अब अखरोट उत्पादन में जम्मू-कश्मीर को मात देगा उत्तराखंड

Pahado Ki Goonj

देहरादून : कोशिशें रंग लाईं तो उत्तराखंड भी अखरोट उत्पादन के मामले में जम्मू-कश्मीर को मात देगा। इस सिलसिले में इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चर रिसर्च की श्रीनगर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ टेंपरेट हार्टिकल्चर (सीआइटीएस) शाखा उत्तराखंड को छह साल में अखरोट की उन्नत प्रजातियों के एक लाख पौधे उपलब्ध कराएगा। इसके लिए उत्तराखंड में जापान को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) के सहयोग से चल रही वन संसाधन प्रबंधन परियोजना और सीआइटीएस के मध्य तीन करोड़ का करार हुआ है। यही नहीं, जायका की ओर से अखरोट के ग्राफ्टेड प्लांट तैयार करने को इस साल 1500 मातृ पौधे नर्सरी में लगाए गए हैं।

देशभर में अखरोट की खासी मांग है। आंकड़े बताते हैं कि अखरोट की डिमांड 70 हजार मीट्रिक टन है, जबकि उत्पादन इसका आधा ही होता है। जो उत्पादन हो रहा है, उसमें करीब 92 फीसद जम्मू-कश्मीर का योगदान है। इस लिहाज से उत्तराखंड को देखें तो यहां उत्पादन नाममात्र का है, जबकि इसके लिए परिस्थितियां मुफीद हैं।

इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने भी पर्वतीय क्षेत्र के किसानों की आय दोगुना करने के लिए अखरोट उत्पादन पर फोकस करने की ठानी है।

इसके लिए रास्ता निकाला गया जायका की वन संसाधन प्रबंधन परियोजना में, जिसमें आजीविका विकास भी एक बिंदु है। उत्तराखंड में जायका परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक (सीपीडी) अनूप मलिक के मुताबिक अखरोट की ग्राफ्टेड पौध की उपलब्धता के लिए सीआइटीएस से एमओयू साइन हो चुका है।

सीपीडी मलिक बताते हैं कि करार के मुताबिक जायका के तहत तीन करोड़ की राशि सीआइटीएस के संसाधन जुटाने पर खर्च की जाएगी। इसके एवज में सीआइटीएस छह साल में उत्तराखंड को एक लाख पौधे उपलब्ध कराएगा। अखरोट की 15 वैरायटियों के ये पौधे चार से छह हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित गांवों के किसानों को वहां की वन पंचायतों के जरिये मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अखरोट की यह किस्में तीसरे साल से ही फल देना शुरू कर देती हैं और छठवें साल से एक पेड़ से 25 किलो से अधिक उत्पादन मिलने लगता है।

Next Post

घास काट रहे ग्रामीण को हाथी ने पटक कर किया घायल

हरिद्वार : रानीपुर क्षेत्र के फाउंड्री गेट के निकट घास काट रहे ग्रामीण को हाथी अपनी सूंड में लपेट कर पटक दिया। हमले में ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया। सुबह कुछ लोग फाउंड्री गेट के पास घास काट रहे थे। उसी समय जंगली हाथी वहां आ धमका। इसके […]

You May Like