देहरादून:उत्तराखण्ड इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन एम.एस.एम.ई. सेशन के अन्तर्गत वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि एम.एस.एम.ई. का क्षेत्र उत्तराखण्ड में महत्वपूर्ण है। उन्होंने निवेशकों को राज्य में पूंजी निवेश करने के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग के क्षेत्र में एक अच्छा माहौल बना हुआ है। हमारे पास कुशल मानव संसाधन, सस्ती बिजली व कानून व्यवस्था है। उद्योग के क्षेत्र में राज्य से बेहतर वातावरण देश में किसी अन्य राज्य में नही मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में 13800 बच्चों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हमने एक लाख बच्चों को प्रशिक्षित कर स्किल करने का लक्ष्य रखा है। पूंजी निवेश के माध्यम से एम.एस.एम.ई. को और बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा करना है।
पंत ने कहा कि राज्य में एम.एस.एम.ई. के क्षेत्र में निवेश आने से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की काफी सम्भावनाएं हैं। सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्यमियों को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है, ताकि उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। इन्वेस्टर्स समिट के विभिन्न रोड़ शो के दौरान विभिन्न उद्यमियों व व्यापारिक संगठनों से मिले सुझावों को शामिल करते हुए दस नीतियां बनाई गईं। इनमें निवेश के अनुकूल प्राविधान किए गए हैं। मध्यम व लघु व्यवसायियों को कई तरह की सहूलियतें दी गई हैं। जीएसटी में छोटे व्यापारियों का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि 20 लाख तक के टर्नओवर के उद्यमों को जीएसटी के अन्तर्गत छूट प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में एम.एस.एम.ई. के उद्योग सहित अन्य बडे व छोटे उद्योग भी स्थापित है। पंत ने कहा कि निवेशक राज्य में पूंजी निवेश किस क्षेत्र में करें, इस हेतु हमने तीन प्रकार की श्रेणीयां बनाई है। उन्होंने कहा कि यदि उद्यमी पिथौरागढ़, चम्पावत, चमोली, उत्तरकाशी व हिमालय से लगे हुए क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करते है, तो भूमि खरीद में स्टाॅम्प शुल्क में सब्सिडी दी जायेगी।
पंत ने कहा कि प्रदेश में सड़क, रेल व वायु सेवा भी बेहतर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष 800 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता हैै। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक रोड कनैक्टिविटि बेहतर है। 250 तक की आबादी वाले गावों को भी सड़क मार्ग से जोडा गया है। कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल लाईन का कार्य भी गतिमान है। आॅल वेदर रोड का कार्य भी तेज गति से किया जा रहा है। आॅल वेदर रोड का कार्य पूर्ण होने के बाद सड़क कनैक्टिविटि और भी बेहतर होगी, जिससे आवागमन को और अच्छी सहूलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारी रोड कनैक्टिविटि बेहतर है, हम देश के बडे शहरों से जुड चुके है। उन्होंने कहा कि हमारी हवाई सेवा भी बेहतर है। देश के प्रमुख शहरों के लिये जौलीग्रांट एयरपोर्ट से हवाई सेवाएं प्रदान की जा रही है। जबकि प्रदेश में देहरादून से पंतनगर तक हवाई सेवा भी शुरू की गई है। इसके साथ ही आज उडान योजना के अन्तर्गत देहरादून से नैनीसैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ तक भी हवाई सेवा शुरू की जा चुकी है। इस अवसर पर एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित विभिन्न एमओयू हस्ताक्षरित किये गये।
इस अवसर पर अपर सचिव भारत सरकार राममोहन मिश्रा, प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार, महानिदेशक/आयुक्त उद्योग श्रीमती सौजन्या, उद्योग समूह के प्रतिनिधियों, विषय विशेषज्ञों, बैंकर्स सहित अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इन्वेस्टर्स समिट-2018 के दूसरे दिन हेल्थ केयर एण्ड विलनेस सेषन में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अष्वनी कुमार चैबे ने कहा कि उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन, योगा, ध्यान केन्द्र, पंचकर्म, नेचुरलपैथी आदि के क्षेत्र में निवेष की पर्याप्त संभावनाएं हैं। प्रदेश
के ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षक होंगे तथा योगाभ्यास के लिए ऋषिकेष एवं हरिद्वार के साथ अन्य पर्यटक स्थलों को पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि निवेषक राज्य में पर्यटन एवं योगा केेन्द्र अवस्थापना विकास में बेहिचक अधिकाधिक रूचि दिखायें। उन्होंने कहा कि राज्य के नैसर्गिक सौन्दर्य और आध्यात्मिक स्वरूप और भयमुक्त वातावरण को देखते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेष कर अपनी महति भूमिका निभायें। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी और अन्य जनपदों में आयुर्वेदिक चिकित्सालयों का निर्माण किया जा रहा है तथा राज्य में सिंगल विण्डों के माध्यम से निवेष के लिए बेहतरीय माहौल बनाया गया है। उन्होंने आनंदा, पतंजलि के साथ-साथ अन्य निवेषकों को भी आयुष, पंचकर्मा, योगा, मसाज आदि चिकित्सा के क्षेत्र में आगे आने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में अच्छे निवेष हेतु राज्य द्वारा कई क्षेत्रों में षिथिलीकरण भी कर दिया गया है और बेहतर निवेष हेतु सब्सिडी की सहायता भी निवेषकों को दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 50 करोड़ लोगों को 5 लाख तक की चिकित्सा हेतु बीमा किया गया है साथ ही 1300 करोड़ रूपये की धनराषि का प्राविधान विलनेष सेन्टरों के लिए किया है तथा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में भी धनराषि का प्राविधान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि योजना के संचालन के लिए आरोग्य मित्रों का भी रखा गया है।
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में अभी तक 3 हजार करोड़ का एमओयू हो चुका है और आगे आने वाली समय में बड़े निवेष की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में निवेष हेतु सभी परेषानियों को दूर किया जा रहा है जिसके लिए एकल खिड़की की व्यवस्था की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस समिट को देखते हुए राज्य के कई आयुर्वेदिक विद्यालयों ने आगामी सत्र से नेचुरल पैथोलाजी, ईष्पा, मसाज, योगा आदि पर नये विषयों को खोलने तथा उच्च स्तर पर कक्षायें संचालित करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि ब्रांडेड गु्रपों द्वारा अच्छे निवेष की संभावनाएं जताई हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक क्षेत्र में 40 प्रतिषत दवायें निर्मित की जा रही है और बड़े निवेष से राज्य में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में तेजी आयेगी और लोगों को रोजगार के साधन मुहय्या हो सकेंगे। उन्होंने निवेषकों को आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य में निवेष करने के लिए आमंत्रित किया।
सचिव, उत्तराखण्ड आर के सुधांषु ने कहा कि उत्तराखण्ड विगत कई वर्षो से आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के क्षेत्र में अग्रसर है और राज्य में बेहतर निवेष की संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में निवेष के लिए निवेषकों को आमंत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में आयुर्वेद के क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए कई प्रकार की छूट भी प्रदान की जा रही है। निवेषक सम्मेलन में आचार्य बालकृष्ण ने निवेषकों को निवेष हेतु आमंत्रित किया और कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं समेटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यहां दक्ष मानव संसाधन व उद्योग का बेहतर माहौल है और इस क्षेत्र में निवेष की आवष्कता है।
इस अवसर पर महेष नटराजन, सौम्यजीत राय, प्रोफेसर अभिमन्यु कुमार, रंजीत मेहता, डा.विजय धस्माना आदि ने भी संबोधित किया।