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हेट-स्पीच से मुक्ति के साथ राष्ट्रपति बजा सकती हैं मानसिक गुलामी से आजादी का बिगुल

Pahado Ki Goonj

साइंटिफिक-एनालिसिस

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हेट-स्पीच से मुक्ति के साथ राष्ट्रपति बजा सकती हैं मानसिक गुलामी से आजादी का बिगुल

इंडिया यानि भारत, भारत यानि इंडिया अंग्रेजों से आजादी के बाद 15 अगस्त, 2023 को अपना 77वा स्वतंत्रता दिवस बनायेगा | इस ऐतिहासिक दिन पर राष्ट्रपति अपने विचाराधीन फैसले पर अन्तिम निर्णय लेकर हेट-स्पीच से मुक्ति दिलाते हुए देश व देशवासीयों को मानसिक गुलामी से आजादी दिलाने का बिगुल बजा सकती हैं |

हेट-स्पीच वर्तमान में सबसे बडी समस्या उभर कर सामने आई हैं | संसद से पैदा हुई यह बिमारी अब संसद को ही अपने मकड़जाल में फांस चुकी हैं इसलिए हर सत्र में कई मिनटों की रिकोर्डिंग को डिलिट यानी हटाना या मिटाना पड रहा हैं | इसके साथ जनता के प्रतिनिधियों को सत्र से बर्खास्त पर बर्खास्त करके एक श्रेत्र विशेष की जनता को मजबूरन लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करना पड़ रहा हैं | संसद का माहौल इतना खराब हो गया हैं कि प्रधानमंत्री सहित पुरी तथाकथित सरकार या कार्यपालिका पर देशद्रोही, भारत-माता की हत्या का घिनौना व सबसे निचले स्तर का आरोप लगता हैं वो भी लाईव प्रसारण के समय और मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया में प्रसारित हो जाता हैं | इसके साथ विपक्ष पर भी लोगों की हत्याओं व लोकतंत्र खत्म करने का आरोप लगता हैं | यदि पक्ष-विपक्ष के व्यक्तियों को समाहित कर एक काँमन संसद की सहमति वाला सारांश निकाला जाये तो वह यहि निकलता हैं कि देश की व्यवस्था यानि लोकतंत्र खत्म हो गया व इसे खत्म करने वाले अपराधी लोग ही संसद में बहुताया के रूप में पहुंचकर सत्ता / प्रशासन पर काबिज हो चुके हैं |

हेट-स्पीच प्रारम्भ से ही मीडिया के माध्यम से फल-फूलकर अब विकराल रूप धारण कर चुका हैं | इसके आगे उच्चतम न्यायालय व चुनाव आयुक्त भी पस्त हो चुके हैं | मुख्य न्यायाधीश द्वारा सार्वजनिक रूप से विवशता बयान कर देने के पश्चात् भी हालात बद से बदतर होने पर इस बार सरकार को एक कमेटी बनाने के आदेश के साथ व्यक्तवय देना पडा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो, इसके लिए मैकेनिज्म बनाना जरूरी हैं | हमें लोकतंत्र को जीवित बनाये रखने के लिए हर हाल में इस समस्या का हल निकालना होगा |

भारतीय संस्कृति  सनातन धर्म की  धरोहर है 

आपके साइंटिफिक-एनालिसिस ने पहले ही बता दिया कि हेट-स्पीच को खत्म करने का एकमात्र उपाय मीडिया को उसका संवैधानिक चेहरा व जवाबदेही वाला कानूनी अधिकार देना हैं | इसके अभाव में राष्ट्रपति की संवैधानिक कुर्सी भी लंगडी हैं | यह संवैधानिक चेहरा और अधिकार क्या हैं व कैसे बनेगा और किस तरह से काम करके हेट-स्पीच को खत्म कर देगा वो हमने आपको पहले अवगत कराया व उसे उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेज दिया | इस पर नेशनल लीगल सर्विस आथिरिटी के अंडर सचिव का जवाब आया | इस सरकारी संस्था के प्रमुख भी भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं व उनके पद के नाम से ही हमने सारी डिटेल भेजी थी | इसके साथ हेट-स्पीच के सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामलों के वकीलों को भी मीडिया हाऊस के लोगों ने अपनी प्रकाशित खबर की डिटेल भेज अवगत कराया था | ओषधि गुणों से भरपूर  सूखी हुई काली हल्दी के लिए  संपर्क कीजिएगा

