भोपाल। पूर्व क्रिकेटर एस श्रीसंत के ससुर हितेन्द्र सिंह शेखावत ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर उनके दामाद के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड द्वारा श्रीसंत पर लगाये गये आजीवन प्रतिबंध को हटवाने के लिये वह शीर्ष अदालत जाएंगे। बीसीसीआई द्वारा आईपीएल 2013 के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के चलते श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया।
पूर्व क्रिकेटर श्रीसंत के ससुर और मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के संचालक शेखावत ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘मैं बीसीसीआई की दमनकारी नीति और लालफीताशाही के खिलाफ आप लोगों (मीडिया) के माध्यम से देश के 125 करोड़ क्रिकेट प्रेमियों को जानकारी देने के लिये आया हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दो अदालतों ने श्रीसंत को आरोपों (मैच फिक्सिंग के आरोप) से बरी कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद बीसीसीआई उसे खेलने की इजाजत नहीं दे रहा है और दादागिरी कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि हम मीडिया के जरिये लोगों को सच्चाई बतायेगें और न्याय के लिये शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बीसीसीआई द्वारा जीरो टॉलरेंस (मैंच फिक्सिंग) पर दोहरी नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जब यह मामला चला, तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष ने उस वक्त अपना पद छोड़ा जब मामले में उच्चतम न्यायालय ने दखल दिया।’’
शेखावत ने कहा कि बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष (एन श्रीनिवासन) के दामाद गुरुनाथ मयप्पन के विरुद्ध आरोप लगे और साबित होने के दो साल बाद तक बोर्ड उन्हें बचाता रहा और जब उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ फैसला दिया तो उनकी टीम को केवल दो साल के लिये प्रतिबंधित किया गया। वहीं दूसरी ओर जिसे (श्रीसंत) दो अदालतें बरी कर चुकी हों उस पर बोर्ड आजीवन प्रतिबंध लगाता है। उन्होंने बताया कि स्कॉटलैंड सहित तीन देश श्रीसंत को अपने यहां खिलाना चाहते हैं, लेकिन बीसीसीआई इसमें अड़ंगा लगा रहा है।