राष्ट्र की आन बान शान है तिरंगा डॉ पण्ड्या
हरिद्वार, ukpkg.com,शांतिकुंज ने निकाली जनजागरण तिरंगा व पर्यावरण संरक्षण रैली
राष्ट्रीय भावना के साथ भविष्य की ओर सचेत किया
आज पूरा भारतवर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। प्रत्येक भारतीय के मन में उमड़ रहा यह उत्साह देश के कोने कोने में तिरंगा रैली एवं विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रूप में देखने को मिल रहा है साथ ही देश प्रेम को प्रदर्शित करती जनजागरूकता अभियान के साथ एक दूसरे के साथ खुशियाँ बाँट रहे हंै। शांतिकुंज परिवार ने भी आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में भाग लेते हुए तिरंगा बाइक रैली के साथ पर्यावरण जनजागरण रैली निकाली। रैली को शांतिकुंज के व्यवस्थापक श्री महेन्द्र शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में शामिल सात वाहनों में राष्ट्र प्रेम को जीवंत करने वाला तथा पर्यावरण संरक्षण को लेकर भव्य एवं जीवन्त झाँकियाँ सजाईं गयीं थीं, जो दर्शकों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं। इस दौरान रैली में शामिल साधक आजादी का अमृत महोत्सव एवं पर्यावरण संरक्षण की महत्ता दर्शाते हुए पोस्टर्स, बैनर्स आदि से लोगों को जागरुक कर रहे थे।
इस अवसर पर अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि तिरंगा भारत वर्ष की आन बान शान का प्रतीक है। गायत्री परिवार के संस्थापक एवं महान स्वतंत्रता संंग्राम सेनानी पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने आजादी के दिनों में अंग्रेजों के सामने तिरंगे का अपमान सहन नहीं किया। तभी से वे आजादी के मतवाले श्रीराम मत्त के रूप में जाने जाने लगे। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने तिरंगा की शान के लिए तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए बढ़-चढ़कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
रैली शांतिकुंज के गेट नं. तीन से निकली और भूपतवाला, हरकी पौड़ी, रेलवे स्टेशन होते हुए रानीपुर मोड़ पहुंची और उसके पश्चात देवसंस्कृति विश्वविद्यालय और हरिपुर कलाँ होते हुए वापस गायत्री तीर्थ लौट आयी। देश भक्ति गीत एवं नारों से शहर गुंजायमान हो उठा। स्थान-स्थान पर पुष्पा वर्षा कर रैली का स्वागत किया गया। स्काउट गाइड एवं गायत्री विद्यापीठ परिवार ने लोगों की पानी पिलाया। शांतिकुंज पहुंचने पर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। वहीं देसंविवि के कुलपति श्री शरद पारधी सहित कई वरिष्ठ कार्यकर्त्ताओं ने देसंविवि, शांतिकुंज एवं ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान में देववृक्ष का रोपण किया। रैली में शांतिकुंज, देवसंस्कृति विवि, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के कार्यकर्ता भाई-बहिन, साधना शिविरों एवं विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों में आये साधकों ने कंधों पर देववृक्षों के कांवड़ एवं हाथों में प्रेरक सद्वाक्य के बैनर-पोस्टर एवं पत्रक लिए भाग लिया।
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शांतिकुंज परिवार ने रक्षाबंधन पर्व उत्साह पूर्वक मनाया
देश को अक्षुण्य बनाये रखने हेतु गायत्री साधक हुए संकल्पित
हरिद्वार ukpkg.com,
आजादी का अमृत महोत्सव के पूर्व आया यह रक्षाबंधन पर्व भाई-बहिन के स्नेह के साथ ही राष्ट्रीय भावना से ओत प्रोत होने का संदेश लेकर आया है। वहीं देश भर के गायत्री साधक भारत को अक्षुण्य बनाये रखने हेतु संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी से रक्षा सूत्र बाँध कर संकल्पित हुए। साथ ही शांतिकुंज के साधकों ने रक्षाबंधन के पावन पर्व के अवसर पर अनेक स्थानों पर पौधारोपण किया। गायत्री तीर्थ परिसर प्रातःकाल से ही श्रद्धेया शैलदीदी एवं युगगायकों द्वारा गाई गयी रक्षाबंधन एवं राष्ट्र भक्ति की गीतों से गुंज रहा था।
पूज्य आचार्यश्री की सुपुत्री एवं शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी ने देश-विदेश से आये एवं आश्रमवासी भाइयों के कलाई में बाँधी तथा बहिनों ने गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या को राखी बाँधीं। उन्होंने सभी को पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
