इस प्रावधान में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि जीएसटी व्यवस्था में कर में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक भी पहुंचना चाहिये. वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व वाली इस परिषद की बैठक में ‘कृषि’ और ‘कृषक’ की परिभाषा को भी अंतिम रूप दिये जाने की संभावना है.
इस बैठक में विवादों के निपटारे के लिये एक ‘राष्ट्रीय वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण’ के गठन पर भी निर्णय लिया जायेगा. अधिकारियों ने कहा कि कानून मंत्रालय ने जीएसटी कानून का आदर्श मसौदा पढ़ कर लौटा दिया है. इस मसौदे में बताया गया है कि नया राष्ट्रीय बिक्री कर कानून किस प्रकार से वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जायेगा.
कानून मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कानूनी भाषा और मसौदे पर पहले जीएसटी परिषद की उप समिति में चर्चा होगी. उप-समिति में केन्द्र और राज्यों के अधिकारी शामिल हैं. उप-समिति इस पर शुक्र वार को चर्चा करेगी.
जीएसटी परिषद की 10वीं बैठक 18 फरवरी को उदयपुर में होने जा रही है. अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यदि जीएसटी के संशोधित मसौदे को शनिवार की बैठक में मंजूरी मिल जाती है तो फिर सरकार संबंधित विधेयक को चालू बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में पेश करने का प्रयास करेगी.
सरकार जीएसटी को एक जुलाई से अमल में लाना चाहती है लेकिन इसके लिये उसे दो विधेयक संसद में पारित करने होंगे. एक विधेयक केन्द्रीय जीएसटी होगा और दूसरा अंतरराज्यीय कारोबार के लिये एकीकृत जीएसटी पारित कराना होगा. सभी राज्यों की विधानसभाओं में भी राज्य जीएसटी पारित कराना होगा.