टीएचडीसीआईएल ने
देहरादून, ऋषिकेश:14-09-2023:- टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, शेड्यूल-ए, मिनी-रत्न, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के तत्वावधान में, बहुप्रतीक्षित चार दिवसीय प्रतियोगिता “टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2023” का उत्साह के साथ शुभारंभ किया गया । यह प्रतियोगिता 14 सितंबर 2023 से 17 सितंबर 2023 तक टिहरी में आयोजित की जा रही है | माननीय मंत्री (वन, भाषा, निर्वाचन और तकनीकी शिक्षा), उत्तराखंड सरकार, सुबोध उनियाल ने इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप का उद्घाटन किया। इस शुभ अवसर पर किशोर उपाध्याय, माननीय विधायक टिहरी-गढ़वाल, श्रीमती सोना सजवाण, अध्यक्ष, जिला पंचायत टिहरी-गढ़वाल, मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, टिहरी गढ़वाल, नवनीत सिंह, एसएसपी, टिहरी-गढ़वाल, भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक(तकनीकी), टीएचडीसीआईएल, एल.पी.जोशी, कार्यपालक निदेशक(टिहरी कॉम्प्लेक्स), प्रशांत कुशवाह, अध्यक्ष, भारतीय कयाकिंग और कैनोइंग एसोसिएशन, श्री एस.बी. शर्मा, आईजी आईटीबीपी, डॉ. डी.के.सिंह, सेक्रेटरी जनरल, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, सहित अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि हम उल्लेखनीय राष्ट्रीय स्तर के खेल का आयोजन करने के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की बहुत अधिक सराहना करते हैं, उन्होंने यह भी कहा कि टीएचडीसी भारत का एक अग्रणी विद्युत उत्पादक है, जो राष्ट्र को विद्युत शक्ति उपलब्ध करवाने के साथ ही खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये खेल प्रयास केवल प्रतियोगिताएं नहीं हैं बल्कि अमूल्य मंच हैं जो प्रतिभागियों के बीच खेल भावना को बढ़ावा देते हैं |
अपने संबोधन के दौरान टीएचडीसीआईएल के निदेशक(तकनीकी), भूपेन्द्र गुप्ता ने पूरे भारत में समग्र सामाजिक विकास और समावेशिता के प्रति टीएचडीसी की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह समर्पण टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप-2023 जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के आयोजन तक फैला हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि यह प्रतियोगिता बहुत अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस वर्ष अक्टूबर के अंत में गोवा में आयोजित होने वाली आगामी राष्ट्रीय सीनियर श्रेणी पुरुष और महिला कयाकिंग और कैनोइंग चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के रूप में कार्य करेगी।
गुप्ता ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.के. विश्नोई, के दूरदर्शी नेतृत्व पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के सकारात्मक एवं दूरदर्शिता पूर्ण मार्गदर्शन में, टीएचडीसीआईएल सौर, पवन, ताप, पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी), और जल विद्युत सहित विभिन्न ऊर्जा क्षेत्रों में तेजी से विकास और विविधीकरण के लिए रणनीतिक रूप से तैयार है। यह रणनीतिक दृष्टिकोण राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ सतत सामाजिक विकास के लिए सर्वोपरि महत्व में टीएचडीसीआईएल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
गुप्ता ने यह भी उल्लेख किया कि 28 राज्यों और विभिन्न संस्थाओं के लगभग 450 पुरुष और महिला एथलीट राष्ट्रीय खेल-2023 के लिए अर्हता प्राप्त करने के उद्देश्य से इस प्रतियोगिता में अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम टीएचडीसीआईएल द्वारा आईटीबीपी के तकनीकी सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, साथ ही इसमे खेल और पर्यटन विभाग, उत्तराखंड,सरकार, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ भारतीय कयाकिंग और कैनोइंग एसोसिएशन और उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन का मार्गदर्शन भी प्राप्त हो रहा है।