हेट-स्पीच का उपाय सीधे तौर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था के दुनिया में पहली बार बने ग्राफिक्स रूप से जुडा है | जिसे 2011 में ही राष्ट्रपति को भेजा था | इस पर कई विभागों, मंत्रालयों, प्रधानमंत्री कार्यालय के बाद अन्तिम फैसले के लिए अधिकृत हैं | यह सभी समय-समय पर राष्ट्रपति को रिमाइंडर के माध्यम से अवगत कराया हैं | इससे जुडी सारी डिटेलों की खबरों की प्रति हमने करीब आठ माह पूर्व राष्ट्रपति को रिमाइंडर के रुप में भेजा था, जो उनके अलग-अलग राज्यों के प्रवास वाले दिन वही प्रकाशित हुई | सूचना के अधिकार के तहत लम्बे समय तक प्रक्रिया करने के बाद पता चला की राष्ट्रपति सचिवालय ने सचिव स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा | अब उनका जवाब भी वापस राष्ट्रपति को पहुंच गया होगा क्योंकि अंतिम फैसला लेने के लिए राष्ट्रपति अधिकृत हैं |

हमारे आविष्कार की फाईल कोरोना जैसे खतरनाक वायरसों को पैदा होने से रोकने से सम्बद्धित हैं | अब ओमीक्रोन का नया वैरिएंट एरीस दुनिया भर मे दशहत फैला रहा हैं और भारत में पहुंच गया | हम वायरस आने के बाद उसे रोकने व ईलाज करने में सारी ताकत लगाते हैं जबकि हम उस वायरस को पैदा ही नहीं हो पाने की कह रहे हैं | यह नजरिया भी हेट-स्पीच को लेकर भी वैसा हैं | हेट-स्पीच के बाद पूरा तन्त्र अपराधी को सजा देने व प्रसारण होने से रोकने पर लग जाता हैं जबकि असली जरूरत हेट-स्पीच पैदा ही ना हो वो करने की हैं |

राष्ट्रपति अन्तिम फैसला लेने के लिए अधिकृत होने के बाद भी सीधा फैसला नहीं लेना चाहे तो हमने एक दूसरा संवैधानिक तरिका भी भेज रखा हैं | इसके तहत राष्ट्रपति संविधान के भाग 5 में अनुच्छेद 143 की शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उच्चतम न्यायालय से मीडिया के संवैधानिक चेहरे व जवाबदेही वाले कानूनी अधिकार पर परामर्श मांग ले | खतरनाक वायरसों को पैदा होने से रोकने का तरीका रोशनी प्रोजेक्ट की तरह राष्ट्रपति-भवन के अन्तर्गत एक सेपरेट सेल बनाने से शुरु हो जाता हैं | इसके लिए सिर्फ एक छोटा कमरा व 4-5 टेबल कुर्सी चाहिए |

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री कई बार प्रोटोकॉल तोडकर बच्चों के बीच जाकर मीलते व हाथ मिलाते हैं | इस तरह नई शुरुआत के रूप में देश की दिशा व दशा बदलने का प्रयास करते हैं | हम तो संविधान के अनुरूप ही कार्य कर दशा व दिशा बदलने की बात पुरी योजना के साथ कर रहे हैँ | हमे लगता हैं कि इस स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति अपने से ही मानसिक आजादी की शुरुआत कर सभी देशवासीयों के लिए मानसिक गुलामी से बाहर निकलने का द्वार खोलेगी ताकि भारत सच्चे अर्थों में विश्वगुरु बन सके|

शैलेन्द्र कुमार बिराणी
युवा वैज्ञानिक

 

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