देहरादून। हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज और अपनी मांगों के साथ को लेकर आज देशव्यापी विरोध दिवस के अवसर पर विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने किसान विरोधी अध्यादेशों की प्रतियां जलाकर विरोध व्यक्त किया।
दीनदयाल पार्क में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आज पूरे देश की तरह उत्तराखण्ड में भी किसान इन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं ताकि संसद में सरकार को इसे कानून बनाने से रोका जा सके। आज केंद्र सरकार की किसान विरोधी, तानाशाही सोच के खिलाफ देशभर के किसान सड़कों पर हैं। वक्ताओं ने कहा कि यदि अध्यादेश कानून की शक्ल लेते हैं तो निश्चित तौर पर कृषि क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की घुसपैठ हो जाऐगी तथा इनका एकाधिकार हो जाऐगा।
उनका कहना था कि खुदरा बाजार तथा मण्डियों पर प्रतिबन्ध लगाकर कोरपोरेट को खुली लूट की छूट दे रही है। कारपोरेट खेती को बढ़ाकर आवश्यक वस्तु अधिनियम को बदलकर कारपोरेट को मनचाहा भण्डारण करने की खुली छूट दी जाऐगी। जिस कारण खाद्य सामग्री अत्यधिक मंहगी हो जायेगी। बिजली का भी निजीकरण करके प्रीपेड मीटर लगाने के आदेश जारी होने वाले हैं। हरियाणा में किसानों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए वक्ताओं ने किसानों के आन्दोलन के साथ एकजुटता का आहवान किया।
देहरादून दीनदयाल पार्क में आयोजति कार्यक्रम में किसान सभा, उत्तराखण्ड सर्वोदय मण्डल एवं जन श्रमजीवी यूनियन, स्वराज पार्टी, भूतपूर्व सैनिक, वन गुजर, उत्तराखण्ड सीएमडी, पीपुल्स फोरम, दस्तक आदि संगठन शामिल थे। इस अवसर पर सुरेन्द्र सिंह सजवाण, हरवीर कुशवाहा,पीसी थपलियाल,बच्चीराम कौसवाल, एसएस पांगती पूर्व आयुक्त, डाक्टर जितेन्द्र भारती, बिजय शंकर शुक्ला, बीजू नेगी, जयकृत कण्डवाल, दलजीत सिंह, सतीश धौलाखण्डी, याकूब अली, यूएन वलूनी, अनन्त आकाश, कमरूद्दीन, राजेन्द्र पुरोहित, प्रदीप, कृष्ण सिंह, अनूप सिंह आदि शामिल थे।