नक्सलियों के हमले का तरीका बिल्कुल पुराना था। उन्होंने कहा इस बार भी उन लोगों ने ग्रामीणों को ही अपना ढाल बनाया। उन्हीं के माध्यम से रेकी करवाई और इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया। घायल जवान शेर मोहम्मद ने बताया कि नक्सलियों की तादाद करीब 300 थी। उन्होंने पहले गांववालों को हमारी लोकेशन का पता करने के लिए भेजा और फिर हमला बोला। उन्होंने बताया कि रोड ओपनिंग के लिए सीआरपीएफ के 74वीं बटालियन के कुल 90 जवान निकले थे। नक्सलियों ने दो अलग-अलग जगहों पर घात लगा रखा था। हमला इतना जोरदार था कि जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला।
तीन घंटे तक लगातार गोलीबारी जारी रही। नक्सलियों ने इस दौरान बारुदी सुरंग में भी विस्फोट किया। अचानक हुए इस हमले के कारण जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला और सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए। यह घातक हमला सोमवार अपराह्न् 12.30 बजे उस समय हुआ, जब 14वीं बटालियन चिंतागुफा के पास दोरनापाल के जंगली इलाके में पहुंची थी।