इस आयोजन पर बात करते हुए टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक . आर. के. विश्नोई बताया कि यह उच्च स्तरीय अकादमी कोटी कालोनी, टिहरी गढ़वाल में लगभग चार करोड़ रूपये की लागत से स्थापित की जा रही है। इसमें उत्तराखंड में 13 से 17 वर्ष की आयु के प्रतिभाशाली एथलीटों को मुफ्त भोजन, वस्त्र, प्रशिक्षण, आवास, चिकित्सा सुविधाएं और स्कूल सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे वे खेल क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, इन एथलीटों के लिए कोटेश्वर बांध परिसर में 10% कोटा आरक्षित किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि अकादमी का निर्माण पूरा होने वाला है और उम्मीद है कि इन प्रस्तावों पर समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हाई-परफॉर्मेंस अकादमी चार करोड़ रुपये के अनुमानित वार्षिक खर्च के साथ क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाशाली एथलीटों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षकों और वैज्ञानिक सुविधाओं के साथ प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
विश्नोई ने यह भी बताया कि एक अंतर्राष्ट्रीय खेल एक्सचेंज कार्यक्रम लागू किया जाएगा, जिससे हमारे खिलाड़ियों और विदेशी खिलाड़ियों को आपसी प्रशिक्षण और तकनीकी विशेषज्ञता से लाभ मिल सकेगा। यह पहल न केवल हमारे राज्य और राष्ट्रीय एथलीटों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर और पर्यटन लाभ भी प्रदान करेगी। अकादमी शुरू में 15 पुरुष और 15 महिला प्रशिक्षुओं को उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रवेश देगी, साथ ही अकादमी की खेल विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रशिक्षण के लिए आगे की सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। ये प्रशिक्षण केंद्र विश्व स्तरीय खेल उपकरण, वैज्ञानिक प्रौद्योगिकियों, प्रशिक्षकों और आरामदायक रहने की व्यवस्था से सुसज्जित होंगे ताकि भारत के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों को विश्व मंच पर चमकने और भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए तैयार किया जा सके।
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई ने कहा कि इसका उद्देश्य क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करना, खेल और आर्थिक परिदृश्य दोनों को मजबूत करना। उन्होंने यह भी कहा कि ये पहल न केवल राज्य के एथलीटों को ऊपर उठाने का वादा करती हैं, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने, क्षेत्र में खेल और पर्यटन दोनों को बढ़ावा देने का भी वादा करती हैं।
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप-2023 की परिकल्पना और क्रियान्वयन श्री आर.के.विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी के दूरदर्शी दृष्टिकोण का परिणाम है। यह आयोजन खेल को सामाजिक प्रगति के साथ जोड़ने की टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता
डा. ए. एन, त्रिपाठी, अपर महाप्रबन्धक (कॉरपोरेट संचार) द्वारा जारी
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वन मंत्री सुबोध उनियाल जी से टिहरी बांध के कॉर्पोरेट उत्तरदायित्व मद (सी एस आर ) को बांध प्रभावित क्षेत्र में खर्च करने की माँग
जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री सुबोध उनियाल जी से टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा टिहरी बांध के जलाशय में कोटी कॉलोनी में आयोजित ओपन नेशनल अनाेईंग स्प्रिंट सीनियर पुरुष और महिला के साथ चैंपियनशिप और क्वालीफायर प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर मुलाकात कर उनसे टीएचडीसी द्वारा खर्च किए जा रहे सामाजिक दायित्व मद के पैसे को टिहरी बांध प्रभावित क्षेत्र में खर्च करने की मांग की उन्होंने कहा कि टीएचडीसी द्वारा उक्त पैसे को अन्य जगहों पर विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से पैसे को ठिकाने लगाए जा रहा है।
साथ ही मांग की की विगत एक माह से प्रताप नगर विकासखंड के पट्टी भदुरा में आदमखोर बाघ द्वारा एक तीन वर्षीय बच्चे को अपनाने वाला बनाते हुए क्षेत्र में डर और भय का माहौल बना हुआ है।
उक्त बाघ को शीघ्र शूट एट साइट करने की मांग की।
