पास बिक्री कर / वैट / सेवा कर / उत्पाद शुल्क पंजीकरण या अन्य प्रासंगिक व्यापार लाइसेंस होना जरुरी होता है ।
यह भी प्रावधान था कि प्रत्येक खरीदार को कॅश एंड केरी थोक स्टोर के साथ पंजीकरण होना चाहिए और एक खुदरा विक्रेताओं / अन्य खरीदारों को एक पंजीकरण की अनुमति है।
थोक व्यवसाय क्या होता है ?
सामान्य परिभाषा में थोक व्यापार से मतलब खुदरा (रिटेल) को बिक्री । निम्नलिखित ग्राफ निर्माता से उपभोक्ताओं तक व्यापार के प्रवाह का वर्णन करता है
1. अंतिम निर्माता / इम्पोर्टर / उत्पादक
2. C & F 3. वितरक 4. थोक व्यापारी 5. खुदरा व्यापारी
6. उपभोक्ता
कैश एंड केरी से क्या अभिप्राय है ?
कैश-एंड-कैरी “एक व्यापार मॉडल है जहा सभी क्रय विक्रय सिर्फ नगदी में होता है और उधार पूर्ण रूप से वर्जित होता है | 2010 की सरकार द्वारा लाई गयी नीति की तहत विदेश कैश-एंड-कैरी “थोक व्यवसाय में भारत में आयी विदेशी कंपनी Wal-Mart from USA , Metro Cash & Carry from Germany और Carrefour, France है
क्या क्या चुनौतियां है
1 : थोक व्यवसाय की मूल भावना का पालन न होना
विदेश कैश-एंड-कैरी ” थोक स्टोर मूल दस्तावेज के रूप में पैन कार्ड स्वीकार करके उपभोक्ताओं को सीधे बिक्री कर रहे हैं और बिक्री कर / उत्पाद शुल्क और सेवाओं पंजीकरण के अनिवार्यता का उलंघन कर रहे है
2 : कैश-एंड-कैरी की मूल भावना को झटका
वितरण क्षेत्र में पूरे विक्रेता को क्रेडिट का विस्तार करना एक सामान्य प्रक्रिया है जबकि कैश और कैरी व्यवस्था में काउंटर भुगतान को सख्ती से पालन किया जाता है ।
3 : विदेशी कैश-एंड-कैरी “थोक व्यवसाय स्टोर उपभोक्ताओं को सीधे सीधे मॉल बेचने हेतु एकल इकाई के नाम पर एक से ज्यादा कार्ड / पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं ।
4 : नवीनतम प्रकाशित समाचारों के अनुसार (18 जून 2018 के इकनोमिक टाइम्स) मेट्रो कैश एंड कैरी ने उत्पादों के वितरण के लिए कुछ निर्माताओं के साथ करार किया है। इसका तात्पर्य है कि चार्ट नंबर 1 के अनुसार विदेश कैश-एंड-कैरी ” थोक स्टोर की स्थिति 3 के स्थान से 2 (डिस्ट्रीब्यूटर) हो जाएगीं |
5 : विदेश कैश-एंड-कैरी थोक व्यवसायी की खुदरा व्यापार में पिछले दरवाज़े से प्रवेश
वॉल-मार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट के हालिया अधिग्रहण से, वाल-मार्ट अप्रत्यक्ष रूप से फिलिपकार्ट के ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के रास्ते खुदरा सेगमेंट में प्रवेश करेगा । वॉल-मार्ट पर खुदरा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट के माध्यम से अपने उत्पाद को बेचने पर वर्तमान में कोई तंत्र या नियंत्रण नहीं है।
यदि विदेशी कैश-एंड-कैरी ” थोक व्यवसायी वितरण व्यवसाय में प्रवेश करती है तो क्या परिणाम संभावित है
I. विदेशी कैश-एंड-कैरी ” थोक व्यवसायी भविष्य में बाजार पर शासन करेगा और दशकों से स्थापित भारतीय घरेलू व्यवसायों के समाप्त होने का भय है | अनुमान के मुताबिक भारत में वितरकों की कुल संख्या 10 लाख से 12 लाख के बीच है। ये वितरक लगभग 1 करोड़ युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करते हैं जिसका अर्थ है कि ये वितरक लगभग 5 से 6 करोड़ मनुष्यों को आजीविका का साधन है ।
