LIVE: सरकार के 03 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अल्मोड़ा में आयोजित कार्यक्रम
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आगामी 10 साल की वित्तीय स्थिति की पूरी योजना तैयार की जाए- मुख्यमंत्री
राज्य के आय के संसाधन बढ़ाने के लिए आर्थिक विकास की रूपरेखा तैयार की जाए।
सरकारी प्रक्रियाओं में सरलीकरण और डिजिटल गवर्नेंस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
कर चोरी की रोकथाम के लिए सघन अभियान चलाया जाए।
*राज्य स्थापना से अब ट्रेड टैक्स/वैट/जीएसटी कलक्शन में 48 गुना से अधिक की हुई वृद्धि।*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में आगामी 10 साल की वित्तीय स्थिति की पूरी योजना तैयार की जाए। इस दीर्घकालिक योजना में आर्थिक और सामाजिक विकास, पर्यावरण संरक्षण, आधुनिक तकनीक का उपयोग कर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी 10 सालों की राज्य के आय के संसाधन बढ़ाने के लिए आर्थिक विकास की रूपरेखा तैयार की जाए। राज्य की आर्थिकी से जुड़े पर्यटन, तीर्थाटन, ऊर्जा,कनेक्टिविटी, उद्योग, कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, समाजिक कल्याण और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाएं। अनावश्यक खर्चों को नियंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि 2047 तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए सबको अपना योगदान देना होगा। राज्य में 2047 तक की वित्तीय स्थिति के लिए भी विस्तृत योजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर बजट प्रबंधन के लिए नीति निर्माण में डेटा एनालिटिक्स और रिसर्च का उपयोग किया जाए। योजना बनाने में विशेषज्ञों और आम जन के सुझाव भी लिये जाएं। सरकारी प्रक्रियाओं में सरलीकरण के साथ डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में और तेजी से कार्य किये जाएं। राज्य में राजस्व प्राप्ति के लिए कर राजस्व, गैर कर राजस्व, औद्योगिक निवेश, डिजिटल कर संग्रह और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि वित्तीय बजट 2024-25 में लक्ष्य के सापेक्ष 85 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति हो चुकी है। जबकि राजस्व व्यय 90.50 प्रतिशत हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि राज्य में जीएसटी कलक्शन बढ़ाने के लिए और प्रभावी प्रयास किये जाएं। कर चोरी की रोकथाम के लिए सघन अभियान चलाया जाए। छापामारी की कार्रवाई निरंतर की जाए। एआई और डेटा एनालिटिक्स के उपयोग पर अधिक ध्यान दिया जाए। जीएसटी फाइल करने के लिए सरल और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य स्थापना के बाद से ट्रेड टैक्स/वैट/जीएसटी कलक्शन में 48 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। कलक्शन 233 करोड़ से बढ़कर 11289 करोड़ हुआ है। राज्य के कर स्रोतों में जीएसटी और वैट की भागीदारी 62 प्रतिशत, एक्साइज की 19 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट की 05 प्रतिशत, स्टैंप की 08 प्रतिशत और खनन की 05 प्रतिशत भागीदारी है। राज्य में आईटीसी फ्रॉड के 848 मामलों और 165 फेक फर्मों को चिन्हित किया गया है। राज्य में फेक जीएसटी रजिस्ट्रेशन को चिन्हित करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया, जिसके तहत 51 जीएसटी रजिस्ट्रेशन गैर मौजूद पाये जाने पर उनका पंजीकरण निरस्त किया गया।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री दिलीप जावलकर, श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी. अंशुमन, राज्य कर आयुक्त डॉ. अहमद इकबाल, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी एवं जीएसटी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और अवैध कब्जों पर जारी रहेगा प्रहार
तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने साझा कीं प्राथमिकताएं
महत्वपूर्ण मुद्दों को हमने कभी ठंडे बस्ते में नहीं डालाः मुख्यमंत्री
यूसीसी, भू-कानून, दंगा रोधी, नकल विरोधी कानून आदि पर चर्चा की
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और अवैध कब्जों पर सरकार का प्रहार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान अनेक चुनौतियों सामने आईं, लेकिन उनका जनता के बीच खडे़ होकर सामना किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी केे कथन के अनुसार ही उत्तराखण्ड प्रगति कर रहा है। निश्चित तौर पर यह दशक उत्तराखण्ड का होगा।
तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने शनिवार कोे सीएम आवास स्थित मुुख्य सेवक सदन में पत्रकारोें से बातचीत की। उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया और भविष्य के लिए अपनी प्राथमिकताओं को भी साझा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि भाजपा की सरकार वापसी नहीं कर पाएगी। क्योंकि इस तरह की परिपाटी नहीं रही है। मगर जनता ने भाजपा को आशीर्वाद देकर फिर से राज सौंप दिया। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष में सरकार के सामने कई तरह की चुनौतियां आईं, लेकिन सरकार ने धरातल पर जाकर उसका सामना किया। रैणी, सिलक्यारा, केदार घाटी से लेकर हालिया माणा की आपदा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संकट के समय पीछे रहकर काम नहीं किया जाता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 में जिस विकसित भारत का संकल्प लिया है, उसमेें अपनी भूमिका निभाने के लिए उत्तराखण्ड पूरी सार्मथ्य से काम कर रहा है। उन्होंने कनेक्टिविटी के विस्तार की बात करते हुए कई उदाहरण दिए और कहा कि उत्तराखण्ड अपनी क्षमताओं का आंकलन करते हुए इसी अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में अवैध निर्माण, कब्जों, अतिक्रमण केे खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। भ्रष्टाचार पर और सख्त प्रहार किए जाएंगेे।
यूसीसी, भू-कानून, नकल विरोेधी जैसे कानूनों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महत्वपूर्ण मसलों को ठंडे बस्ते में डालने में यकीन नहीं करती। इसलिए प्रमुख मुद्दों पर फैसले किए गए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए 30 फीसदी आरक्षण समेत लखपति दीदी जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन से मातृ शक्ति के कल्याण के लिए ठोस कदम आगे बढ़ाए गए हैं। आंदोलनकारियों के लिए दस फीसदी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई है। प्रवासी उत्तराखण्डियों के सम्मेलन केे माध्यम सेे प्रवासियों को राज्य के साथ जोड़ा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में राज्य का पूरे देश में 13 वां स्थान पर आना सुखद संकेत है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हो या जी-20 बैठकों का आयोजन उत्तराखण्ड को इन आयोजनों से दूरगामी लाभ मिला है। सतत विकास लक्ष्यों के इंडेक्स में देश में पहला स्थान महत्वपूर्ण उपलब्धि रहा है। उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष मेें राज्य का सालाना बजट एक लाख करोड़ को पार कर जाना बताता है कि चुनौतियों के बावजूद हम सही राह पर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2027 में कुंभ और इसके बाद नंदा राजजात का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार इसके लिए तैयारी कर रही है। उन्होंने राष्ट्रीय खेलो के आयोजन से जुड़ी सफलता की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने चारधाम यात्रा, शीतकालीन यात्रा समेेत राज्य के कई स्थानों पर पहुंचकर पर्यटन विकास में अभूतपूर्व योगदान किया।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, महंत दिलीप रावत, श्री राजकुमार पोरी और महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान विभाग की गेेम चेंजर योजनाओं को स्वरोजगार सृजन के साथ आर्थिकी को बढ़़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना, पर्वतीय जनपदों में रोजगार सृजन का कारगर माध्यम बन सकता है। उन्होंने इसके लिए निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति तथा तैयार की गई कार्य योजना के प्रभावी अनुश्रवण के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड नमामि गंगा एक्वेटिक सेंटर की स्थापना में भी तेजी लाए जाने को कहा ताकि मत्स्य प्रजातियों को संरक्षित करने के साथ विदेशी मत्स्य पर्यटकों को इस ओर आकर्षित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क की स्थापना में भी तेजी लाए जाने को कहा ताकि मत्स्य विभाग की गतिविधियों के लिए एक प्रभावी केंद्र उपलब्ध हो सके इससे भी रोजगार के और अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभाग अपनी कार्य योजना के क्रियान्वयन पर ध्यान दें, ताकि विभिन्न प्रजाति के मत्स्य उत्पादन गुणवत्ता युक्त मछली की उपलब्धता नई मत्स्य प्रजातियों के बीज उत्पादन एवं विकास के साथ मत्स्य पर्यटन को भी बढावा मिल सके।
बैठक में बताया गया कि ट्राउट प्रोत्साहन योजना के लिए 170 करोड़ का वित्तीय प्राविधान किया गया जिसमें 600 टन ट्राउट मत्स्य उत्पादन, 75 लाख ट्राउट सीड़ उत्पादन के साथ 600 प्रत्यक्ष रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। जबकि इंटिग्रेटेड एक्वेटिक सेंटर की स्थापना के लिए 250 करोड़ का बजटीय प्राविधान किया गया है इसके तहत मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण तथा मत्स्य पर्यटन के प्रति विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किए जाने की योजना है। इसके तहत एक्वा गैलरी के साथ मत्स्य विभाग से संबंधित कई अन्य योजनाओं का विकास किया जाएगा। राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क हेतु 53.39 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है जिसके तहत 5100 टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन के साथ नई मत्स्य प्रजातियों एवं गुणवत्ता युक्त मछली उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आईटीबीपी को की जा रही जीवित बकरी, भेड़, कुक्कुट, ट्राउट मछली की आपूर्ति की व्यवस्था संबंधी अनुबंध की भांति सेना को भी शामिल किए जाने के लिए कार्य करने के लिए कहा। इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ उत्पादकों की आर्थिकी मजबूत होगी। उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों तथा पशुपालकों की समस्याओं के समाधान की भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने ग्राम्य गौ सेवक योजना तथा गो सदनों के निर्माण में भी तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। इस संबंध में जानकारी दी गई कि अक्टूबर 2024 तक जीवित बकरी, भेड़, कुक्कुट एवं मछली की 800 मीट्रिक टन आपूर्ति की गई। राज्य सरकार द्वारा 5 करोड़ के रिवॉल्ंिवग फंड की भी व्यवस्था की गई है। 10 सहकारी समितियों व किसान उत्पादक संगठनों के 253 पशुपालक लाभान्वित किए गए जबकि नवंबर 2024 तक किसानों को 1.60 करोड़ डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया। इस अवधि में 6455 किलोग्राम ट्राउट मछली 22735 किग्रा. जीवित कुक्कुट 33536 किग्रा. जीवित भेड़ बकरी की आपूर्ति की गई।
मुख्यमंत्री ने डेरी विकास विभाग की समीक्षा के दौरान प्रदेश में दुग्ध उत्पादक किसानों को आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराए जाने पर भी ध्यान देने को कहा इसके लिए बायो गैस संयंत्रों की स्थापना पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध मूल्य के समय पर भुगतान की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए है।
मुख्यमंत्री ने गन्ना चीनी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए चीनी मिलों के आधुनिकीकरण तथा गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य के भुगतान की स्थिती की भी जानकारी ली।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा, प्रमुख सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगोली, डॉ. बी वी आर सी पुरूषोत्तम, श्री वी षणमुगम, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री रणवीर सिंह चौहान एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को रामनगर स्थित जिम कॉर्बेट मैरियट रिजॉर्ट शुभांरभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने मेरियट समूह को नए रिजॉर्ट के शुभारंभ अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड की पुण्य भूमि प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से भरपूर है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पूरे विश्व के वन्यजीव और प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक यहां आकर राज्य की संस्कृति, परंपरा और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। इस नए रिसॉर्ट के शुरू होने से क्षेत्र में पर्यटन संभावनाओं को नया आयाम मिलेगा और इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार डेस्टिनेशन उत्तराखंड को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित कर रही है। राज्य सरकार ने नई पर्यटन नीति के अंतर्गत निवेशकों को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की है। आज कई बड़े होटल समूह और रिसॉर्ट उत्तराखंड में निवेश कर रहे हैं। तीर्थाटन और पर्यटन हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार है। जिससे प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार और व्यवसाय के अवसर प्राप्त होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, राज्य में धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। केदारखंड की भांति मानसखंड कॉरिडोर योजना के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के धार्मिक स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है। राज्य में इस वर्ष से शीतकालीन यात्रा भी प्रारंभ की गई है। जिसको प्रोत्साहित करने के लिए स्वयं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हर्षिल- मुखबा के दौरे पर आए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा सरकार, राज्य में साहसिक पर्यटन जैसे ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग और माउंटेनियरिंग को बढ़ावा दे रही है। राज्य में फिल्म शूटिंग को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम प्रारंभ किया गया है।उत्तराखंड देश-विदेश के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। रामनगर, मसूरी और नैनीताल के साथ ही औली, चौकोरी, मुन्स्यारी जैसे पर्यटक स्थलों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र में स्थान दिलाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
इस दौरान रामनगर में विधायक श्री दीवान सिंह बिष्ट, मेयर श्री दीपक बाली, श्री विनय जिंदल जी, श्रीमती रेखा जिंदल जी, श्री विकास जिंदल जी, श्री अरूण कुमार, श्री बांके गोयनका एवं अन्य लोग मौजूद रहे।