रुद्रप्रयाग । भरदार क्षेत्र के 53 गांवों को पेयजल संकट से निजात मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। स्वीकृति के एक दशक बाद भी रौठिया-जवाड़ी पेयजल योजना का निर्माण कार्य अधूरा है। जबकि 12.94 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। कार्यदायी संस्था ने अब 13 करोड़ के रिवाइज फंड का प्रस्ताव शासन को भेजा है। दूसरी ओर, क्षेत्र के ग्रामीण पानी के लिए मोहताज हैं। 55 किमी लंबी इस पेयजल योजना को शासन से वर्ष 2006 में स्वीकृति मिली थी, मगर तब वन भूमि का पेच फंसने से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। लगभग 13 करोड़ की लागत वाली योजना पर जैसे-तैसे निगम ने वर्ष 2010 में निर्माण कार्य शुरू किया। योजना को लस्तर नहर के हेड से जोडऩे की विभागीय कवायद पर क्षेत्रीय जनता ने विरोध शुरू कर दिया था। विरोध की मुख्य वजह निगम द्वारा क्षेत्रीय जनता को बिना विश्वास में लिए कार्य शुरू करना था। विगत पांच वर्षों से योजना विवादों के चलते आगे नहीं बढ़ सकी। निगम ने मेन लाइन बिछाने का कार्य तो लगभग पूरा कर लिया, लेकिन टैंक एवं गांवों के लिए पेयजल लाइनें बिछाना शेष है। इसके लिए पेयजल निगम ने शासन से 13 करोड़ के रिवाइज फंड की मांग की है। शासन से कब तक स्वीकृति मिलेगी, इसका कुछ पता नहीं है।