टिहरी – (लंबगांव)- टिहरी जिले के लंबगांव क्षेत्र में ही एक बाद एक तीन घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है। गुरुवार को लंबगांव में पिपलोगी पुल के पास ऐसी ही एक और घटना सामने आई है। दो लोगों ने गांव से आ रही एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की। बाजार बंद किया बक्ताओं ने कहा कि पुलिस सत्यापन बाजार के लोगों को साथ लेकर किया जाय । पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर चाकू बरामद किया। थाने दार शुख पाल सिंह का कहना था कि किराये दार सत्यापन में मकान मालिक न मिलने से चालान किस का किया जाय । धरने पर सी ओ टिहरी पहले आये उसके बाद यस डी एम मुक्ता मिश्रा ने सबकी बात सुनी उन्होंने कहा कि उस लड़की को धन्यवाद दिया कि उसने अपराधियों के मनोबल को तोड़ने में अपनी झिझक नही की ।
मुक्ता मिश्रा ने कहा कि अपराधियों को आप लोग अपने अगल देखते हैं तो मेरे मोबाईल नंबर पर हमें सूचना दे। जनता एवं प्रशासन मिलकर अपराध को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा
कि अपलोग उस लड़की का मनोबल बढ़ाने का प्रयास करें ताकि अन्य लड़कियों को अपने बचाव के लिये शिक्षा मिलती रहे यस डी एम के सूझ बूझ से धरना स्थगित कर जनता को राहत मिली
दूर दराज जाने वाले लोगों को अपने गंतव्य तक जाने लिए बसों के अन्दर भूखे प्यासे बैठे रह कर जाने का मौका मिला
लड़की के शोर मचाने पर आसपास के स्थानीय लोगों ने दोनों आरोपियों की जमकर धुनाई कर दी। बताया जा रहा है कि गांव से आ रही लड़की के साथ पिपिलोगी पुल के पास दो बाहरी लोगों ने छेड़छाड़ कर दी। उसके विरोध करने पर उसे धमकाने लगे। इस पर लड़की ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर आसपास के लोग बड़ी संख्या में जमा हो गए। लोगों ने पहले आरोपियों की जमकर धुनाई की। उसके बाद पुलिस को सौंप दिया।
इसके बाद लोगों ने थाने में ही धरना शुरू कर दिया। लोगों का आरोप है कि आए दिन इरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। पुलिस को पहले भी इस तरह की घटनाओं पर रोक लागने के लिए कहा गया था। बावजूद घटनाएं रुकने के बजाय बढ़ती जा रही हैं। इससे गावों में भय का माहौल बना हुआ है। लड़कियां और महिलाएं घरों से अकेले बाहर निकलने में डर रही हैं। टिहरी के लंबगांव के अलावा उत्तरकाशी के नौगांव, पुरोला, मोरी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, हरिद्वार समेत कुमाऊं में भी लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस तरह की घटनाओं को पुलिस गंभीरता से नहीं ले रही है। ये ऐसे गंभीर विषय हैं कि इन पर सीधे सरकार को संज्ञान लेना चाहिए, लेकिन कोई कुछ कर ही नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि ये पहाड़ को अशांत करने की साजिश है और इसका खुलासा करना बेहद जरूरी है।