हरिद्वार। मोक्ष के लिए 4,896 लावारिस आत्माओं को मोक्ष मिल गया।इनसभी लावारिस आत्माओं के वारिस बनकर श्री देवोत्थान सेवा समिति के सदस्यों ने यात्रा संयोजक विजय शर्मा के नेतृत्व कनखल के सतीघाट पर मां गंगा में विसर्जित कर मोक्ष दिलाया। श्री देवोत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल नरेन्द्र के तत्वाधान में आयोजित 19वीं अस्थि कलश विसर्जन यात्रा में 4,896 लावारिस आत्माओं की अस्थियों को 100 किलो दूध की धारा के साथ वैदिक रीति और मंत्रोचारण के साथ सम्मानपूर्वक मां गंगा में विसर्जित किया गया। हालांकि करोना संक्रमण के चलते अनिल नरेन्द्र हरिद्वार नहीं आ सके। यात्रा संयोजक विजय शर्मा के अगुवाई में अस्थि विसर्जन का कार्य संपन्न हुआ। हरिद्वार से पूण्यदायी अभियान सेवा समिति और श्री देवोत्थान सेवा समिति, उत्तराखंड की ओर से विशेष सहयोग किया गया।
श्री देवोत्थान सेवा समिति के महामंत्री व यात्रा संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि श्री देवोत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल नरेन्द्र की प्रेरणा से पंकज आंगरा के नेतृत्व में युवा टीम के नमन शर्मा, रिदम कुमार, गोविंद तेवतिया,उत्कर्ष कुमार,दिशांत, नकुल यादव, दिव्यांशु , कप्तान सिंह,हर्ष कौशिक,नीरज, कृष्णा, संजय वालिया,शारदा प्रसाद , अरुण सिंह,दिनेश भारद्वाज,गोपाल वर्मा,शारदा प्रसाद, आशीष कश्यप, राजकुमार, किरण दीप कौर द्वारा दिल्ली एनसीआर से एकत्रित 4896 अस्थियों की सफाई कर उनमें से राख हटाकर अस्थियो को चुना गया। उन्होंने कहा कि करोना संक्रमण काल में दिल्ली, एनसीआर के कई महानुभावों को छीन लिया है। जिनके परिजनों को ना तो उनके अंतिम दर्शन का लाभ मिल सका और न ही उनकी अस्थियों को मोक्ष दिला सके। ऐसी सभी लावारिस अस्थियों को मोक्ष दिलाने का संकल्प उनके परिजन बनकर समिति ने इन सभी को विसर्जन करने का बीड़ा उठाया है। सभी दिवंगत आत्माओं की अस्थियों को गंगाजल व केवड़े से साफ कर पर्यावरण के लिहाज से लाल और सफेद कपड़ों के थैलों में पैक करके सम्मान के साथ रखा गया। विजय शर्मा ने कहा कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र्र मोदी के आवाहन पर करोना वारियर्स के रुप में सभी सदस्यों ने अस्थि कलशों को सम्मानपूर्वक मां गंगा को समर्पित कर मोक्ष दिलाया। उन्होंने श्री देवोत्थान सेवा समिति, उत्तराखंड के उमेश कौशिक, राजीव तुम्बड़िया, पूण्यदायी अभियान सेवा समिति के रविन्द्र गोयल, डा. विशाल गर्ग, नरोत्तम शर्मा, निष्काम सेवा ट्रस्ट पंजी, अग्रवाल सेवा सदन, महामाई सेवा न्यास, शिवशंकर कांवड़ सेवा समिति, महामाई सेवा न्यास सिद्धदाता मानव सेवा समिति, रजि.आदि संस्था सहित अन्य सदस्यों का सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया। कनखल के सतीघाट पर पं जितेन्द्र