दुनियां में उनसे ज्यादा पेड़ किसी ने नहीं लगाये ——————————–
95 साल कि उम्र में वृक्षमित्र विशेश्वर दत्त सकलानी का निधन
टिहरी,
जीवित ही किंवदन्ती बन चुके 1924 में जन्में 95 वर्षाय पर्यावरण के महान सेनानी वृक्षमित्र विशेश्वर दत्त सकलानी अब नहीं रहे। पुजारगांव के प्रतिष्ठित सकलानी परिवार के कृपारामजी सकलानी के चार पुत्रों में सबसे छोटे।
कल रात टिहरी जिले के पुजारगांव सकलाना में उनका निधन हो गया। है लेकिन दुनियां में किसी एक व्यक्ति द्वारा सबसे अधिक वृक्षों का रोपण व देखभाल सम्भवतः उन्होंने ही किया। करीब एक हजार हेक्टेयर में लाखों वृक्ष। इण्टरनेट पर 50 लाख तक संख्या बताई गई है।
उनके बडे़ भाई नागेन्द्र सकलानी बड़े क्रन्तिकारी हुए। 1948 में राजशाही के खिलाफ चले आन्दोलन में गोलीकाण्ड में शहीद हो गये थे। भाई की स्मृति में वन लगाने की ऐसी धुन छोटे भाई पर सवार हुई कि आजीवन रूकी नहीं। उन्होंने एकल साधना से बांज, बुरांश, देवदार आदि का ‘‘नागेन्द्र स्मृति वन’’ खड़ा कर दिया। प्रचार प्रसार से दूर रहे। पत्नि का पहले ही निधन हो चुका था।
1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें ‘‘इन्दिरा प्रियदर्शनी वृक्ष मित्र पर्यावरण पुरूस्कार’’ से सम्मनित किया था।
इस पुरूस्कार के बाद भी वन विभाग ने उन पर वनभूमि पर घुसपैठ व खुदाई करने का मुकदमा चलाया। टिहरी सीजेएम कोर्ट में कामरेड विद्यासागर नौटियाल ने उनका बचाव किया और साबित कर दिया कि वन विभाग के कानून में पेड़ काटना अपराध है, कहीं भी पेड़ लगाना अपराध नहीं है। यह मुकदमा शायद 1990 तक चला। मैंने उन्हें टिहरी कोर्ट में सागर जी के साथ कई बार देखा था। इस केस की तब टिहरी कोर्ट में बड़ी चर्चा होती थी।