लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी ने हाल के बजट सत्र के समाप्त होने दौरान अपने समय प्रबंधन के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘मैं 15 दिन पहले ही राष्ट्रीय शिविर से जुड़ी थी और जल्द ही बजट सत्र शुरू (31 जनवरी) हो गया. इसलिये मैं सुबह सात बजे आईजी स्टेडियम में ट्रेनिंग के लिये जाती और फिर जल्द ही आकर कपड़े बदलती और सीधे संसद के लिये रवाना हो जाती क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि मैं संसद से अनुपस्थित रहूं. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत मुश्किल था, क्योंकि कड़ी ट्रेनिंग के बाद आप बुरी तरह थक जाते हो. लेकिन ज्यादातर समय संसद की कार्यवाही इतनी जीवंत रहती थी कि इसमें नींद आने का जोखिम नहीं रहता था. काश दिन में 48 घंटे होते. ’’
फिलीपींस के मुक्केबाज मैनी पैक्वियाओ एक सीनेटर भी हैं और सक्रिय मुक्केबाज भी हैं. जब मैरीकाम से उनसे तुलना के बारे में पूछा गया तो वह हंसने लगी. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं महिला होने के नाते काफी कुछ कर रही हूं. ट्रेनिंग, संसद और फिर घर का काम और निश्चित रूप से अपने बच्चों की देखभाल करना. ’’