इसके साथ-साथ विगत कई सालों से लंबित खंबाखल सिलोड़ा ,ओर चाका सिलोड़ा ,सदड गाँव रेका मोटर मार्ग जो की वन विभाग की लापरवाही के कारण एनओसी नहीं मिल पाई को भी अतिशीघ्र NOC दिलाने के साथ-साथ वन विभाग के प्रकरणों में शीतलता बरतनी की मांग की।
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग 🌞*
🌞 ज्योतिषाचार्य पंडित वीरेन्द्र प्रसाद पैन्यूली🌞
*⛅दिनांक – 15 सितम्बर 2023*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शरद*
*⛅मास – भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र में श्रावण)*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – अमावस्या सुबह 07:09 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी पूर्णरात्रि तक*
*⛅योग – शुभ 16 सितम्बर प्रातः 03:42 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*⛅राहु काल – सुबह 11:03 से 12:35 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:26*
*⛅सूर्यास्त – 06:44*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:52 से 05:39 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:12 से 12:58 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – अमावस्या*
*⛅विशेष – अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38/34)*
*🔹अमावस्या🔹*
*🔸15 सितम्बर सुबह 07:09 तक अमावस्या ।*
*🔸उदयातिथि के अनुसार 15 सितम्बर को भी अमावस्या के सावधानी नियम मान्य है ।*
*🔹अमावस्या विशेष🔹*
*🌹1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*
*🌹2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*
*🔹स्वास्थ्य व पर्यावरण सुरक्षा का अमोघ उपाय – गाय का घी*
*🔹देशी गाय का घी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास एवं रोग-निवारण के साथ पर्यावरण-शुद्धि का एक महत्त्वपूर्ण साधन है ।*
*🔸इसके सेवन से –*
*👉 १) बल, वीर्य व आयुष्य बढ़ता है, पित्त शांत होता है ।*
*👉 २) स्त्री एवं पुरुष संबंधी अनेक समस्याएँ भी दूर हो जाती है ।*
*👉 ३) अम्लपित्त (एसिडिटी) व कब्जियत मिटती है ।*
*👉 ४) एक गिलास दूध में एक चम्मच गोघृत और मिश्री मिलाकर पीने से शारीरिक, मानसिक व दिमागी कमजोरी दूर होती है ।*
*👉 ५) युवावस्था दीर्घकाल तक रहती है । काली गाय के घी से वृद्ध व्यक्ति भी युवा समान हो जाता है ।*
*👉 ६) गर्भवती माँ घी – सेवन करे तो गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है ।*
*👉 ७) गाय के घी का सेवन ह्रदय को मजबूत बनता है । यह कोलेस्ट्रोल को नहीं बढ़ाता । दही को मथनी से मथकर बनाये गये मक्खन से बना घी ह्रदयरोगों में भी लाभदायी है ।*
*👉 ८) देशी गाय के घी में कैंसर से लड़ने व उसकी रोकथाम की आश्चर्यजनक क्षमता है ।*
*🔹ध्यान दें : घी के अति सेवन से अजीर्ण होता है । प्रतिदिन १० से १५ ग्राम घी पर्याप्त है ।*
*🔹नाक में घी डालने से –*
*👉 १) मानसिक शांति व मस्तिष्क को शांति मिलती है ।*
*👉 २) स्मरणशक्ति व नेत्रज्योति बढ़ती है ।*
*👉 ३) आधासीसी (माइग्रेन) में राहत मिलती है ।*
*👉 ४) नाक की खुश्की मिटती है ।*
*👉 ५) बाल झड़ना व सफ़ेद होना बंद होकर नये बाल आने लगते हैं ।*
*👉 ६) शाम को दोनों नथुनों में २ – २ बूंद गाय का घी डालने तथा रात को नाभि व पैर के तलुओं में गोघृत लगाकर सोने से गहरी नींद आती है ।*
*🔹मात्रा : ४ से ८ बूंद*
*🔹गोघृत से करें वातावरण शुद्ध व पवित्र🔹*
*👉 १) अग्नि में गाय के घी की आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है, वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदुषण और आण्विक विकिरणों से मुक्त हो जाता है । मात्र १ चम्मच गोघृत की आहुति देने से एक टन प्राणवायु (ऑक्सीजन) बनती है, जो अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं है ।*
*👉 २) गोघृत और चावल की आहुति देने से कई महत्त्वपूर्ण गैसे जैसे –इथिलिन ऑक्साइड, प्रोपिलिन ऑक्साइड, फॉर्मलडीहाइड आदि उत्पन्न होती है । इथिलिन ऑक्साइड गैस आजकल सबसे अधिक प्रयुक्त होनेवाली जीवाणुरोधक गैस है, जो शल्य – चित्किसा (ऑपरेशन) से लेकर जीवनरक्षक औषधियाँ बनाने तक में उपयोगी है ।*
*👉 ३) मनुष्य-शरीर में पहुँचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता गोघृत में है ।*