II. बड़े पैमाने पर, मशीनीकृत परिचालन और प्रौद्योगिकी के उपयोग के कारण यह अनुमान लगाया जाता है कि विदेशी नकद और कैरी स्टोर 95% प्रत्यक्ष नौकरियों को खत्म कर देंगे। इस प्रकार केवल 5 लाख युवाओं को रोजगार देकर वे 95 लाख युवाओं को बेरोजगार बना देंगे और 4.50 से 5 करोड़ मानव उनकी आजीविका से वंचित हो जायेंगे ।
III. उन्नत प्रौद्योगिकी, कम लागत वाले फंड के द्वारा थोक में सस्ती खरीद एवं प्रशिक्षित मानव शक्ति होने के कारण विदेशी कैश-एंड-कैरी ” थोक व्यवसायी घरेलु व्यापार को समाप्ति के कगार पर ले जाएगा
IV. सस्ते धन की उपलब्धता होने के कारण विदेश कैश-एंड-केरी थोक व्यवसायी मीडिया और विज्ञापन में ज्यादा निवेश कर भारतीय उपभोक्ताओं की आदतों और अन्य सामाजिक संस्कृति को नुकसान पहुंचा सकते है। उदाहरण के लिए फास्ट फूड कुछ विदेशी कंपनी द्वारा भारत में लाया गया था जो उपभोक्ताओं के बीच मोटापा पैदा कर रहा है।V. विश्व आर्थिक युद्ध अभी अभी अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुआ है। विदेशी व्यापारिक संस्थाओं पर निर्भरता से भारत पर कभी भी आर्थिक युद्ध का खतरा मंडरा सकता है |VI. यदि विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोर वितरण खंड में प्रवेश करते हैं, तो वे अपनी सुविधानुसार किसी भी देश से किसी भी सामग्री को खरीद सकते हैं। यह भारतीय manufacturing पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है जिसका सीधा सीधा प्रभाव मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम पर भी पद सकता है और स्वदेशी भावना को समाप्त कर सकता है |
VII. विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोर अपने सस्ते फंडों से बड़ी मात्रा में सामग्री जमा कर सकती हैं। इससे बाजार और कीमतों पर उनका सीधा नियंत्रण हो सकता है जो भारतीय उपभोक्ताओं और भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है ।
VIII. विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोर अपने देश के हितो की रक्षा अवश्य करेंगी जो भारतीय अर्थव्यवस्था एवं भारतीय कारोबार के लिए घातक हो सकता है |
IX. विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोर भारतीय व्यापार में 80-90% हिस्सेदारी हासिल करके, भारतीय व्यापार समुदाय के हितो की रक्षा करने वाली किसी भी नीति को प्रभावित कर सकते हैं।
समस्या से निदान कैसे होगा
a. विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोर को निर्देशित किया जाना चाहिए कि वह सिर्फ जीएसटी पंजीकरण पर खुदरा व्यापारी को अपना सामान बेचे । किसी अन्य प्रकार के पंचीकरण मान्य न हो ।
b. विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोर को किसी भी कीमत पर वितरण क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
c. फ्लिप कार्ट को कम से कम 50% सामग्री गैर वॉल-मार्ट विक्रेताओं की बेचने हेतु बाध्य किया जाना चाहिए |
d. एक मजबूत नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए जो घरेलू कारोबार के हितों की रक्षा के लिए विदेशी कैश एंड केरी थोक व्यवसायी की व्यावसायिक पगति विधियों पर नज़र रख सके ।
प्रस्तावित नियामक प्राधिकरण को इन विदेशी संस्थाओं की किसी एकाधिकारवादी प्रथाओं या दमनकारी व्यावसायिक नीतियों की जांच करने का अधिकार दिया जाना चाहिए ।