अपने संदेश में शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी ने कहा कि रक्षासूत्र मात्र कच्चा सूत्र होता है, लेकिन इसमें जब श्रद्धा-भावना की शक्ति का समावेश हो जाता है, तो यह सामान्य धागा नहीं रहता। वह इतना मजबूत हो जाता है, जिसे तोड़ना नामुमकिन हो जाता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि क्रोध के सागर को प्रेम के आँसुओं में बदलने की हैसियत कच्चे धागे की रही है। राखी ने अनगिनत शत्रुओं को मित्र बनाकर परस्पर सुख-दुःख झेलने को विवश किया। हमारे सैनिकों की सुरक्षा में जुटे होने के कारण ही हम सुरक्षित हैं। हम सबको भी उन सैनिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थनाएँ करनी चाहिए।
इससे पूर्व शांतिकुंज में सामूहिक हेमाद्रि संकल्प सम्पन्न हुआ। दसस्नान द्वारा अन्तःकरण पर जमे कषाय-कल्मषों को धोने तथा यज्ञोपवीत परिवर्तन से उसके नवगुणों को पुनः-पुनः धारण करने के लिए संकल्पित हुए। तो वहीं श्रावण के अंतिम दिन भी अनेक साधकों ने रुद्राभिषेक सम्पन्न किया। वैदिक कर्मकाण्ड संस्कार विभाग के उच्च प्रशिक्षित आचार्यों ने सम्पन्न कराया। शंातिकुंज की ब्रह्मवादिनी बहिनों ने २७ कुण्डीय यज्ञशाला में गायत्री महायज्ञ में विश्व कल्याण के लिए विशेष वैदिक मंत्रों के साथ यज्ञ सम्पन्न कराया। सायंकाल भव्य दीपमहायज्ञ भी सम्पन्न हुआ।
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देसंविवि में विशेष व्यायानमाला का आयोजन
बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रमंडल देशों की महासचिव सुश्री पेट्रीसिया ने युवाओं का किया मार्गदर्शन
हरिद्वार ।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार अपने अनूठे पाठ्यक्रमों एवं रचनात्मक कार्यक्रमों के लिए देश-विदेश में विख्यात हैं। यहाँ चलने वाले गीता-ध्यान की कक्षा हो, योग हो या पाठ्यक्रम के अलावा युवाओं हेतु चलने वाले व्यक्तित्व विकास की कक्षा। इन सभी में विद्यार्थियों के अलावा आचार्यगण भी भागीदारी करते हैं।
शांतिकुंज स्वर्ण जयंती व्याख्यानमाला की इस कड़ी में राष्ट्रमण्डल राष्ट्रों की महासचिव सुश्री बोरेनेश पेट्रीसिया स्काटलैण्ड के मुख्य आतिथ्य में देसंविवि के मुख्य सभागार में विशेष व्याख्यानमाला का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर इग्लैण्ड की प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ सुश्री पेट्रीसिया ने कहा कि आप सभी अभी युवा हंै और देसंविवि ने ज्ञान बढ़ाने का जो आपको अवसर दिया है, इसे गंवायें नहीं। क्योंकि कैरियर को संवारने का यही सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि विश्व को ज्ञान, आध्यात्मिकता और आशा के सू़त्रों को मानवता एवं एकता के धागे में पिरोकर ही कार्य करने होंगे। उन्होंने कहा कि विश्व को मानवता को बचाये रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण और भूखमरी के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण एवं मानवता के लिए जो कार्य हो रहे हैं, वह पूरे राष्ट्र मण्डल देशों के साथ सम्पूर्ण विश्व के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
इससे पूर्व देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए विवि की रचनात्मक गतिविधियों एवं महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी युगऋषि पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा स्थापित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की परिकल्पनाओं एवं योजनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कुलपति श्री शरद पारधी ने सभी का आभार प्रकट किया।
इसके पश्चात कुलपति एवं प्रतिकुलपति ने मुख्य अतिथि ब्रिट्रिश राजनीयिक सुश्री पेट्रीसिया को गायत्री मंत्र लिखित चादर, गंगाजली, युगसाहित्य, स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि सुश्री पेट्रीसिया ने देसंविवि में स्थापित एशिया के एकमात्र बाल्टिक सेंटर का अवलोकन किया। सेंटर द्वारा भारतीय संस्कृति के विस्तार में चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान स्वरोजगार की प्रेरित करने वाले स्वावलंबन कार्यशाला एवं गौशाला का भी निरीक्षण किया। महासचिव सुश्री पेट्रीसिया ने प्रज्ञेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर विश्वशांति की कामना की और मंदिर परिसर में पौधे रोपे। इस दौरान समस्त विभागाध्यक्ष सहित देसंविवि व शांतिकुंज परिवार के अनेक कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।
पश्चात सुश्री पेट्रीसिया गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंची जहाँ उन्होंने युगऋषिद्वय की पावन समाधि में पुष्पांजलि अर्पित कर सम्पूर्ण मानवता के विकास हेतु प्रार्थना की। शांतिकुंज के विभिन्न विभागों का अवलोकन किया।