महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन एनसीपीसीआर ने स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड दिए जाने को समाप्त करने के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, “शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 17 के तहत स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड देने पर प्रतिबंध है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से आग्रह किया कि दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार के साथ ही निजी स्कूलों को उचित निर्देश दिए जाएं.”
दिशा-निर्देश में बच्चों को शारीरिक दंड या प्रताड़ना के मामले में शीघ्र कार्रवाई के लिए एक विशेष निगरानी निकाय स्थापित करने की बात कही गई है.
इसमें शारीरिक दंड निगरानी प्रकोष्ठ (सीपीएमसी) के गठन का भी सुझाव दिया गया है, जो शारीरिक दंड की घटना की 48 घंटे के अंदर सुनवाई करेगा.