प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।
सुख शांति एवं समृद्धि की मंगलमय कामनाओं के लिए
शरदीय नवरात्रि की हार्दिक मंगल कामनाएँ।
मां अम्बे आप सभी को सुख समृद्धि वैभव प्रदान करे।
जय माता दी।