देहरादून , भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 01 सितम्बर से 15 अक्टूबर 2019 तक निर्वाचक सत्यापन चलाया जा रहा है, जिसमें 100 प्रतिशत् वोटर्स का सत्यापन किये जाने का लक्ष्य है। वोटर सत्यापन की कार्यक्रम का समीक्षा करने पर पाया गया कि सम्पूर्ण राज्य में अभी तक 3.56 प्रतिशत् मतदाताओं का ही सत्यापन हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य में अभी भी 96.44 प्रतिशत् मतदाताओं का सत्यापन किया जाना शेष है। जिलाधिकारी सी रविशंकर शासन द्वारा नियत समयावधि के अन्तर्गत इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य के हाईस्कूल तथा इन्टरमीडिएट की कक्षाओं में पढने वाले छात्र/छात्राओं को इस कार्यक्रम जोड़ कर कार्यक्रम में गति लाने हेतु जनपद स्तर पर कार्ययोजना तैयार की गयी है। छात्र/छात्राओं को बीएलओ एवं सुपरवाईजर के माध्यम से डेमो दिया जायेगा, तथा छात्र/छात्राओं को यह बताया जायेगा कि वह अपने परिवार में सभी का सत्यापन कर फैमली टैगिंग करेंगें, इसके अतिरिक्त अपने आसपड़ोस में रहने वाले परिवारों का भी सत्यापन व फैमिली टैंगिंग करेंगे। इस प्रकार सर्वाधिक मतदाताओं व परिवारों का सत्यापन करने वाले छात्र/छात्रा को चिन्हित कर तीन चरणों में पुरस्कृत किया जायेगा। प्रथम पुरस्कार विकासखण्ड स्तर पर 1500, जनपद स्तर पर 3000, राज्य स्तर पर 5000, द्वितीय पुरस्कार विकासखण्ड स्तर पर 1000, जनपद स्तर पर 2000, राज्य स्तर पर 3000, तृतीय पुरस्कार विकासखण्ड स्तर पर 500, जनपद स्तर पर 1000, राज्य स्तर पर 2000 रू0 की धनराशि से पुरस्कृत किया जायेगा तथा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को सर्वाधिक वेरिफिकेशन करने वाले छात्र/छात्राओं सूची प्रेषित करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि शत्प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जनपद में सम्मिलित प्रत्येक बीएलओ को न्यूनतम (250 मतदाता) का सत्यापन किये जाने पर नकद पुरस्कार के रूप में रू0 1000 मात्र की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से निर्गत किया जायेगा।
जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए समस्त निर्वाचक/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (नगर मजिस्ट्रेट,समस्त उप जिलाधिकारी,तहसीलदार ) निर्देश दिये कि ऐसे बीएलओ तथा सुपरवाईजर, जिनके द्वारा अभी तक सत्यापन कार्य प्रारम्भ नही किया गया है, उनके विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के अन्तर्गत तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करें।