दिल्ली/देहरादून,जनता के संघर्ष और नेताओ की विफलता का प्रतीक है डोबरा चांठी पुल । डोबरा चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति द्वारा प्रेस क्लब रायसीना रोड नई दिल्ली मे जन आभार सभा का आयोजन किया । सभा मे टिहरी गढ़वाल सांसद श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह मुख्य अथिति के रूप मे सम्मलित हुई। डोबरा चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति द्वारा उनका आभार व्यक्त किया गया । गौरतलब है कि माननीय सांसद द्वारा पुल के मुद्दे को बार बार संसद मे उठाया गया था। कार्यक्रम के दौरान अपने विचार रखते हुये डोबरा चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली ने कहा कि डोबरा चांठी पुल जनता के संघर्ष का प्रतीक है । साथ ही पुल निर्माण मे हुई देरी ने सरकारो और नेताओ के काम करने के तरीको की पोल खोलकर रख दी है। आज 15 सालो बाद जब यह पुल बनकर तैयार हो गया है तो प्रतापनगर की जनता ने बहुत राहत की सांस ली है । उन्होने कहा कि लडाई अभी खत्म नही हुई है टिहरी बांध बनने के कारण प्रतापनगर क्षेत्र अत्यंत पिछड़ेपन का शिकार हो गया है । इस संघर्ष को आगे बढ़ाते हुये प्रतापनगर के समेकित विकास हेतू जनता के सहयोग से वह हमेशा संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जो पुल 90 करोड मे बनकर तैयार होना था उसे बनाने मे 300 करोड रूपये खर्च हो गये है । उन्होने कहा कि वहसरकार से मांग करते है कि प्रतापनगर क्षेत्र के लोगो को बिजली और पानी के बिलो मे खास रियायत दी जाय साथ ही तुरंत एक विशेष पैकैज की घोषणा प्रतापनगर के विकास के लिये किया जाना चाहिए ।
राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली ने कहा कि यह हो सकता है कि सरकार इस पुल पर टोल टैक्स लगाये यदि ऐसा होता है तो ऐसा नही होने देंगे। टिहरी बांध बनने से प्रतापनगर की जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा है जिसे कम करने के लिये सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए न कि टोल टैक्स लगाना चाहिए।
कार्यक्रम मे संबोधन करते हुये सांसद महोदया ने कहा कि सर्वप्रथम डोबरा चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति ने ही इस मामले को उनके संज्ञान मे लाया था जिसके बाद वह इसके निर्माण को लेकर मुखर रही।
प्रतापनगर के बुद्धजीवियों को यह समझ कब आएगी कि नैनीताल झील से वहां का विकास कितना हो रहा है उससे हजार गुना विकास डुंडा प्रतापनगर, जाखणी धार , भिलंगना,चंबा, छाम ब्लाक का सुमन सागर झील से होगा । प्रतापनगर के विकास के लिए यस पी सिंह प्रबन्ध निदेशक टिहरी बांध परियोजना से हमारी वार्ता 1992,1993,1994,1995 तक बराबर होती रही। टिहरी झील पर्यटन विकास के लिए टाटा कंसल्टेंसी को दो करोड़ रुपये उत्तराखंड की नारायण दत्त तिवारी सरकार ने दिये गए। उस पर काम नहीं हो रहा है। उसमें आंदोलन कारियों से व्यबसाइक प्लाट स्थानीय लोगों को देने हेतु समझौता किया गया है। हरिश रावत सरकार में साऊथ में घूमने के लिए नेताओं को भेजा गया। उन्होंने भी अपने ज्ञानार्जन को दिखा दिया है। करोड़ रुपए की वोट जंक खारहि हैं। जनता का दर्द समझने की आवश्यकता है। अभी टिहरी बांध की उम्र 97 साल खींचे गी 69 प्राथमिक विद्यालय बन्द होगये डाक्टर कहीं नहीं है। x -रे मशीन नहीं है ,प्रधानाचार्य कहीं स्कूल में नहीं है। उत्तराखंड में प्रतापनगर को जिला बनाया जाना चाहिए तभी वहाँ पलायन रुकेगा।