f. इस तरह के नियामक प्राधिकरण में भारतीय व्यापार समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए|
g. विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोर पर अपनी कमाई, कुछ हिस्से को छोड़ कर , को भारत से बाहर भेजने पर प्रतिबन्ध होना चाहिए और ज्यादा हिस्सा भारत में निवेश हेतु प्रावधान लाना चाहिए ।
h. विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोर को सिर्फ मेट्रोपॉलिटन शहरों में व्यवसाय करने की अनुमति दी जानी चाहिए। छोटे और मध्यम शहरों के व्यापारी समुदाय को विदेशी कैश एंड केरी थोक स्टोरों के खतरे से बचाया जाना चाहिए।
i. सरकार का यह नैतिक कर्तव्य है कि देश के व्यापार पर अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण करने वालो पर कठोर आचार संहिंता / नियमावली का पालन होना सुनिश्चित करना चाहिए । भारत की किसी कंपनी में इनके निवेश के सीमा 49 % के कम होने चाहिए ।
फेडरेशन के शिष्ट मंडल में श्री कृष्णा कार्यकारी अध्यक्ष , वी के बंसल,राष्ट्रीय महामंत्री , राजेश्वर पैन्यूली , संयोजक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता , CA प्रकाश आगीवाल चेयरमैन प्रोफेशनल सेल , गोविन्द अग्रवाल , वरिष्ठ सलाहकार , अनिल भाटिया , राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष , प्रदीप मिश्रा , संयोजक शामिल है ।
फेडरेशन द्वारा व्यापारी हित में विगत कुछ समय में कुछ महत्त्व पूर्ण कार्य किये गये है
01. फेडरेशन द्वारा GST में रिवर्स क्रेडिट मैकेनिज्म (RCM ) को स्थाई रूप से समाप्त करने हेतु एक मुहीम चलायी जा रही है और इस मुहीम को जब सफलता मिली जब कल यानि 8 जुलाई 2018 को श्री सुशील मोदी जी के नेतृत्व वाले मंत्री समूह ने RCM को कुछ मूल भूत परिवर्तन करने के प्रस्ताव की सिफारिश करने को स्वीकार कर लिया है और आगामी 21 जुलाई को GST कौंसिल की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लेने की सम्भावना है । फेडरेशन द्वारा प्रधान मंत्री को 22 जून 2018 ,16 जनवरी 2018 , 26 अक्टूबर 2017 एवं 22 सितम्बर 2017 को भेजे गए ज्ञापन
02. एकल बिंदु GST / Single Point GST अभियान को बड़ा बल मिला जब फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल द्वारा दिए गए ज्ञापन का माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लिया गया और तदानुसार अरुण जेटली माननीय वित्त मंत्री जी को फेडरेशन से प्रेजेंटेशन के लिए अधिकृत किया गया । वित्त मंत्री जी के अस्वस्था के चलते यह प्रेजेंटेशन आदरणीय हसमुख अधिया, वित्त सचिव को दिनांक 16 अप्रैल 2018 प्रस्तुत किया गया । एकल बिंदु GST व्यवस्था में GST की वसूली अंतिम निर्माता से MRP (खुदरा मूल्य ) पर प्रस्तावित है । यदि एकल बिंदु GST लागु हो जाता है तो कर चोरी समाप्त हो जायगी और सरकार को पूरा कर मिलेगा | इस राष्ट्र व्यापी अभियान में अभी तक 30 नगरों के व्यापार मंडल एवं ट्रेड एसोसिएशन एकल बिंदु GST के समर्थन में अपना अपना मांग पत्र माननीय प्रधान मंत्री जी को भेज चुके है ।राजेश्वर पैन्यूली संयोजक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता / mob 09868231957